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Loksabha Election 2019: राजस्थान में 15 जिलाध्यक्ष बदले, वसुंधरा खेमे के पर कतर रही पार्टी?

राजस्थान की राजनीति में परिवर्तन पार्टी को वक्त और आगामी चुनावों की जरूरत बताया जा रहा है। हालांकि, इसके जरिए पार्टी राज्य में एक स्पष्ट संदेश देने का प्रयास भी कर रही है।

By Amit SinghEdited By: Published: Wed, 30 Jan 2019 12:11 PM (IST)Updated: Wed, 30 Jan 2019 12:19 PM (IST)
Loksabha Election 2019: राजस्थान में 15 जिलाध्यक्ष बदले, वसुंधरा खेमे के पर कतर रही पार्टी?
Loksabha Election 2019: राजस्थान में 15 जिलाध्यक्ष बदले, वसुंधरा खेमे के पर कतर रही पार्टी?

जयपुर [जागरण स्पेशल]। लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर जहां विपक्षी खेमा महागठबंधन कर एकजुट होता हुआ दिखने का प्रयास कर रहा है, वहीं भाजपा के अपने खेमे में ही खलबली मची हुई है। एक तरफ भाजपा के सहयोगी दल छिटक रहे हैं या अलग होने की चेतावनी दे रहे। दूसरी तरफ पार्टी के अपने खेमे में ही उठापटक चल रही है। इसका अंदाजा राजस्थान की राजनीति से लगाया जा सकता है।

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राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के राष्ट्रीय राजनीति में प्रवेश के बाद, प्रदेश भाजपा का संगठन तेजी से बदल रहा है। पार्टी ने एक साथ राज्य के 15 जिलों के अध्यक्ष बदल दिए हैं। खास बात ये है कि बदले गए जिला अध्यक्ष वसुंधरा खेमे के या पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी के करीबी माने जाते हैं। ऐसे में चर्चा तेज हो गई है कि भाजपा राजस्थान में वसुंधरा खेमे के पर कतर रही है। बताया जा रहा है कि प्रदेश भाजपा में अभी ये बदलाव की शुरूआत है। आने वाले दिनों में राज्य में और बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।

राजस्थान भाजपा में अब तक संगठन में ज्यादातर जिम्मेदारियां उन्हीं लोगों के पास रही है, जो पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे या उनके नजदीकी नेताओं के चहेते रहे हैं। राजे को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाए जाने के बाद यह माना जा रहा था कि राजस्थान भाजपा में उनका दखल कम होगा। हालांकि, राजे कह चुकी हैं कि वे राजस्थान से दूर नहीं जाएंगी और यहीं रह कर राष्ट्रीय दायित्व भी निभाएंगी।

इसके विपरीत पार्टी ने अब अपने स्तर पर राज्य में बदलाव करने शुरू कर दिए हैं। पहले नेता प्रतिपक्ष के पद पर संघ के करीबी माने जाने वाले गुलाबचंद कटारिया को नियुक्त किया गया और अब एक साथ 15 जिला अध्यक्ष बदल दिए गए हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है अब जिन्हें जिला अध्यक्ष बनाया गया है, उनमें से दो-तीन को छोड़कर सभी संघ परिवार के नजदीकी हैं।

राजस्थान में पार्टी के संगठनात्मक रूप से 41 जिले हैं और इसमें से 15 जिलों के जिला अध्यक्ष बदले गए हैं। इनमें जयपुर शहर भी शामिल है। यहां पार्टी ने संजय जैन को हटाकर पूर्व विधायक मोहनलाल गुप्ता को जिला अध्यक्ष बनाया है। उन्हें हटाए जाने का तात्कालिक कारण हाल में जयपुर नगर निगम में हुई बगावत बताया जा रहा है, जहां पार्टी का अधिकृत प्रत्याशी एक वोट से महापौर पद का चुनाव हार गया था।

इसके अलावा जयपुर देहात उत्तर, झुंझुनूं, भरतपुर, दौसा, करौली, उदयपुर शहर, उदयपुर देहात, राजसमंद, अजमेर शहर, जोधपुर देहात, जोधपुर शहर, सिरोही, बीकानेर देहात और चुरू के जिला अध्यक्ष को भी बदला गया है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि जिन जिलों में जिला अध्यक्ष बदले गए हैं, उनमें से उदयपुर देहात और उदयपुर शहर में उन लोगों को लगाया गया है, जो नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया की पसंद थे। इसके अलावा झुंझुनूं में प्रदेश अध्यक्ष मदनलाल सैनी की पसंद के व्यक्ति को जिला अध्यक्ष बनाया गया है।

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