Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'आपके पिताजी ने आरक्षण क्यों नहीं दिया' लेटरल एंट्री को लेकर BJP ने राहुल गांधी से पूछे सवाल

    केंद्र सरकार ने लेटरल एंट्री के विज्ञापन पर आज रोक लगा दी है। सरकार के इस यू-टर्न पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की प्रतिक्रिया सामने आई है। राहुल गांधी ने कहा संविधान और आरक्षण व्यवस्था की हम हर कीमत पर रक्षा करेंगे। वहीं राहुल गांधी के बयान पर भाजपा नेता ने पलटवार किया है। भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने राहुल गांधी को राजीव गांधी सरकार की याद दिलाई है।

    By Jagran News Edited By: Piyush Kumar Updated: Tue, 20 Aug 2024 04:51 PM (IST)
    Hero Image
    लेटरल एंट्री मामले पर राहुल गांधी के आरोपों का भाजपा ने जवाब दिया।(फोटो सोर्स: जागरण)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने मंगलवार को लेटरल एंट्री (Lateral Entry) के विज्ञापन पर रोक लगा दी है। कार्मिक मंत्री ने यूपीएससी चेयरमैन को पत्र लिखकर विज्ञापन पर रोक लगाने के आदेश दिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर सीधी भर्ती के विज्ञापन पर रोक लगा दी गई है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'लेटरल एंट्री’ जैसी साजिशों को हम नाकाम करेंगे: राहुल गांधी

    सरकार के इस यू-टर्न पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की प्रतिक्रिया सामने आई है। राहुल गांधी ने कहा, संविधान और आरक्षण व्यवस्था की हम हर कीमत पर रक्षा करेंगे। भाजपा की ‘लेटरल एंट्री’ जैसी साजिशों को हम हर हाल में नाकाम कर के दिखाएंगे।

    राहुल गांधी ने आगे लिखा,"मैं एक बार फिर कह रहा हूं - 50 प्रतिशत आरक्षण सीमा को तोड़ कर हम जातिगत गिनती के आधार पर सामाजिक न्याय सुनिश्चित करेंगे। जय हिन्द।"

    बीजेपी ने किया पलटवार 

    राहुल गांधी की टिप्पणी पर भाजपा सासंद सुधांशु त्रिवेदी ने पलटवार किया है। भाजपा सांसद ने कहा, "राहुल गांधी और उनके खानदान की आरक्षण और SC-ST, OBC को लेकर जो खानदानी विरासत है वो किसी से छिपी हुई नहीं है और उनकी अज्ञानता भी किसी से छिपी नहीं है।

    सुधांशु त्रिवेदी ने आगे कहा,"मैं राहुल गांधी से पूछना चाहता हूं कि हमारे(भाजपा) कैबिनेट के जो सचिव बने हैं वो किस बैच के हैं? उन्हें न पता हो तो हम बताते हैं कि वे 1987 बैच के हैं। जब उनकी(राहुल गांधी) पार्टी और उनके पिता जी की सरकार थी। उन्होंने क्यों OBC को आरक्षण नहीं दिया था?"

    पत्र में सरकार ने क्या लिखा है? 

    केंद्रीय कार्मिक मंत्री जितेंद्र सिंह ने यूपीएससी चेयरमैन को लिखे पत्र में बताया कि सरकार ने यह फैसला लेटरल एंट्री के व्यापक पुनर्मूल्यांकन के तहत लिया है। मोदी सरकार का मानना है कि सार्वजनिक नौकरियों में आरक्षण के साथ छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए।

    पत्र में आगे लिखा गया कि ये पद विशेष हैं ऐसे में इन पदों पर नियुक्तियों को लेकर आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है। इसकी समीक्षा और जरूरत के अनुरूप इनमें सुधार की जरूरत है क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी का पूरा फोकस सामाजिक न्याय की ओर है।

    लेटरल एंट्री पर बीजेपी ने क्या कहा है? 

    सरकार के इस फैसले पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि एनडीए सरकार ने लेटरल एंट्री को लागू करने के लिए एक पारदर्शी तरीका बनाया है। यूपीएससी के माध्यम से पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से भर्तियां की जाएंगी। इस सुधार से प्रशासन में सुधार होगा।

    भाजपा ने कहा था कि लेटरल एंट्री का प्रस्ताव कांग्रेस शासन में लाया गया था। वहीं, मनमोहन सिंह, मोंटेक सिंह अहलूवालिया, सैम पित्रोदा सरीखे लोगों को लेटरल एंट्री के जरिए ही कांग्रेस शासन में सरकार का हिस्सा बनाया गया था।

    यह भी पढ़ें: UPSC में नहीं होगी सीधी भर्ती! लेटरल एंट्री विज्ञापन पर मोदी सरकार ने लगाई रोक