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Koo Studio चुनावी तर्क वितर्क- क्या हैं योगी सरकार 2.0 की चुनौतियां व कैसी रहेगी आगे की राह

योगी आदित्यनाथ भाजपा के सबसे लोकप्रिय चेहरा बन चुके हैं। ऐसे में उनके दूसरे कार्यकाल को लेकर ज्यादा अपेक्षाएं हैं। योगी सरकार 2.0 के सामने कई चुनौतियां हैं। इस एपिसोड में इन सभी मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई है...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 28 Mar 2022 10:06 PM (IST)Updated: Mon, 28 Mar 2022 10:15 PM (IST)
Koo Studio चुनावी तर्क वितर्क- क्या हैं योगी सरकार 2.0 की चुनौतियां व कैसी रहेगी आगे की राह
जानें योगी सरकार 2.0 के सामने क्‍या हैं चुनौतियां...

उत्तर प्रदेश में एक बार फिर पूर्ण बहुमत के साथ भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी है। योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में भाजपा का यह प्रदर्शन उनके कद को और भी बढ़ाता है। वर्तमान समय में लोकप्रियता के मामले में योगी आदित्यनाथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बाद भारतीय जनता पार्टी के सबसे लोकप्रिय चेहरा बन चुके हैं। ऐसे में उनके दूसरे कार्यकाल को लेकर जनता व पार्टी के बीच काफी ज्यादा अपेक्षाएं हैं।

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इस चुनाव को 2024 के लोकसभा चुनाव के सेमीफाइनल के रूप में देखा जा रहा है। जिसका सीधा असर योगी सरकार के नए मंत्रिमंडल पर भी दिखाई देता है। नए मंत्रिमंडल में पिछड़ा वर्ग व दलित वर्ग के मंत्रियों की संख्या ज्यादा होना इस बात को स्पष्ट करता है। इसके अतिरिक्त और क्या अन्य मुद्दे एवं चुनौतियां हैं जो योगी सरकार 2.0 के सामने हैं, चुनावी तर्क वितर्क के इस एपिसोड में इन सभी बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा किया गया। इस चर्चा में Kamlesh Raghuvanshi, एडिटर ऑनलाइन, दैनिक जागरण ग्रुप व Pratyush Ranjan, एग्जीक्यूटिव एडिटर, Jagran New Media ने हिस्सा लिया।

योगी मंत्रिमंडल में इस बार 32 नए चेहरों को शामिल किया गया है। एक मात्र मुस्लिम चेहरे दानिश आजाद को जगह देकर योगी सरकार ने अल्पसंख्यक समुदाय को भी एक संदेश देने का प्रयास किया है। दानिश मुस्लिम समुदाय में भी अतिपिछड़ा वर्ग से आते हैं। उनका मंत्रिमंडल में शामिल होना अल्पसंख्यक समुदाय को स्पष्ट संदेश देता है कि इस सरकार में मुख्य धारा के मुस्लिमों की अपेक्षा हाशिये पर रहने वाले वर्ग को अपनी तरफ शामिल करने का प्रयास किया गया है।

योगी सरकार के सामने आने वाली प्रमुख चुनौतियों में छुट्टा मवेशियों की समस्या को हल करना एक प्रमुख चुनौती है। चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी 10 मार्च तक छुट्टा मवेशियों की समस्या को हल करने की बात की थी। इसके अतिरिक्त प्रचार के दौरान विपक्ष ने जिस एक मुद्दे पर सरकार पर सबसे ज्यादा हमले किये उनमें से प्रमुख छुट्टा मवेशियों की समस्या ही थी। साथ ही राज्य पर बढ़े 8 लाख करोड़ के कर्ज का भुगतान व बेरोजगारी की समस्या को हल करना सरकार के सामने सबसे प्रमुख चुनौती है।

उत्तर प्रदेश का चुनाव 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। भारतीय जनता पार्टी ने इस चुनाव के साथ ही लोकसभा चुनाव की तैयारी भी शुरू कर दी है। जिसके लिए मध्यप्रदेश में चिंतन बैठक का आयोजन शुरू किया है।

उत्तर प्रदेश लोकसभा सीटों की दृष्टि से सबसे बड़ा राज्य होने के नाते भाजपा के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। यह चुनाव केवल दो दलों के बीच लड़ा गया जो कि भाजपा व समाजवादी पार्टी प्रमुख हैं। हालांकि लोकसभा चुनाव अपने आप में बिल्कुल अलग होते हैं। ये चुनाव राष्ट्रीय मुद्दे पर लड़ा जाता है। ऐसे में विपक्षी पार्टियों का बिखराव भाजपा के लिए निश्चित रूप से लाभदायक रहेगा।  

इसके अतिरिक्त योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल के समक्ष आने वाली कई अन्य चुनौतियों पर भी चर्चा किया गया। इस पूरी चर्चा को देखने के लिए अभी देखें यह वीडियो- 

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Note - यह आर्टिकल ब्रांड डेस्‍क द्वारा लिखा गया है।


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