Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    President Election 2022: क्या है राष्ट्रपति चुनाव में मतों का गणित और कौन करता है वोटिंग, जानिए इससे जुड़े हुए कई सवाल

    By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By:
    Updated: Tue, 21 Jun 2022 10:42 PM (IST)

    सत्ता पक्ष और विपक्ष की ओर से उम्मदीवारों के नाम आ जाने के बाद एक बार फिर से देश में राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। आइये जानते हैं देश में किस तरह से राष्ट्रपति के चुनाव होते हैं और क्या है इसकी पूरी प्रक्रिया...

    Hero Image
    देश में 18 जुलाई को है राष्ट्रपति का चुनाव

    नई दिल्ली, [जागरण स्पेशल]। राष्ट्रपति चुनाव के लिए एनडीए और विपक्ष ने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है। एनडीए ने द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाया है। वह झारखंड की पूर्व राज्यपाल रह चुकी हैं। इसके साथ ही मंगलवार को विपक्ष ने पूर्व केंद्रीय मंत्री व टीएमसी नेता यशवंत सिन्हा को राष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित किया है। दोनों ही ओर से उम्मदीवारों के नाम आ जाने के बाद एक बार फिर से देश में राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। आइये जानते हैं देश में किस तरह से राष्ट्रपति के चुनाव होते हैं और क्या है इसकी पूरी प्रक्रिया...

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    -राष्ट्रपति चुनाव में विधायक, लोकसभा और राज्यसभा सदस्य करते हैं मतदान

    -चुनाव में कुल 4,809 सांसद व विधायक वोटिंग करेंगे। इनमें 776 सांसद (लोकसभा व राज्यसभा के चुने गए सदस्य) और 4,033 विधायक होंगे

    -सांसदों और विधायकों के वोट का मूल्य अलग होता है। मतदाता द्वारा एक ही वोट में कई प्रत्याशियों को प्राथमिकता तय की जाती है

    - 5,43,200 है सांसदों के कुल वोट का मूल्य, एक मत का मूल्य 700 है

    - सभी विधायकों के मतों के मूल्य को कुल सांसदों की संख्या से भाग देकर एक संसद सदस्य के वोट का मूल्य तय होता है

    - 5,43,231 है विधायकों के कुल मतों का मूल्य

    - 208 है उत्तर प्रदेश के एक विधायक के मत का मूल्य, जो राज्यों में सर्वाधिक है

    - 7 है सिक्किम के एक विधायक के मत का मूल्य, यह सबसे कम मत मूल्य है

    यह है समीकरण

    -भाजपा की अगुआई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के पास कुल 10.86 लाख मतों के पचास प्रतिशत से थोड़ा कम 5,26,420 मत हैं।

    -ऐसे में राजग को किसी दल का समर्थन लेना पड़ेगा। जिसमें वाईएसआर कांग्रेस और बीजू जनता दल हैं।

    -बीते दिनों वाईएसआर कांग्रेस के प्रमुख जगनमोहन और बीजद के प्रमुख नवीन पटनायक दिल्ली में पीएम नरेन्द्र मोदी से भेंट कर चुके हैं।

    -दोनों दलों ने वर्ष 2017 में राजग के प्रत्याशी राम नाथ कोविन्द को समर्थन दिया था।

    -राजग को राष्ट्रपति चुनाव में जीत के लिए लगभग 13,000 वोट की कमी है। बीजद के पास 31 हजार से अधिक मत हैं जबकि वाईएसआर कांग्रेस के पास 43,000 से ज्यादा मत हैं। स्वाभाविक है कि इनमें से किसी एक का भी समर्थन राजग के लिए पर्याप्त होगा।

    विपक्ष की स्थिति

    कांग्रेस की अगुआई वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के पास लगभग 2,59,800 मत हैं। इसमें कांग्रेस के पास सर्वाधिक लगभग 1,45,000 मत हैं।

    -गैर संप्रग विपक्षी दलों की बात करें तो उनके पास लगभग 2,92,800 मत हैं। ऐसे में संयुक्त रूप से विपक्षी दलों के पास 5,52,000 से अधिक मत हैं।

    -हाल ही में हुए राज्यसभा चुनाव के कारण दलों के मतों की संख्या में थोड़ा बदलाव हो सकता है, लेकिन यह इतना नहीं होगा कि चुनाव को बड़े स्तर पर प्रभावित कर सके।