आप भी जानिये आखिर क्या है इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक, जो पहुुंचेगा आपके द्वार
आज से देश के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले गरीब और पिछड़े भी डाकियों के जरिए बैंकिंग सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे।
नई दिल्ली (जागरण ब्यूरो)। आज से देश के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले गरीब और पिछड़े भी डाकियों के जरिए बैंकिंग सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे। यह संभव होगा इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक से, जिसका आज 650 शाखाओं और 3250 एक्सेस प्वाइंट के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों उद्घाटन होनेे वाला है।आइए जाने कि इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक अर्थात आइपीपीबी क्या है और इस सेवाएं दूसरी बैंकिंग सेवाओं से किस प्रकार भिन्न है।
-आइपीपीबी उन गांवों तक बैंकिंग सेवाएं पहुंचाएगा जहां सामान्य बैंकों की पहुंच नहीं है।
-आइपीपीबी का मूलमंत्र 'आपका बैंक, आपके द्वार' है। जिसमें ग्राहक को बैंक शाखा जाने की जरूरत नहीं होगी। बैंक डाकियों के मार्फत खुद ग्राहक तक पहुंचेगा।
-आइपीपीबी के लिए 1435 करोड़ रुपये की लागत से अलग तकनीकी ढांचा उपलब्ध कराया जा रहा है।
-इसके तहत बचत खाता चालू खाता, मनी ट्रांसफर तथा प्रत्यक्ष लाभांतरण के अलावा बिल, यूटिलिटी एवं व्यापारिक भुगतान जैसी अनेक सेवाएं प्राप्त होंगी।
-यह देश का सबसे आसान, किफायती तथा भरोसेमंद बैंक होगा। अनपढ़ से अनपढ़ व्यक्ति भी इस प्रणाली का उपयोग कर सकता है।
-इसमें खाताधारक को अपना खाता अथवा पिन नंबर आदि याद रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
-इसमें अधिकतम एक लाख रुपये जमा कराये जा सकते हैं। इससे अधिक राशि स्वत: डाकघर बचत बैंक खाते में जमा हो जाएगी।
-इसके लिए इसे 17 करोड़ डाकघर बचत खातों से जोड़ा गया है। आइपीपीबी बचत खाते में 4 फीसद ब्याज मिलेगा।
-ग्राहक को एक क्यूआर कार्ड मिलेगा। जबकि डाकिये के पास पीओएस मशीन होगी। पैसा जमा करने या भेजने के लिए क्यूआर कार्ड को पीओएस मशीन में डालने के बाद अंगुली रखनी होगी।
-डाक विभाग के तत्वावधान में स्थापित आइपीपीबी में सरकार की सौ फीसद पूंजी लगी है।
-यह काउंटर सेवाओं के अलावा माइक्रो एटीएम, मोबाइल बैंकिंग ऐप, मेसेज तथा इंटरैक्टिव वॉइस रिस्पांस सिस्टम (आइवीआरएस) जैसे विविध उत्पाद पेश करेगा।
-आइपीपीबी को सीधे ऋण देने अथवा बीमा पॉलिसी बेचने की अनुमति नहीं है। लेकिन थर्ड पार्टी अनुुबंधों के जरिए वह ऐसा कर सकेगा।
-ऋण एवं प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के लिए आइपीपीबी ने पंजाब नेशनल बैंक से, जबकि जीवन बीमा के लिए बजाज आलियांज के साथ करार किया है।
-31 दिसंबर तक देश के सभी 1.55 लाख डाकघर आइपीपीबी के एक्सेस प्वाइंट के रूप में काम करने लगेंगे।
- इनमें से 1.30 लाख एक्सेस प्वाइंट गांवों में तथा बाकी 25 हजार शहरों में होंगे।
-देश के सभी 40 हजार डाकियों और 2.40 लाख ग्रामीण डाक सेवकों को इस काम में लगाया जाएगा।
-इसके लिए इन्हें प्रशिक्षण दिया जा रहा है। अब तक 18 हजार कर्मी प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं।
-डाक सेवकों को आइपीपीबी के लाभ का 25 फीसद, जबकि डाक विभाग को 5 प्रतिशत कमीशन मिलेगा
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