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    'इसे अलग देश बना दो, यहां रहना गुलामों जैसा'; केरल के नेता ने किस इलाके को लेकर कह दी ये बात?

    केरल के मलप्पुरम के एक स्थानीय नेता वेल्लापल्ली नटेसन ने कहा कि मुस्लिम बहुल क्षेत्र मलप्पुरम को एक अलग देश बना देना चाहिए। नटेशन ने शुक्रवार को चंगठारा क्षेत्र में एक सम्मेलन के दौरान कहा कि हकीकत ये है कि पिछड़े समुदायों के लोगों को मलप्पुरम में सामाजिक राजनीतिक शैक्षिक और आर्थिक न्याय से वंचित किया जा रहा है। एसएनडीपी केरल में एझावा समुदाय का प्रतिनिधित्व करती है।

    By Agency Edited By: Piyush Kumar Updated: Tue, 08 Apr 2025 06:49 PM (IST)
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    केरल के एक स्थानीय नेता ने मलप्पुरम को एक अलग देश बनाने की बात कह दी।(फोटो सोर्स: फाइल फोटो)

    पीटीआई, कोझिकोड। केरल के मलप्पुरम के एक स्थानीय नेता वेल्लापल्ली नटेसन ने मुस्लिम बहुल क्षेत्र मलप्पुरम को एक अलग देश बताया है। इससे विवाद खड़ा हो गया है। उनके इस बयान पर इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आइयूएमएल) और अन्य राजनीतिक दलों की ओर से तीखी प्रतिक्रियाएं आई हैं।

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    उनके शब्दों को गलत तरीके से पेश किया गया: वेल्लापल्ली

    इस पर श्री नारायण धर्म परिपालन (एसएनडीपी) योगम के महासचिव वेल्लापल्ली ने अपने बयान का बचाव करते हुए कहा कि उनके शब्दों को गलत तरीके से पेश किया गया है। वैसे यह विवाद केरल की राजनीति में एक नई बहस को जन्म दे सकता है। यहां धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान अक्सर राजनीतिक चर्चा का विषय बनती रही है। उधर, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस प्रकार के बयान केवल राजनीतिक लाभ के लिए दिए जाते हैं, लेकिन ये समाज में विभाजन को बढ़ावा देते हैं।

    नटेसन ने मुस्लिम बहुल मलप्पुरम को कुछ लोगों का एक अलग राज्य बताया था। हंगामा मचने के बाद नटेसन ने कहा कि उन्होंने मुस्लिम समुदाय के खिलाफ कुछ नहीं कहा। उन्होंने आरोप लगाया कि आइयूएमएल के कुछ नेता उन्हें मुस्लिम विरोधी के तौर पर प्रचारित करने का प्रयास कर रहे हैं।

    वेल्लापल्ली नटेसन ने आखिर कहा क्या था?

    नटेशन ने शुक्रवार को चंगठारा क्षेत्र में एक सम्मेलन के दौरान कहा कि हकीकत ये है कि पिछड़े समुदायों के लोगों को मलप्पुरम में सामाजिक, राजनीतिक, शैक्षिक और आर्थिक न्याय से वंचित किया जा रहा है।

    बता दें कि एसएनडीपी केरल में संख्यात्मक रूप से मजबूत एझावा समुदाय का प्रतिनिधित्व करती है। यह नहीं, नटेसन ने सवाल किया कि धर्मनिरपेक्षता को कायम रखने का दावा करने वाली आइयूएमएल ने मलप्पुरम में यहां तक कि पंचायत चुनाव में भी गैर-मुस्लिम उम्मीदवार क्यों नहीं मैदान में उतारा।

    उन्होंने आगे कहा, "मलप्पुरम में ताजा हवा में सांस नहीं ले सकते। यहां स्वतंत्र विचार व्यक्त करना भी मुश्किल है। मलप्पुरम एक अलग देश है, यह एक अलग लोगों का राज्य है।"

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