Karnataka Trust Vote: तो क्या मायावती की वजह से कुमारस्वामी 100 का आकड़ा नहीं छू पाए?
यहां 6 वोट का अंतर कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन को गिरा गया और 99 वोट ही पक्ष में गिर पाए। गठबंधन सरकार 100 का आकड़ा छू सकती थी लेकिन बावजूद इसके उनके घर का वोट भी उन्हें नहीं मिल सका।
बेंगलुरु, एजेंसी। Karnataka Trust Vote, कर्नाटक क्राइसिस का शोर आखिरकार कुमारस्वामी सरकार के गिरने के बाद अब बंद हो चला है। अब बस हर तरफ एक ही बात हो रही है और वो यह की कर्नाटक विधानसभा में कुमारस्वामी बहुमत साबित नहीं कर सके। जी हां, मंगलवार शाम को कुमारस्वामी ने सदन में विश्वास मत प्रस्ताव पेश किया, जिसके बाद स्पीकर ने वोटिंग कराई सदन में इस दौरान कुमारस्वामी सरकार के पक्ष में 99 और विपक्ष में 105 वोट पड़े। इस प्रकार गठबंधन सरकार गिर गई।
यहां 6 वोट का अंतर कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन को गिरा गया और 99 वोट ही पक्ष में गिर पाए। गठबंधन सरकार 100 का आकड़ा छू सकती थी, लेकिन बावजूद इसके उनके घर का वोट भी उन्हें नहीं मिल सका। घर का इसलिए क्योंकि वोटिंग से एक दिन पहले ही सोमवार को बसपा प्रमुख मायावती ने कर्नाटक में अपनी पार्टी के विधायक को निर्देशित किया था कि वह कुमारस्वामी के समर्थन में वोट दे।
सत्तारूढ़ कांग्रेस-जदएस सरकार पर मंडरा रहे संकट के बादलों के बीच कुमारस्वामी को मायावती ने सहारा तो दिया, पर मंगलवार को जब वोटिंग शुरू हुई तो वो विधायक ट्रस्ट वोट करने में इच्छुक ही नहीं लगे और उन्होंने इसमें हिस्सा नहीं लिया। वहीं, निर्देश के बाद भी विधायक का कुमारस्वामी सरकार के लिए वोट ना करना मायावती को पसंद नहीं आया। उन्होंने तत्काल प्रभाव से विधायक एन महेश को पार्टी से निष्कासित कर दिया।
कर्नाटक में कुमारस्वामी सरकार के समर्थन में वोट देने के पार्टी हाईकमान के निर्देश का उल्लंघन करके बीएसपी विधायक एन महेश आज विश्वास मत में अनुपस्थित रहे जो अनुशासनहीनता है जिसे पार्टी ने अति गंभीरता से लिया है और इसलिए श्री महेश को तत्काल प्रभाव से पार्टी से निष्कासित कर दिया गया।— Mayawati (@Mayawati) July 23, 2019
हालांकि, आपको बता दें कि मायावती का राजनीति प्रेम हर दिन बदलता रहा है। सोमवार को उन्होंने विधायक को निर्देशित किया, लेकिन रविवार को उन्होंने ही महेश को फ्लोर टेस्ट में शामिल नहीं होने के लिए कहा था।बसपा विधायक एन महेश ने फ्लोर टेस्ट में शामिल होने पर कहा था कि, 'मुझे मायावती जी ने निर्देश दिया है, इसलिए मैं कर्नाटक विधानसभा में होने वाले फ्लोर में भाग नहीं लूंगा।'
बता दें कि पहले से ही कुमारस्वामी सरकार अल्पमत में चल रही थी। ऐसे में एक-एक वोट सरकार को बचाने के लिए कीमती था, लेकिन अब आखिरकार मायावती का एक वोट भी उन्हें नहीं मिल सका। हालांकि, उनकी हार 6 वोट से पीछे रहने पर हुई हो, मगर एक दिन पहले एक वोट को पूर्ण रूप से अपना मान चले कुमारस्वामी के लिए ये भी कोई बड़े झटके से कम नहीं था।