'क्यों आए हैं यहां?', मैसूरु दशहरा उत्सव को लेकर हुआ विवाद; CM सिद्दारमैया ने मंच से लोगों पर निकाला गुस्सा
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया मैसूरु दशहरा उत्सव के उद्घाटन में गुस्सा हो गए। उन्होंने कुछ लोगों पर ठीक से न बैठने और हलचल करने पर नाराज़गी जताई। सिद्दारमैया ने कहा कि वे थोड़ी देर भी नहीं बैठ सकते तो कार्यक्रम में क्यों आए। मैसूरु दशहरा उद्घाटन को लेकर पहले से ही विवाद था क्योंकि बुकर पुरस्कार विजेता बानु मुश्ताक को आमंत्रित किया गया था।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने सोमवार को मैसूरु दशहरा उत्सव के उद्घाटन कार्यक्रम में मंच से ही गुस्सा दिखाया। सीएम ने सामने बैठे कुछ लोगों पर नाराजगी जताते हुए कहा कि वे ठीक से नहीं बैठ रहे थे और बार-बार हलचल कर रहे थे।
सिद्दारमैया ने कहा, "क्या आप थोड़ी देर बैठ नहीं सकते? क्यों आए हैं यहां, घर पर ही रहते। पुलिस इन्हें जाने मत दे। आधे घंटे या एक घंटे भी बैठ नहीं सकते तो फिर कार्यक्रम में क्यों आए?" यह वाकया उस समय हुआ जब मैसूरु में 11 दिन तक चलने वाले दशहरा महोत्सव की शुरुआत हुई।
मैसूरु दशहरा उद्घाटन को लेकर खड़ा हुआ विवाद
इस बार मैसूरु दशहरा उद्घाटन को लेकर पहले से ही विवाद खड़ा हो गया था। राज्य सरकार ने बुकर पुरस्कार विजेता लेखिका बानु मुश्ताक को उद्घाटन के लिए आमंत्रित किया था। बीजेपी नेताओं और कुछ संगठनों ने इसका विरोध किया।
विरोध की वजह यह थी कि सोशल मीडिया पर उनका पुराना वीडियो वायरल हुआ, जिसमें उन्होंने कहा था कि कन्नड़ भाषा को देवी मानना उन्हें सही नहीं लगता क्योंकि यह अल्पसंख्यक को बाहर कर देता है। आलोचकों क आरोप था कि बानु मुश्ताक के पहले भी कुछ बयान आए हैं जिन्हें 'हिंदू विरोधी' और 'कन्नड़ विरोधी' बताया गया।
सिद्दारमैया ने किया बचाव
विरोध के बीच मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने बानु मुश्ताक का बचाव किया। उन्होंने कहा, द"शहरा किसी एक धर्म या जाति का त्योहार नहीं है, यह सबका त्योहार है। बानु मुश्ताक जन्म से मुस्लिम हैं, लेकिन सबसे पहले इंसान हैं। इंसानों को आपस में प्यार और सम्मान करना चाहिए।"
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