केवल पांच फीसद वोटों के अंतर से जेडीएस के हाथ से निकल गईं 18 सीटें, तो वहीं कांग्रेस को हुआ 56 सीटों का फायदा
आंकड़ों के मुताबिक मौजूदा स्थिति में जेडीएस को करीब पांच फीसदी वोटों का नुकसान हुआ है और ऐसा माना जा रहा है कि वही पांच फीसदी वोट कांग्रेस के पाले में गए। जिसके चलते पार्टी 2018 के आंकड़ों की तुलना में करीब 56 सीटें ज्यादा जीतने में सफल रही है।

बेंगलुरु, ऑनलाइन डेस्क: कर्नाटक विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को मिला स्पष्ट बहुमत पार्टी के लिए मई की तपिश में बारिश की फुहार की तरह है। देश में राजनीतिक तौर पर अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रही कांग्रेस के लिए कर्नाटक की 224 सदस्यीय विधानसभा में जीत के कई मायने हैं। कर्नाटक में साल 2018 के दौरान हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने 80 सीटों पर जीत हासिल की थी। जबकि भाजापा 104 सीटें झटकने में कामयाब रही थी और जेडीएस को 37 सीटें मिली थीं।
जेडीएस को करीब पांच फीसदी वोटों का नुकसान
आंकड़ों के मुताबिक मौजूदा स्थिति में जेडीएस को करीब पांच फीसदी वोटों का नुकसान हुआ है और ऐसा माना जा रहा है कि वही पांच फीसदी वोट कांग्रेस के पाले में गए। जिसके चलते पार्टी 2018 के आंकड़ों की तुलना में करीब 56 सीटें ज्यादा जीतने में सफल रही है। पिछले चुनावों में भाजपा ने 104 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि पार्टी को इस बार करीब 65 सीटों से ही संतोष करना पड़ सकता है। वहीं जेडीएस ने 2018 के चुनावों में 37 सीटों पर जीत दर्ज कर 18.3 फीसदी वोट झटके थे। जबकि इस बार पार्टी 19 सीटों पर जीत दर्ज कर 13.3 वोट हासिल करने में ही सफल रही है।
भाजपा की यथास्थिती बरकरार
वहीं अगर कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 में भाजपा के वोट शेयर की बात करें, तो पार्टी की यथास्थिती बरकरार है। साल 2018 के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 36.35 फीसदी वोट हासिल किए थे, वहीं मौजूदा स्थिती में भी पार्टी करीब 35.95 फीसद वोट हासिल करती दिख रही है। ऐसे में अगर 2018 और 2023 के आंकड़ों का तुलनात्मक अध्ययन किया जाए, तो महज 0.40 फीसद का ही अंतर है। ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा की भाजपा कर्नाटक में अपना जनाधार बचाने में सफल रही है।
कांग्रेस की दमदार वापसी
देश में राजनीतिक तौर पर अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रही कांग्रेस को कर्नाटक चुनाव के नतीजों ने बड़ी राहत दी है। हिमाचल प्रदेश के बाद कर्नाटक में कांग्रेस की यह दूसरी चुनावी जीत है। दिसंबर-2022 में हिमाचल विधानसभा चुनाव संपन्न कराए गए थे। यहां 68 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 35 है। कांग्रेस को यहां कुल 40 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। पार्टी ने जीत का सेहरा हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के सिर बांधा था।
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