'सरकार ने फैसला थोपा है', धनखड़ के इस्तीफे को लेकर कांग्रेस हमलावर; टाइमिंग पर उठाए सवाल
Jagdeep Dhankhar Resignation उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे से देश की राजनीति में हलचल है। कांग्रेस सांसद नीरज डांगी ने इसे सरकार के दबाव में लिया गया फैसला बताया है। धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया है लेकिन विपक्षी नेता इसकी टाइमिंग पर सवाल उठा रहे हैं। कांग्रेस सांसदों ने हैरानी जताते हुए कहा कि धनखड़ सुबह तक संसद में थे और फिर इस्तीफा दे दिया।

एएनआई, नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे ने देश की सियासत में हलचल मचा दी है। कांग्रेस सांसद नीरज डांगी ने इस इस्तीफे को लेकर बड़ा बयान दिया है, जिसमें उन्होंने दावा किया कि यह फैसला धनखड़ साहब की मर्जी से नहीं, बल्कि सरकार के दबाव में लिया गया है।
धनखड़ ने सोमवार को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद विपक्षी नेताओं ने इसकी टाइमिंग और वजहों पर सवाल उठाए हैं।
डांगी ने एएनआई से बात करते हुए कहा, "ये खबर बहुत चौंकाने वाली और हैरान करने वाली है। अचानक शाम को ये खबर आई कि धनखड़ साहब ने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दे दिया। लेकिन हमें लगता है कि स्वास्थ्य की बात अचानक सामने आना सवाल उठाता है। पिछले सत्र में भी उनकी तबीयत खराब हुई थी, मगर वो तीसरे-चौथे दिन फिर लौट आए थे।"
'सरकार ने उन पर ये फैसला थोपा'
कांग्रेस सांसद ने आगे कहा, "हमें लगता है कि ये इस्तीफा सरकार के दबाव में हुआ है। शायद सरकार ने उन पर ये फैसला थोपा हो। ये देश और इसके लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए ठीक नहीं है। मुझे लगता है कि भारत के इतिहास में ये पहली बार हुआ है कि किसी उपराष्ट्रपति ने खुद इस्तीफा दिया हो। सरकार हर हाल में अपनी मनमानी करना चाहती है और ये बात सबके सामने है।"
वहीं, कांग्रेस सांसद किरण कुमार चमाला ने भी इस इस्तीफे को हैरान करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि सुबह तक धनखड़ संसद में थे और उन्होंने सभी दलों से एकजुट होकर देश के लिए काम करने की बात कही थी।
चमाला ने एएनआई से कहा, "सुबह वो राज्यसभा में थे और उन्होंने बहुत अच्छी बातें कहीं। उन्होंने कहा कि सभी दल मिलकर देश की बेहतरी के लिए काम करें। लेकिन शाम होते-होते ये इस्तीफा? ये समझ से परे है।"
इमरान मसूद से टाइमिंग पर उठाए सवाल
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने भी इस इस्तीफे की टाइमिंग पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "धनखड़ साहब दिनभर संसद भवन में थे। फिर एक घंटे में ऐसा क्या हो गया कि उन्हें इस्तीफा देना पड़ा? हम दुआ करते हैं कि अल्लाह उन्हें लंबी और सेहतमंद जिंदगी दे। लेकिन इस इस्तीफे की वजह समझ नहीं आ रही।"
इस बीच, उपराष्ट्रपति सचिवालय ने बताया था कि धनखड़ मंगलवार को जयपुर, राजस्थान के एकदिवसीय दौरे पर जाने वाले थे। वहां वे रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (CREDAI) के नए चुने गए सदस्यों से मुलाकात करने वाले थे। लेकिन सोमवार को अचानक उनके इस्तीफे की खबर ने सबको चौंका दिया।
उपराष्ट्रपति ने अपने इस्तीफे में क्या लिखा?
धनखड़ ने अपने इस्तीफे में लिखा, "मैं स्वास्थ्य कारणों और डॉक्टरी सलाह के चलते भारत के उपराष्ट्रपति पद से तुरंत प्रभाव से इस्तीफा दे रहा हूं।" उन्होंने राष्ट्रपति को अपने पत्र में उनका साथ और समर्थन देने के लिए शुक्रिया अदा किया। इसके साथ ही, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी मंत्रिपरिषद का भी आभार जताया।
धनखड़ ने कहा, "प्रधानमंत्री का सहयोग और समर्थन मेरे लिए बहुत कीमती रहा। मैंने इस पद पर रहते हुए बहुत कुछ सीखा। सांसदों का प्यार, भरोसा और सम्मान मेरे लिए हमेशा यादगार रहेगा।" उन्होंने भारत की वैश्विक तरक्की और आर्थिक विकास की तारीफ करते हुए कहा कि इस दौर में देश की सेवा करना उनके लिए सम्मान की बात रही।
देश के 14वें उपराष्ट्रपति थे जगदीप धनखड़
धनखड़ का इस्तीफा संसद के मॉनसून सत्र के पहले दिन आया। वे 11 अगस्त 2022 को भारत के 14वें उपराष्ट्रपति बने थे और इस दौरान वे राज्यसभा के सभापति भी रहे। उनके अचानक इस्तीफे ने सियासी गलियारों में कई सवाल खड़े कर दिए हैं। विपक्ष का कहना है कि इसकी असल वजह सामने आनी चाहिए, ताकि देश की जनता को सच पता चल सके।
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