Move to Jagran APP

सचिन पायलट के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है राजस्‍थान का सीएम बनने की मंशा, लटकी रहेगी तलवार

कांग्रेस के अध्‍यक्ष पद के चुनाव के लिए राजस्‍थान के सीएम अशोक गहलोत ने उतरने का मन बना लिया है। ऐसे में यदि वो जीत जाते हैं तो उन्‍हें सीएम पद छोड़ना होगा। तब सचिन के हाथों में सीएम की कुर्सी आ सकती है।

By JagranEdited By: Kamal VermaPublished: Sat, 24 Sep 2022 02:51 PM (IST)Updated: Sat, 24 Sep 2022 02:51 PM (IST)
सचिन पायलट के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है राजस्‍थान का सीएम बनने की मंशा, लटकी रहेगी तलवार
गहलोत ने कांग्रेस अध्‍यक्ष के चुनाव में उतरने को हामी दे दी है।

नई दिल्‍ली (आनलाइन डेस्‍क)। कांग्रेस के नए अध्‍यक्ष को लेकर जो प्रक्रिया शुरू हुई है उसमें राजस्‍थान के सीएम अशोक गहलोत के उतरने के बाद ये जंग काफी दिलचस्‍प हो गई है। दिलचस्‍प होने की एक वजह ये है कि यदि वो इस पद के लिए चुन लिए जाते हैं तो उन्‍हें राजस्‍थान का सीएम पद छोड़ना होगा। उनके बाद इस पद पर सचिन पायलट की दावेदारी काफी मजबूत हो जाएगी। सचिन पायलट काफी समय से इस वक्‍त का इंतजार भी कर रहे थे। लेकिन यदि सभी कुछ सही भी रहा तो भी सचिन पायलट के लिए राहें मुश्किल ही होने वाली हैं।

loksabha election banner

2023 के अंत में होगी राजस्‍थान में चुनाव  

वरिष्‍ठ राजनीतिक विश्‍लेषक कमर आगा का कहना है कि राजस्‍थान में अगले वर्ष के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। राजस्‍थान का चुनावी इतिहास बताता है कि यहां पर कोई भी सरकार दोबारा नहीं आई है। यहां पर चुनावी दंगल भाजपा और कांग्रेस के बीच होता आया है। ऐसे में सचिन पायलट यदि राज्‍य के सीएम बनने में सफल हो भी जाते हैं तो भी उनके सिर पर दो तरफा तलवार लटकी ही रहेगी।

सचिन पायलट के सिर होगी चुनाव परिणाम की जिम्‍मेदारी 

राजस्‍थान में सचिन पायलट और गहलोत के बीच और उनके समर्थकों के बीच मनमुटाव पहले ही खुलकर सामने आ चुका है। ऐसे में यदि गहलोत कांग्रेस के अध्‍यक्ष पद के लिए निर्वाचित हो जाते हैं और दूसरी तरफ राज्‍य का चुनावी इतिहास बरकरार रहता है तो गहलोत हार का ठीकरा सचिन पायलट के सिर पर फोड़ने में सफल हो जाएंगे। कांग्रेस के लिए इसके राजनीतिक मायने कहीं अधिक गंभीर होंगे।

सचिन-गहलोत विवाद 

आपको यहां पर ये भी बता दें कि सचिन पायलट की मंशा पहले से ही राजस्‍थान का सीएम बनने की रही है। इसको लेकर गहलोत और पायलट की जंग दिल्‍ली में सोनिया गांधी की चौखट तक भी आ चुकी है। गहलोत के कांग्रेस अध्‍यक्ष बनने के बाद सचिन पायलट के लिए अपने पक्ष में माहौल बनाने में कम ही समय बचेगा।

सचिन के लिए दोहरी चुनौती

वहीं यदि गहलोत की बात करें तो बतौर पार्टी अध्‍यक्ष उनके पास चुनाव से पहले भी राजस्‍थान में फेरबदल करने की पूरी गुंजाइश होगी। ऐसे में सचिन न सिर्फ अपनी कुर्सी को बचाते हुए दिखाई देंगे बल्कि उन्‍हें अपनी राजनीतिक जमीन को भी बचाकर रखना होगा। राज्‍य में विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार सचिन पायलट के लिए भाजपा के दरवाजे भी खोल सकती है।  

कांग्रेस का नया अध्‍यक्ष करेगा निष्‍पक्ष होकर काम या रिमोट कंट्रोल के जरिए चलेगी पार्टी, जानें- क्‍या कहते हैं एक्‍सपर्ट

सिर्फ चेहरा बदले जाने से क्‍या कांग्रेस को मिल जाएगी संजीवनी बूटी या पार्टी की राह बनी रहेगी मुश्किल


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.