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कांग्रेस का नया अध्‍यक्ष करेगा निष्‍पक्ष होकर काम या रिमोट कंट्रोल के जरिए चलेगी पार्टी, जानें- क्‍या कहते हैं एक्‍सपर्ट

कांग्रेस में जो बदलाव की बयार दिखाई दे रही है उसका कितना फायदा पार्टी को आने वाले दिनों में होगा उसको लेकर सवाल उठना लाजमी है। जानकारों की राय में ये कवायद पार्टी को कोई फायदा नहीं देने वाली है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Thu, 22 Sep 2022 06:48 PM (IST)Updated: Thu, 22 Sep 2022 06:48 PM (IST)
कांग्रेस का नया अध्‍यक्ष करेगा निष्‍पक्ष होकर काम या रिमोट कंट्रोल के जरिए चलेगी पार्टी, जानें- क्‍या कहते हैं एक्‍सपर्ट
कांग्रेस शुरू कर रही है बदलाव की कवायद

नई दिल्‍ली (आनलाइन डेस्‍क)। कांग्रेस पार्टी में नए अध्‍यक्ष को लेकर प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इस दौड़ में शशि थरूर के अलावा वरिष्‍ठ नेता दिग्विजय सिंह भी हैं। कुछ और चेहरे भी इस दौड़ में सामने आ सकते हैं। लेकिन इन सभी चेहरों में एक बेहद खास बात है। वो ये है कि ये सभी चेहरे गांधी परिवार के करीबी भी हैं और उनके प्रति पूरी तरह से समर्पित हैं। यही वजह है कि जानकार मान रहे हैं कि कांग्रेस का नया अध्‍यक्ष भले ही कोई भी हो लेकिन उसका रिमोट कंट्रोल गांधी परिवार के हाथों में ही होगा। 

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चेहरा बदलने की कवायद 

इसका अर्थ केवल यही है कि पार्टी केवल चेहरा बदलने की कवायद कर रही है। ऐसे में पार्टी का दोबारा जमीन से जुड़पाना आसान नहीं होगा। ये नई बोतल में पुरानी शराब डालने जैसा ही है। इसको ऐसे भी देखा जा सकता है कि मनमोहन सिंह सरकार में जिस तरह से रिमोट कंट्रोल सोनिया गांधी के पास था ठीक वैसे ही अब संगठन में भी होगा। वरिष्‍ठ राजनीतिक विश्‍लेषक कमर आगा का मानना है कि राहुल गांधी ने जिस तरह से एर्नाकुलम में पार्टी के नए अध्‍यक्ष को लेकर अपनी बात रखी है उससे ये संकेत बेहद साफ मिल रहा है कि वो कैसा अध्‍यक्ष चाहते हैं। 

किसके हाथों में होगी कमान 

बता दें कि पार्टी अध्‍यक्ष पद के लिए राहुल गांधी पहले ही इनकार कर चुके हैं। उनके विश्‍वास पात्र और राजस्‍थान के सीएम अशोक गहलोत पहले इसके लिए ना-नुकुर कर रहे थे लेकिन अब लगता है कि वो इस रेस में दौड़ने वाले हैं। हालांकि यदि ऐसा होता है तो उन्‍हें राजस्‍थान के सीएम का पद छोड़ना होगा। ऐसे में सचिन पायलट को राज्‍य का सीएम बनने का मौका मिल सकता है। बहरहाल, ये फिलहाल भविष्‍य के गर्भ में हैं लेकिन आगा का साफ कहना है कि कांग्रेस जिस तरह से पार्टी में बदलाव की कवायद कर रही है उससे उसको कोई राजनीतिक लाभ नहीं होने वाला है। 

क्‍या पार्टी का चेहरा बदलने से बदल जाएगी कांग्रेस की तकदीर या बनीं रहेंगी मुश्किलें 

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