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    इजरायली कंपनी के सोशल मीडिया दुष्प्रचार के जरिए चुनावों को प्रभावित करने के मामले की हो जांच: कांग्रेस

    कांग्रेस ने कहा कि इजरायली कंपनी के सोशल मीडिया दुष्प्रचार के जरिए चुनावों को प्रभावित करने के मामले की जांच हो। पार्टी ने सत्ताधारी भाजपा पर आरोप लगाया कि बीजेपी लोकतंत्र को हाइजैक करने की कोशिश कर रही है।

    By Jagran NewsEdited By: Piyush KumarUpdated: Thu, 16 Feb 2023 07:34 PM (IST)
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    इजरायली की एक निजी खुफिया कंपनी पर भारत में जासूसी का इल्जाम लगाते हुए कांग्रेस ने भाजपा पर साधा निशाना।

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। इजरायली की एक निजी खुफिया कंपनी के सोशल मीडिया दुष्प्रचार और फेक न्यूज से 30 देशों के चुनाव को प्रभावित करने की खबरों को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाया है। पार्टी ने कहा कि सोशल मीडिया दुष्प्रचार के माध्यम से चुनाव पर असर डालने वाले इन देशों में भारत का नाम भी है और ऐसे में सरकार को जांच कर यह बताना चाहिए कि किसने इस इजरायली कंपनी की अपनी सेवाएं देने के लिए हायर किया।

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    लोकतंत्र को सत्ताधारी पार्टी द्वारा हाईजैक किया जा रहा: कांग्रेस

    पत्रकारों के एक वैश्विक समूह की अध्ययन रिपोर्ट के आधार पर द गार्डियन में इजरायली कंपनी को लेकर किए गए इस खुलासे पर प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कांग्रेस के मीडिया और सोशल मीडिया विभाग के प्रमुखों पवन खेड़ा और सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि भारत में लोकतंत्र को सत्ताधारी पार्टी द्वारा हाईजैक किया जा रहा है। चुनाव को प्रभावित करने के लिए पहले इजरायली जासूसी तंत्र पेगासस, फिर सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार व झूठ फैलाने वाली कंपनी की सेवाएं ली जा रही है।

    सुप्रिया श्रीनेत ने खुफिया कंपनियों के जरिए बीजेपी पर साधा निशाना

    पवन खेड़ा ने कहा कि यह हिन्दुस्तान में बैठकर देश के लोकतंत्र के खिफाफ साजिश रचने जैसा है और विदेशी एजेंसियों के साथ मिलकर लोकतंत्र को खत्म करने का यह प्रयास दिल दहलाने वाला है। सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि 2014 में कैंब्रिज एनलिटिका फिर 2019 चुनाव से पूर्व पेगासस के जरिए जासूसी और अब इजरायल की निजी खुफिया कंपनी के जरिए सोशल मीडिया पर हेर-फेर कर लोकतंत्र से छेड़छाड़ किया है।

    इस कंपनी ने फेसबुक, टवीटर, इंस्टाग्राम, लिंकडिन सहित तमाम सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए जिन 30 देशों में झूठ व दुष्प्रचार के जरिए चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश की है उसमें भारत भी है। इस खुलासे के बाद भी सरकार की चुपी कई सवाल खड़े करती है।

    सरकार बताए कि इस एजेंसी कि सेवाएं किसने ली और इसे कितना पैसा दिया गया।कांग्रेस ने इस बारे में सरकार पर सवाल दागते हुए कहा कि क्या यह सच नहीं है कि भाजपा ने पिछले 4-5 महीनों में 'भारत जोड़ो यात्रा' को बार-बार निशाना बनाने के लिए फेक न्यूज का इस्तेमाल किया? क्या यह सच नहीं है कि भाजपा और उसके इको सिस्टम ने बार-बार फैक्ट चेकर्स को निशाना बनाया है और उनमें से कुछ को जेल भी भेजा है?

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