...जब पूर्व PM अटल बिहारी वाजपेयी ने भेड़ों के जरिए सिखाया था चालबाज चीन को सबक
पूर्व PM वाजपेयी ने बिना शब्दों के चीन को ऐसा सबक सिखाया था कि तिलमिलाए चीन ने तत्कालीन प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री को पत्र लिखकर इसे अपना अपमान बताया था।
नई दिल्ली, जेएनएन। India China Border Tension कोविड-19 से त्रस्त दुनिया के बहुत से देश चीन से नाराज हैं और उसकी विस्तारवादी और आक्रामक नीति से भी। इतनी नाराजगी के बावजूद चीन के खिलाफ थोड़ी बहुत बयानबाजी से ज्यादा कुछ देखने को नहीं मिला है और न ही ऐसा लगता है कि चीन को इससे ज्यादा फर्क पड़ा है। हालांकि अपने वाक कौशल के लिए विख्यात पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने बिना शब्दों के चीन को ऐसा सबक सिखाया था कि तिलमिलाए चीन ने तत्कालीन प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री को पत्र लिखकर इसे अपना अपमान बताया था।
टकराव का इरादा, बनाया ऐसा बहाना
1962 के बाद चीन एक बार फिर भारत के साथ टकराव के लिए तैयार था। सैन्य टकराव के लिए 1965 के अगस्त-सितंबर में उसने कई बहानों का इस्तेमाल किया जिसमें से एक में उसका आरोप था कि भारतीय सैनिकों ने उसकी भेड़ें और याक चुरा लिए हैं। यह वह समय था जब चीन ने अपनी सीमाओं को और विस्तार देने के लिए सिक्किम पर नजर गड़ा रखी थी। इसी वक्त भारत कश्मीर में पाकिस्तान से लड़ाई में व्यस्त था।
सरकार की प्रतिक्रिया भी कम नहीं
चीन के आरोपों के जवाब में भारत सरकार ने भी करारा उत्तर दिया। इसमें लिखा, ‘दिल्ली के कुछ लोगों ने 800 भेड़ों का जुलूस निकाला‘। साथ ही लिखा, ‘भारत सरकार का इस प्रदर्शन से कोई लेना-देना नहीं है। यह दिल्ली के लोगों की चीन के अल्टीमेटम और तुच्छ मुद्दों पर भारत के खिलाफ युद्ध की धमकी के खिलाफ नाराजगी की सहज, शांतिपूर्ण और अच्छी हास्य व्यंग्य की अभिव्यक्ति थी।’ चीन की गुंडागर्दी का मजाक उड़ाने वाला यह प्रकरण उस वक्त सार्वजनिक बातचीत में खूब सुना जाता था। हालांकि इस घटना के करीब दो साल बाद चीन एक बार फिर भारत को सबक सिखाने के इरादे से आया था, लेकिन मुंह की खाने के बाद नया सबक लेकर लौटा।
तिलमिलाया चीन, फिर लिखा पत्र
इस प्रदर्शन की व्यापक प्रतिक्रिया हुई। उत्तेजित चीन ने एक बार फिर प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री सरकार को पत्र लिखा। जिसमें कहा गया कि वाजपेयी द्वारा किया गया यह प्रदर्शन चीन देश का अपमान है और आरोप लगाया गया कि इसके पीछे शास्त्री सरकार का हाथ है।
भेड़ों के जरिए जताया विरोध
चीन ने भारत सरकार को पत्र लिखा था। जिसमें उसने भारतीय सैनिकों पर 800 भेड़ों और 59 याक चुराने का आरोप लगाया। भारत सरकार ने इस आरोप से इन्कार किया लेकिन उस वक्त 42 साल के जनसंघ नेता अटल बिहारी वाजपेयी ने बेहद करारा जवाब दिया। सितंबर में वाजपेयी ने 800 भेड़ों की व्यवस्था की और उसे लेकर नई दिल्ली स्थित चीन के दूतावास तक पहुंच गए। भेड़ों पर लगी तख्तियों पर लिखा था, ‘मुङो खा लो लेकिन दुनिया को बचाओ’।