बिहार के बाद महाराष्ट्र में I.N.D.I गठबंधन में दरार! कांग्रेस ने राज ठाकरे से बनाई दूरी; शिवसेना ने दी चेतावनी
महाराष्ट्र में INDI गठबंधन में मतभेद सामने आए हैं, जहाँ कांग्रेस ने मनसे प्रमुख राज ठाकरे से दूरी बना ली है। कांग्रेस ने घोषणा की है कि वह मुंबई नगर निगम चुनाव अकेले लड़ेगी। इस पर शिवसेना (उद्धव गुट) ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। गठबंधन पर फैसले की बात कही है। बिहार में भी सीट बंटवारे को लेकर गठबंधन में तनाव है।

महाराष्ट्र में INDI गठबंधन में दरार (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बिहार के बाद अब महाराष्ट्र में INDI गठबंधन में मतभेद उभरते दिख रहे हैं। इस बार विवाद की वजह है कांग्रेस का मनसे प्रमुख राज ठाकरे से दूरी बनाना। कांग्रेस ने साफ कहा है कि वह आने वाले मुंबई नगर निगम चुनावों में राज ठाकरे या उद्धव ठाकरे के साथ मिलकर चुनाव नहीं लड़ेगी।
कांग्रेस नेता और मुंबई के पूर्व अध्यक्ष भाई जगताप ने मंगलवार को कहा, "कांग्रेस राज ठाकरे के साथ किसी भी तरह का गठबंधन नहीं करेगी। हम बीएमसी चुनाव अपने दम पर लड़ेंगे।" उन्होंने बताया कि इस पर चर्चा पार्टी के नए बने राज्यस्तरीय समिति की बैठक में हुई, जिसमें महाराष्ट्र प्रभारी रमेश चेन्नीथला भी मौजूद थे। हालांकि, पार्टी की ओर से अभी औपचारिक घोषणा नहीं की गई है।
शिवसेना (उद्धव गुट) की प्रतिक्रिया
कांग्रेस के इस बयान पर शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता आनंद दुबे ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "गठबंधन पर फैसला राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और उद्धव ठाकरे मिलकर करेंगे।" दुबे ने चेतावनी भरे लहजे में कहा, "हमें चुनौती मत दो। हम शिवसेना हैं, पिछली बार भी हमने अकेले चुनाव लड़ा और भाजपा को हराया था। हम अपने सहयोगियों का सम्मान करते हैं, लेकिन जरूरत पड़ी तो अकेले मैदान में उतरने को तैयार हैं।"
राज ठाकरे को लेकर बढ़ी राजनीति
कांग्रेस और उद्धव ठाकरे की पार्टी 2019 से सहयोगी हैं। यह गठबंधन शरद पवार की पहल पर बना था और कई उतार-चढ़ाव के बावजूद अब तक कायम है। लेकिन उद्धव ठाकरे के अपने चचेरे भाई राज ठाकरे के करीब आने की खबरों ने नई मुश्किल खड़ी कर दी है। दोनों ठाकरे गुट चाहते हैं कि मुंबई की समृद्ध बीएमसी चुनावों से पहले एक समझ बन जाए।
फिलहाल इस पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की प्रतिक्रिया का इंतजार है। उधर, बिहार में भी INDI गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर खींचतान जारी है। कांग्रेस और राजद दोनों ने कई सीटों पर अपने-अपने उम्मीदवार उतार दिए, जिससे भाजपा को फायदा मिल सकता है।


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