'इस हादसे को पचा नहीं पा रहा हूं...', बेंगलुरु में मची भगदड़ को याद करते हुए भावुक हुए डीके शिवकुमार
बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में आरसीबी की जीत के जश्न के दौरान भगदड़ मचने से 11 लोगों की जान चली गई। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार इस घटना पर भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि सरकार मामले की गंभीरता से जांच करेगी और कमियों को दूर करेगी। उन्होंने विपक्ष पर लाशों पर राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि इस त्रासदी में राजनीति नहीं होनी चाहिए।

आईएएनएस, बेंगलुरु। Bangalore Stampede: आईपीएल 2025 जीतने पर रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) की जीत के जश्न के दौरान चिन्नास्वामी स्टेडियम में बुधवार को भगदड़ मची। इस भगदड़ में 11 लोगों की जान चली गई। इसके अलावा बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं, जिन्हें अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है।
बेंगलुरु में हुई इस घटना के बाद राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है। इस बीचकर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार चिन्नास्वामी स्टेडियम में हुई भगदड़ की त्रासदी के बारे में बात करते हुए मीडिया के सामने भावुक हो गए और रो पड़े।
जब रो पड़े कर्नाटक के सीएम डीके शिवकुमार
कर्नाटक के सीएम डीके शिवकुमार ने गुरुवार को इस भीषण घटना के बारे में बात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं यह बात पचा नहीं पा रहा हूं कि हमारे बच्चे, जो जीने और फलने-फूलने के हकदार थे, इस भगदड़ का शिकार हो गए। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के कारण कई लोगों की जान चली गई। इसने बेंगलुरु और कर्नाटक की प्रतिष्ठा को धूमिल किया है। हम इस मामले को बहुत गंभीरता से ले रहे हैं और हम जांच करेंगे और कमियों को दूर करेंगे। हमें इससे सबक सीखने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि हममें से किसी ने भी नहीं सोचा था कि हमारे राज्य में ऐसी त्रासदी होगी। आरसीबी टीम ने मीडिया को सूचित किया था कि वे बेंगलुरु आ रहे हैं। हमारी सरकार के पास कोई और विकल्प नहीं था। हम इस त्रासदी को ऐसे मानते हैं जैसे यह हमारे अपने परिवार में हुई हो।
'यह पीड़ा असहनीय है'
मीडिया से बात करते हुए डीके शिवकुमार ने कहा कि इस त्रासदी में हमारे अपने परिवार के सदस्यों की मृत्यु के समान ही पीड़ा राज्य में व्याप्त है। यह पीड़ा असहनीय है। जो लोग मारे गए हैं, वे हमारे परिवार के सदस्य हैं। इस स्थिति में हमें संवेदना व्यक्त करनी चाहिए, राजनीति नहीं करनी चाहिए। इस त्रासदी की जिम्मेदारी एक या दो व्यक्तियों पर नहीं डाली जा सकती।
बिना जांच कैसे सौंप दें शव?
डिप्टी सीएम ने कहा कि आरसीबी की जीत के बाद पूरे देश में खुशी की लहर थी। 18 साल बाद ये मौका सामने आया था। उन्होंने कहा कि इस जीत के बाद बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए और मामला बिगड़ गया। कल अस्पताल में मृतक के माता-पिता ने गुहार लगाई, 'पोस्टमार्टम मत करवाओ। हमें हमारे बच्चे का शव दे दो।' बिना जांच के हम शव कैसे सौंप सकते हैं? इससे कल कानूनी समस्याएं पैदा होंगी। हमें इन मौतों के कारणों को समझने के लिए एक वैज्ञानिक रिपोर्ट की आवश्यकता है।
'लाशों पर राजनीति कर रही बीजेपी'
वहीं, जब इस मामले में बीजेपी के आरोपों पर सवाल किया गया तो, राज्य के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा कि इस मामले पर मुझे राज्य की जनता को जवाब देना है। मुझे बीजेपी के जवाब नहीं देना है। डीके शिवकुमार ने कहा कि केंद्रीय मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी (जेडी-एस) और भाजपा लाशों पर राजनीति कर रहे हैं। यह उनका पेशा है।
उन्होंने कहा कि मैं उनके शासन के दौरान हुई हर घटना की सूची दे सकता हूं। लेकिन मैं राजनीति करने के लिए उनके स्तर तक नहीं गिरना चाहता। हालांकि, मैंने अपनी आंखों से 14-15 साल के बच्चों को मरते हुए देखा है, जो जीने के हकदार थे। कोई भी परिवार इसे पचा नहीं सकता। पुलिस आयुक्त ने कार्यक्रम को 10 मिनट में समाप्त करने के लिए कहा था। मैंने आरसीबी टीम से भी बात की, और कार्यक्रम को छोटा कर दिया गया।
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