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    'मिशन 2029' की तैयारी शुरू:जिन 42 सीटों पर हारी थी BJP उनके लिए बनाई खास रणनीति; कांग्रेस को सेंधमारी की टेंशन!

    Updated: Wed, 06 Aug 2025 01:46 PM (IST)

    भाजपा ने हरियाणा में मिशन 2029 की तैयारी अभी से शुरू कर दी है। पार्टी ने 42 हारी हुई विधानसभा सीटों पर 12 मंत्रियों और 30 विधायकों को प्रभारी बनाया है। भाजपा की रणनीति और पार्टी द्वारा मंत्रियों एवं विधायकों को हारे हुए विधानसभा क्षेत्रों को जिताने की जिम्मेदारी देने से कांग्रेस टेंशन में आ गई है।

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    भाजपा का मिशन 2029, 42 हारी सीटों पर अभी से तैयारी, मंत्री-विधायक को सौंपी जिम्‍मेदारी। फाइल फोटो

    अनुराग अग्रवाल, राज्य ब्यूरो। हरियाणा में साल 2024 के विधानसभा चुनाव में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने वाली भाजपा ने अभी से 2029 के चुनाव की तैयारी आरंभ कर दी है। भाजपा ने राज्य के उन सभी 42 विधानसभा क्षेत्रों में 12 मंत्रियों और 30 विधायकों को प्रभारी बनाया है, जहां साल 2024 में  भाजपा चुनाव हारी थी।

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    मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और विधानसभा स्पीकर हरविंद्र कल्याण समेत छह भाजपा विधायकों को हारे हुए विधानसभा क्षेत्रों की जिम्मेदारी से अलग रखा गया है। मुख्यमंत्री के पास पूरे राज्य की जिम्मेदारी है और विधानसभा स्पीकर का पद संवैधानिक होता है।

    जिन चार विधायकों अनिल विज, रामकुमार गौतम, कृष्णा गहलावत और सतपाल जांबा को हारे हुए विधानसभा क्षेत्रों की जिम्मेदारी नहीं मिली है, उनमें सबसे अधिक चौंकाने वाला नाम सात बार के विधायक एवं हरियाणा सरकार में सबसे वरिष्ठ मंत्री अनिल विज का है।

    भाजपा की रणनीति से कांग्रेस को हुई टेंशन

    भाजपा द्वारा मंत्रियों एवं विधायकों को हारे हुए विधानसभा क्षेत्रों को जिताने की जिम्मेदारी देने से विपक्ष पूरी तरह असहज है। कांग्रेस पिछले 11 साल से राज्य में संगठन नहीं बना पाई।

    कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी पिछले दिनों चंडीगढ़ आए थे और 30 जून तक संगठन बनाने का लक्ष्य देकर गए थे, लेकिन अब अगस्त का महीना चल रहा है और अगले एक सप्ताह तक भी कांग्रेस का संगठन बनने की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है।

    वजह स्पष्ट है कि कांग्रेस के राज्य स्तरीय नेताओं में एकजुटता नहीं है, जिसका फायदा भाजपा को साल 2024 के विधानसभा चुनाव में भरपूर मिला है। विपक्ष की इसी फूट का लाभ आगे भी प्राप्त करने के लिए भाजपा ने मिशन 2029 शुरू कर दिया है, जिसकी रूपरेखा तैयार हो चुकी है।

    भाजपा ने जिन मंत्रियों एवं विधायकों को हारे हुए विधानसभा क्षेत्रों में प्रभारी नियुक्त किया है, वे वहां केंद्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं का क्रियान्वयन कराएंगे, हारे हुए उम्मीदवारों को साथ लेकर चलेंगे, लोगों से संपर्क साधते हुए उनकी मुलाकात मुख्यमंत्री एवं भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से करवाएंगे और ऐसे सभी काम करेंगे, जिनकी जरूरत वहां के लोगों को महसूस होगी।

    हरियाणा विधानसभा में कितनी सीटें बढ़ सकती हैं?

    राज्य में विधानसभा सीटों का परिसीमन भी होना बाकी है। 90 विधानसभा सीटों की संख्या बढ़कर 126 होने का अनुमान लगाया जा रहा है। इस लिहाज से भी मंत्रियों एवं विधायकों को हारे हुए विधानसभा क्षेत्रों में काम करने की जिम्मेदारी को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

    हरियाणा सरकार के कैबिनेट मंत्री कृष्ण कुमार बेदी को सिरसा, डॉ. अरविंद शर्मा को गढ़ी सांपला किलोई और महिपाल ढांडा को गुहला चीका विधानसभा सीटों की जिम्मेदारी मिली है।

    राजस्व मंत्री विपुल गोयल रोहतक संभालेंगे। सिरसा पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के प्रभाव वाला क्षेत्र माना जाता है। रोहतक पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का इलाका है, जबकि कैथल को कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला के प्रभाव का क्षेत्र माना जाता है। मंत्रियों की ड्यूटी इस हिसाब से लगाई गई है, ताकि भाजपा चौटाला एवं हुड्डा के प्रभाव क्षेत्रों को अपने प्रभाव क्षेत्र में बदलने की लाइन पर आगे बढ़ सके।

    बंसीलाल और भजनलाल का परिवार भी अब भाजपाई

    बंसीलाल और भजनलाल के पारिवारिक सदस्यों किरण चौधरी, श्रुति चौधरी, कुलदीप बिश्नोई और भव्य बिश्नोई पहले ही भाजपा में शामिल हो चुके हैं। चौटाला के पोते दुष्यंत चौटाला जनननायक जनता पार्टी के 10 विधायकों के साथ भाजपा सरकार में शामिल रहे हैं। कैबिनेट मंत्री श्रुति चौधरी को ऐलनाबाद और कृष्ण लाल पंवार को आदमपुर विधानसभा सीटें दी गई हैं।

    ऐलनाबाद से अभय सिंह चौटाला चुनाव जीतते रहे हैं, लेकिन इस बार यहां कांग्रेस चुनाव जीती है। आदमपुर पूर्व सीएम भजनलाल की परंपरागत सीट है, मगर इस बार यहां कांग्रेस चुनाव जीती है। गढ़ी सांपला किलोई से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा कांग्रेस के विधायक हैं, जिसकी जिम्मेदारी मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा को सौंपी गई है।

    मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के पुराने विधानसभा क्षेत्र नारायणगढ़ की जिम्मेदारी कैबिनेट मंत्री श्याम सिंह राणा को सौंपी गई है। चौटाला के प्रभाव वाले सिरसा एवं फतेहाबाद क्षेत्रों में भाजपा ने तीन मंत्रियों को मोर्चाबंदी करने का जिम्मा सौंपा है। सिरसा शहर में समाज कल्याण मंत्री कृष्ण कुमार बेदी, ऐलनाबाद में सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी एवं डबवाली में खेल राज्य मंत्री गौरव गौतम काम करेंगे।

    भाजपा ने चला बैकवर्ड कार्ड

    भाजपा ने मुस्लिम बाहुल्य नूंह जिले में बैकवर्ड कार्ड खेला है। इस जिले की तीनों सीटों पर पिछड़ा वर्ग के नेताओं को बतौर इंचार्ज लगाया गया है। पार्टी को राज्य में अपनी सरकार बनाए नौ माह ही हुए हैं, लेकिन वह आगे के साढ़े चार साल के बाद के भविष्य को अभी से सोच रही है।