संसद में मतदाता सूची को लेकर संग्राम जारी, भारी हंगामे के बीच दो विधेयक पारित; बुलाने पड़े मार्शल
संसद में गतिरोध के बीच सरकार ने दोनों सदनों में विधायी कार्य निपटाने शुरू कर दिए हैं। राज्यसभा में समुद्र द्वारा माल वहन विधेयक-2025 पारित हुआ जबकि लोकसभा में वाणिज्य पोत परिवहन विधेयक-2024 ध्वनिमत से पारित किया गया। हंगामे के दौरान विपक्ष एसआईआर पर चर्चा की मांग कर रहा था।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बिहार में मतदाता सूची विशेष सघन पुनरीक्षण के नाम पर संसद में चल रहे गतिरोध के बीच अब सरकार ने भी दोनों सदनों में जारी संग्राम के दौरान ही अपने विधायी कार्य निपटाने का सिलसिला शुरू कर दिया है। सरकार की इस रणनीति की झलक बुधवार को दोनों सदनों में हंगामे के बीच ही एक-एक विधेयक पारित कराए जाने के दौरान दिखी।
राज्यसभा में हंगामे के बीच ही पीठासीन सभापति ने 'समुद्र द्वारा माल वहन विधेयक-2025' पर चर्चा शुरू कराते हुए इसे तुरंत पारित करा दिया। एसआईआर पर चर्चा की मांग की अनदेखी से नाराज विपक्षी सदस्य वेल में उतरकर नारेबाजी करते रहे और एक महिला सांसद ने तो पीठ की ओर दौड़ तक लगा दी, जिन्हें सुरक्षाकर्मियों ने सीढ़ियों पर रोका।
लोकसभा में भी विपक्ष का हंगामा
लोकसभा में भी एसआईआर पर हंगामे के बीच सरकार ने ध्वनिमत से वाणिज्य पोत परिवहन विधेयक-2024 पारित करा लिया। बुधवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल शुरू होते ही विपक्ष ने एसआईआर पर चर्चा की मांग के साथ नारेबाजी शुरू कर दी थी। उपसभापति हरिवंश ने दोहराया कि प्रश्नकाल बाधित कर आप जनता का नुकसान कर रहे हैं। पर विपक्ष शांत न हुआ तो सदन दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी।
दोपहर में दोबारा सभा की कार्यवाही वैसे ही हंगामे के बीच शुरू हुई लेकिन इस बार पीठासीन सभापति भुवनेश्वर कलिता तय कर चुके थे कि 'समुद्र द्वारा माल वहन विधेयक-2025' पर चर्चा अवश्यक कराएंगे। उपनेता प्रतिपक्ष प्रमोद तिवारी ने व्यवस्था का प्रश्न उठाया मगर पीठ ने अनुमति नहीं दी। तब तक लगभग सभी विपक्षी सदस्य वेल में उतर गए।
मल्लिकार्जुन खरगे ने आपत्ति जताई
कलिता ने सदन व्यवस्थित होने पर ही व्यवस्था का प्रश्न उठाने की अनुमति देने की बात कही तो नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आपत्ति जताई और कहा कि यह भेदभाव है। हमें व्यवस्था का प्रश्न नहीं उठाने दिया जा रहा और सत्ता पक्ष के सदस्य इसी अव्यवस्थित सदन में भाषण दे रहे हैं। इसका प्रतिकार नेता सदन जेपी नड्डा ने किया और कहा कि जो सदन को स्वयं अव्यवस्थित कर रहे हैं, उन्हें व्यवस्था का प्रश्न उठाने का अधिकार नहीं है।
इसी गहमागहमी के बीच टीएमसी सदस्य ममता ठाकुर पीठ की ओर दौड़ पड़ीं। पहले पुरुष मार्शल उनके सामने खड़े हो गए, फिर तुरंत महिला मार्शल बुला ली गईं। टीएमसी सदस्य का समर्थन करने के लिए आप सांसद संजय ¨सह भी सीढ़ियों के पास जाकर खड़े हो गए। बाकी विपक्षी सदस्य वेल में नारेबाजी करते रहे। विधेयक पर चर्चा के दौरान जैसे ही विपक्षी सदस्यों के बोलने की बारी आती तो वह माइक का उपयोग भी एसआईआर पर बहस की मांग करते हुए नारेबाजी के लिए करते दिखाई दिए।
ध्वनिमत से विधेयक पारित
ऐसे में तुरंत ही उनका माइक बंद कर दिया जा रहा था। सत्ता पक्ष के सदस्य बोलते तो कुछ विपक्षी सदस्य उनके पास जाकर चिल्ला रहे थे। इसी अव्यवस्था के बीच सीपीआई (एम) सदस्य जॉन ब्रिटास ने विधेयक पर मतविभाजन की मांग की लेकिन पीठ ने कहा कि सदन व्यवस्थित नहीं है, इसलिए इसकी अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके बाद विधेयक ध्वनि मत से पारित करा दिया गया। वहीं, लोकसभा में हंगामे के बीच वाणिज्य पोत परिवहन विधेयक-2024 पर कुछ चर्चा हो सकी। केंद्रीय पोत पत्तन एवं जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कुछ उत्तर भी दिए, लेकिन हंगामा चलता रहा और विधेयक पारित हो गया।
गौरतलब है कि गत दिवस केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने स्पष्ट कहा था कि हम सदन में चर्चा चाहते हैं और कुछ आवश्यक विधेयक पारित कराना चाहते हैं। यदि विपक्ष सहयोग नहीं करेगा तो भी सरकार विधेयक पारित कराने के लिए मजबूर होगी। ऐसे में माना जा रहा है कि हंगामे के बीच ही सरकार राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक, राष्ट्रीय डोपिंग रोधी (संशोधन) विधेयक पारित कराने के साथ सभी प्रस्तावित विधायी कार्य पूरे करना चाहेगी।
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