1975 में हुई थी आपातकाल की घोषणा, देश के पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री बने थे मोरारजी देसाई
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1975 में आपातकाल की घोषणा की जिसने मोरारजी देसाई और जयप्रकाश नारायण सहित कई प्रमुख विपक्षी नेताओं को सलाखों के पीछे धकेल दिया। आपातकाल की स्थिति ने प्रेस की स्वतंत्रता और नागरिक स्वतंत्रता पर सीमाएं लगा दीं। हालांकि मार्च 1977 में इंदिरा गांधी द्वारा नए चुनाव के आह्वान के बाद आपातकाल का दौर खत्म हो गया।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1975 में आपातकाल की घोषणा की, जिसने मोरारजी देसाई और जयप्रकाश नारायण सहित कई प्रमुख विपक्षी नेताओं को सलाखों के पीछे धकेल दिया। आपातकाल की स्थिति ने प्रेस की स्वतंत्रता और नागरिक स्वतंत्रता पर सीमाएं लगा दीं। हालांकि, मार्च 1977 में इंदिरा गांधी द्वारा नए चुनाव के आह्वान के बाद आपातकाल का दौर खत्म हो गया।
16-20 मार्च के बीच हुआ चुनाव के लिए मतदान
32,11,74,327 थी मतदाताओं की संख्या
19,42,63,915 वोट पड़े
60.5% हुआ मतदान
देश के पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री बने मोरारजी देसाई
आजादी के बाद पहली बार कांग्रेस ने लोकसभा में अपना बहुमत खो दिया। 41.32 प्रतिशत वोट शेयर के साथ, जनता पार्टी ने भारी जीत हासिल की और 405 सीटों में से 295 सीटों पर कब्जा कर लिया। कांग्रेस (ओ) ने तीन सीटें जीतीं। कुल 542 सीटों में से जनता पार्टी और उसके सहयोगियों ने 330 सीटें जीती। कांग्रेस पार्टी ने 492 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन 34.52 वोट शेयर के साथ केवल 154 सीटें जीती। मोरारजी देसाई 24 मार्च को देश के पहले गैर- कांग्रेसी प्रधानमंत्री बने।
उत्तर बनाम दक्षिण
1977 के लोकसभा परिणाम ने उत्तर बनाम दक्षिण का स्पष्ट विभाजन प्रदर्शित किया। बिहार, उप्र, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत सकी, लेकिन दक्षिण में पार्टी ने अपने सहयोगियों के साथ 154 में से 121 सीटें जीतकर काफी अच्छा प्रदर्शन किया।
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