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शिवसेना चुनाव चिह्न विवाद की सुनवाई के लिए EC ने दी 5 जनवरी की तारीख, दोनों गुटों के वकीलों नें मांगा समय

सोमवार को चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना के विरोधी गुटों की दलीलें सुनने के लिए अगली तारीख पांच जनवरी तय की है। बता दें कि दोनों गुटों की ओर से पार्टी के निशान और नाम पर दावा किया गया है।

By AgencyEdited By: Piyush KumarPublished: Mon, 12 Dec 2022 07:04 PM (IST)Updated: Mon, 12 Dec 2022 07:04 PM (IST)
महाराष्ट्र में शिवसेना पर कब्जे की लड़ाई जारी है।

नई दिल्ली, एजेंसी। महाराष्ट्र में शिवसेना पर कब्जे की लड़ाई जारी है। सोमवार को चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना के विरोधी गुटों की दलीलें सुनने के लिए अगली तारीख पांच जनवरी तय की है। समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक, सोमवार को एक सुनवाई के दौरान दोनों गुटों के वकीलों ने पार्टी के नाम और चिह्न पर दावा करने के लिए प्रतिद्वंद्वी समूहों द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों की जांच करने के लिए और समय मांगा है।

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दोनों गुटों ने किया है 'धनुष और तीर' पर दावा

बता दें कि उद्धव ठाकरे से बगावत कर ‌बीजेपी के सहयोग से सरकार बनाने वाले एकनाथ शिंदे गुट ने चुनाव आयोग के सामने धनुष और तीर पर दावा किया है। वहीं, उद्धव ठाकरे की ओर से कहा गया कि शिंदे पार्टी छोड़ चुके हैं, इसिलए उनका पार्टी या उसके चुनाव चिह्न पर कोई दावा नहीं बनता है। ठाकरे गुट की ओर से चुनाव आयोग के सामने कपिल सिब्बल पेश हुए। वहीं, शिंदे गुट की ओर से महेश जेठमलानी पेश हुए। ठाकरे गुट से ताल्लुक रखने वाले राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने संवाददाताओं से कहा,'हम किसी समूह को मान्यता नहीं देते। शिवसेना वहीं है, जहां ठाकरे हैं।'

बता दें कि आयोग ने पिछले महीने शिवसेना के गुटों से कहा था कि वे पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर अपना दावा वापस लेने के लिए 23 नवंबर तक नए दस्तावेज पेश करें। पोल पैनल ने उन्हें एक-दूसरे के साथ पोल पैनल को सौंपे गए दस्तावेजों का आदान-प्रदान करने के लिए भी कहा था। अक्टूबर में एक अंतरिम आदेश में आयोग ने दोनों गुटों को पार्टी के नाम या उसके 'धनुष और तीर' चिह्न का उपयोग करने से रोक लगा दी थी।

दोनों गुटों को दिया गया है अलग नाम, अलग चिह्न

चुनाव आयोग ने बीते 10 अक्टूबर को शिवसेना के उद्धव और शिंदे गुट को चुनाव निशान आवंटित किया था। चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे गुट को मशाल का निशान दिया था, जबकि शिंदे गुट को ‘दो तलवारें और एक ढाल’ चुनाव चिन्ह मिला था। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के गुट वाले शिवसेना को 'शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे' नाम दिया गया है, जबकि शिंदे गुट को 'बालासाहेबची शिवसेना' नाम मिला है।

इसके अलावा,सुप्रीम कोर्ट ने उद्धव ठाकरे और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच दायर याचिकाओं पर सुनवाई के लिए अगली तारीख 13 जनवरी 2023 निर्धारित की है। सुप्रीम कोर्ट 13 जनवरी 2023 को महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट के संबंध में उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच दायर याचिकाओं पर सुनवाई करेगा।

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