Ordinance Row: पंजाब-दिल्ली इकाइयों के विरोध से बढ़ी कांग्रेस आलाकमान की दुविधा, AAP से दूरी रखने की पैरोकारी
दिल्ली की सरकारी सेवाओं को केंद्र के अधीन लेने संबंधी अध्यादेश के खिलाफ आप प्रमुख दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कांग्रेस से समर्थन मांगा है। केजरीवाल ने खरगे और राहुल गांधी से मुलाकात का समय मांगा है लेकिन दिल्ली और पंजाब की कांग्रेस इकाई आप को समर्थन देने के खिलाफ है।

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। दिल्ली की सरकारी सेवाओं को केंद्र के अधीन लेने संबंधी अध्यादेश के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी का समर्थन नहीं करने के पंजाब और दिल्ली के कांग्रेस नेताओं के तगड़े विरोध ने अपने पार्टी हाईकमान को दुविधा में डाल दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी के साथ इस मुद्दे पर हुई अलग-अलग बैठकों में दोनों राज्यों के पार्टी नेताओं ने अरविंद केजरीवाल का समर्थन नहीं करने और आप से सियासी दूरी रखने की मजबूत पैरोकारी की।
दोनों राज्यों के कांग्रेस नेताओं द्वारा आप का विरोध करने के रुख को देखते हुए संकेत हैं कि अध्यादेश का समर्थन करने पर कांग्रेस जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं लेगी। इसीलिए बैठक के बाद पार्टी ने इस मुद्दे पर अपने पत्ते नहीं खोले।
केजरीवाल ने कांग्रेस से मांगा समर्थन
दिल्ली की सरकारी सेवाओं को केंद्र के अधीन लेने संबंधी अध्यादेश के खिलाफ आप प्रमुख दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस से समर्थन मांगा है। केजरीवाल ने खरगे और राहुल गांधी से मुलाकात का समय मांगा है, लेकिन दिल्ली और पंजाब की कांग्रेस इकाई आप को समर्थन देने के खिलाफ है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इसी सिलसिले में दोनों सूबों के वरिष्ठ नेताओं के साथ सोमवार को बैठक की जिसमें पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी मौजूद थे।
'आप' भाजपा की बी टीम
पार्टी सूत्रों ने बताया कि दोनों सूबों के अधिकांश नेताओं ने केजरीवाल के भाजपा की बी टीम होने का दावा करते हुए कहा कि दिल्ली व पंजाब में आप ने कांग्रेस को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है। वरिष्ठ नेता अजय माकन और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अनिल चौधरी ने बैठक में कहा कि केजरीवाल को पहली बार मुख्यमंत्री बनाने के लिए समर्थन देने की गलती का कांग्रेस दिल्ली में राजनीतिक खामियाजा अभी तक भुगत रही है। वहीं, पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने बैठक के बाद पत्रकारों से कहा कि सूबे के नेताओं ने आप के साथ रिश्तों को लेकर अपनी बात बेबाकी से आलाकमान के समक्ष रखते हुए अंतिम निर्णय उसी पर छोड़ दिया है।
सिद्धू ने क्या कहा?
पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने भी बैठक में हुई चर्चाओं को आंतरिक बताते हुए इसका खुलासा करने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि केवल कांग्रेस अध्यक्ष खरगे या राहुल गांधी ही इस बारे में कोई टिप्पणी करेंगे। हालांकि, पार्टी सूत्रों ने बताया कि इन दोनों के साथ पंजाब विधानसभा में नेता विपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने भी आप को अध्यादेश पर समर्थन देने का विरोध किया।
'आप' को कांग्रेस नेतृत्व के जवाब का इंतजार
बताया जाता है कि हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के कांग्रेस नेता भी आप के खिलाफ हैं। इसीलिए कांग्रेस नेतृत्व ने अध्यादेश पर जल्दबाजी में कोई फैसला करने की बजाय अन्य राज्य इकाईयों से भी मशिवरा करने की रणनीति अपनायी है। मल्लिकार्जुन खरगे राज्य इकाईयों से चर्चा के बाद ही केजरीवाल से मुलाकात पर अपना रुख तय करेंगे।
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