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    कांग्रेस ने गेमिंग जोन अग्निकांड को लेकर गुजरात सरकार पर उठाए सवाल, कहा- जांच को लेकर गंभीर नहीं

    कांग्रेस ने राजकोट गेमिंग जोन अग्निकांड को लेकर उठाए गुजरात सरकार पर सवाल उठाए हैं और कहा है कि सरकार जांच को लेकर गंभीर नहीं है। कांग्रेस ने यह भी कहा कि पीएम मोदी को पीड़ित परिवारों से मिलना चाहिए और उनका दुख-दर्द बांटना चाहिए। साथ ही पार्टी ने पीड़ितों के स्वजनों को पर्याप्त मुआवजा देने की भी मांग की है।

    By Jagran News Edited By: Sachin Pandey Updated: Tue, 28 May 2024 10:29 PM (IST)
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    कांग्रेस का कहना है कि पीएम मोदी को पीड़ितों के स्वजनों से मिलना चाहिए।

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस ने राजकोट में गेमिंग जोन में हुए भीषण अग्निकांड में मासूम बच्चों समेत दो दर्जन से अधिक लोगों की हुई मौत को लेकर राज्य सरकार पर सवाल उठाए हैं। पार्टी ने कहा है कि गुजरात सरकार गेमिंग जोन अग्निकांड की जांच के नाम पर केवल छोटे अधिकारियों और कर्मचारियों को निलंबित करने की खानापूर्ति कर रही है।

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    पार्टी ने आरोप लगाया कि हादसे से जुड़ी बड़ी प्रशासनिक विफलताओं को नजरअंदाज करने का प्रयास किया जा रहा है। साथ ही उसने हादसे के शिकार लोगों के स्वजन को पर्याप्त मुआवजा देने की मांग की है। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चुनाव प्रचार से ब्रेक लेकर राजकोट हादसे के पीड़ित परिवारों से मिलकर उनका दुख-दर्द बांटने की सलाह भी दी है।

    'सरकार का रवैया गंभीर नहीं'

    गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष शक्ति सिंह गोहिल ने पार्टी मुख्यालय में मीडिया से बात करते हुए कहा कि घटनास्थल का दौरा कर रहे राज्य सरकार के मंत्री व शीर्ष अधिकारी केवल छोटे अधिकारियों-कर्मचारियों का निलंबन कर जांच के दायरे को सीमित कर रहे हैं। उनका रवैया गंभीर नहीं है।

    राजकोट नगर निगम को कठघरे में खड़ा करते हुए उन्होंने कहा कि गेमिंग जोन में अग्नि सुरक्षा, अलग प्रवेश और निकास मार्ग तथा आवासीय क्षेत्रों से दूरी जैसे किसी भी सुरक्षा नियम का पालन नहीं किया गया। लोगों की जान-माल की रक्षा करना सरकार की जिम्मेदारी है।

    पहले भी हो चुकी हैं घटनाएं

    गोहिल ने कहा कि राजकोट में गेमिंग जोन की घटना पहली ऐसी दुर्घटना नहीं है, क्योंकि सूरत के एक शैक्षणिक संस्थान में 22 बच्चों की जान चली गई थी। इसी तरह वडोदरा में नाव डूबने से 14 बच्चों की जान चली गई। लेकिन, इन मामलों में भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।

    कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि बनासकांठा में पुल ढहने से कई लोगों की जान चली गई। तब पुल का निर्माण कर रही कंपनी को ब्लैकलिस्ट किया गया लेकिन जैसे ही उसने भाजपा को चंदा दिया उसे दोबारा निर्माण का काम मिल गया। उन्होंने दावा किया कि गुजरात सरकार में अच्छे अधिकारियों को नजरअंदाज कर चापलूसी करने वाले अधिकारियों को प्रमुखता दी गई है। राजकोट जैसी दुर्घटनाएं इसका परिणाम हैं। लोगों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है।

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    गेम जोन का एक और साझेदार गिरफ्तार

    समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार गुजरात पुलिस ने राजकोट स्थित टीआरपी गेम जोन के एक और साझेदार को गिरफ्तार किया है। वहां पिछले सप्ताह आग लगने से 27 लोगों की मौत हो गई थी। बनासकांठा के पुलिस अधीक्षक अक्षयराज मकवाना ने एजेंसी को बताया कि धवल कार्पोरेशन के मालिक धवल ठक्कर को पड़ोसी राजस्थान के आबू रोड से गिरफ्तार किया गया है। वह रेसवे इंटरप्राइज के पांच साझेदारों के साथ मिलकर टीआरपी गेम जोन चलाता था।

    इसके साथ ही शनिवार को हुई इस घटना के संबंध में अभी तक चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले पुलिस ने रेसवे इंटरप्राइज में साझेदार युवराज सिंह सोलंकी और राहुल राठौड़ तथा गेम जोन के प्रबंधक नितिन जैन को गिरफ्तार किया था।

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