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Cong Prez Poll: मल्लिकार्जुन खड़गे बोले- कांग्रेस के नेताओं के कहने पर चुनाव में उतरा हूं किसी के खिलाफ नहीं

कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए अपने चुनाव प्रचार का गांधी जयंती के मौके पर औपचारिक आगाज करते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि वे चुनाव में किसी के खिलाफ नहीं उतरे बल्कि कांग्रेस को मजबूत करने के लिए मैदान में आए हैं।

By Jagran NewsEdited By: Krishna Bihari SinghPublished: Sun, 02 Oct 2022 08:09 PM (IST)Updated: Sun, 02 Oct 2022 08:31 PM (IST)
Cong Prez Poll: मल्लिकार्जुन खड़गे बोले- कांग्रेस के नेताओं के कहने पर चुनाव में उतरा हूं किसी के खिलाफ नहीं
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि वे चुनाव में किसी के खिलाफ नहीं उतरे हैं।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए अपने चुनाव प्रचार का गांधी जयंती के मौके पर औपचारिक आगाज करते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि वे चुनाव में किसी के खिलाफ नहीं उतरे बल्कि कांग्रेस को मजबूत करने के लिए मैदान में आए हैं। चुनावी में पार्टी प्रतिष्ठान का उम्मीदवार होने के अपने प्रतिद्वंदी शशि थरूर के बयान को खारिज करते हुए कहा कि गांधी परिवार के किसी सदस्य के चुनाव नहीं लड़ने के फैसले के बाद कांग्रेस के सभी वरिष्ठ और युवा नेताओं के कहने पर उन्होंने अध्यक्ष पद के लिए नामांकन किया है।

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भाजपा के आरोपों को बेतुका बताया

अध्यक्ष पद के दावेदारों के बीच खुली बहस कराने के थरूर के नजरिए से असहमति जताते हुए कहा कि असली मुद्दे गरीबी, बेरोजगारी और भाजपा-संघ से विचाराधारा की लड़ाई है जिस पर वे पूरी शिद्त से आगे बढ़ेंगे। कठपुतली अध्यक्ष बनने के भाजपा के आरोपों को बेतुका करार देते हुए कहा कि वे कोई काम पार्ट टाइम नहीं फुल टाइम करते हैं।

समर्थन की अपील

कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नामांकन के बाद राज्यसभा में नेता विपक्ष पद से इस्तीफा दे चुके मल्लिकार्जुन खड़गे ने रविवार को प्रेस कांफ्रेंस करते हुए अपने चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत की। पार्टी के तमाम नेताओं-इकाईयों और डेलीगेट से अपने लिए समर्थन की अपील करते हुए कहा कि वे कोई काम पार्ट टाइम नहीं फुल टाइम करते हैं और संसद के दोनों सदनों में सुबह से शाम तक मौजूद रहना इसका सबूत है।

नेताओं के कहने पर मैदान में उतरा

थरूर के यथास्थितिवाद का प्रतीक बताने के सवाल पर खड़गे ने कहा कि यह उनका विचार है। जहां तक उनके चुनाव में आने का सवाल है तो सभी वरिष्ठ और युवा नेताओं के कहने पर मैदान में आया हूं क्योंकि राहुल गांधी, सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने अध्यक्ष बनने से इंन्कार कर दिया था। पार्टी नेताओं ने कहा कि देश की ज्वलंत समस्याओं बेरोजगारी और महंगाई ने स्थिति खराब कर रखी है।

कांग्रेस के 9300 डेलीगेट करेंगे फैसला

आठ साल में भाजपा ने अपना कोई भी वादा चाहे रोजगार हो, किसानों का सवाल हो या कालेधन का किसी को पूरा नहीं किया है। इन हालातों में साथी नेताओं ने कहा कि हमें आपकी जरूरत है और आप चुनाव लड़ें। वे किसी के विरोध में चुनाव में नहीं उतरे हैं। थरूर के खुद को कांग्रेस में सुधारों का प्रवर्तक बताए जाने के सवाल पर खड़गे ने कहा कि इसका फैसला कांग्रेस के 9300 डेलीगेट करेंगे।

लोकतंत्र में चुनाव बेहतर

थरूर से नामांकन वापस लेने की अपील पर खड़गे ने कहा कि यह उनका फैसला होगा। आम सहमति से अध्यक्ष चुनाव हो इसके लिए नामांकन से पहले उन्होंने थरूर से बात की थी लेकिन थरूर ने कहा कि लोकतंत्र में चुनाव हो तो बेहतर है। बहरहाल चुनाव अपनी जगह है मगर थरूर उनके छोटे भाई जैसे हैं और पार्टी में सबको मिलकर रहना है।

कांग्रेस में बनेगी आंतरिक कमेटी

कांग्रेस में सुधारों के संदर्भ में खड़गे ने कहा कि चुनाव के बाद एक आंतरिक कमेटी बनेगी जो बदलावों पर विचार करेगी। सबसे चर्चा के बाद जो भी कमियां होंगी उसे दूर किया जाएगा। कांग्रेस कार्यसमिति के चुनाव और संसदीय बोर्ड के गठन को लेकर कहा कि चुनाव बाद आपसी विचार-विमर्श के बाद कदम इस दिशा में कदम उठाए जाएंगे।

कांग्रेस को नीचा दिखाना भाजपा की फितरत

पार्टी पर गांधी परिवार का वर्चस्व बने रहने और उनके कठपुतली होने के भाजपा के आरोपों पर पलटवार करते हुए खड़गे ने कहा कि कांग्रेस को नीचा दिखाना भाजपा की फितरत है। जवाबी सवाल दागते हुए कहा कि कांग्रेस के चुनाव तो सबके सामने हैं भाजपा बताए उसके अध्यक्ष के कब चुनाव हुए और उनके कौन से डेलीगेट हैं और कौन सा चुनाव प्राधिकरण है।

राजनीति में नहीं आना चाहती थीं सोनिया गांधी

खड़गे ने कहा- जहां तक गांधी परिवार की बात है तो सोनिया गांधी राजनीति में नहीं आना चाहती थीं मगर कांग्रेस की मजबूती और देश की जरूरत के लिए हम सब उन्हें ले आए और अध्यक्ष बनाया। पार्टी 2004 से दस साल सत्ता में रही मगर सोनिया या राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री बनने की कोशिश कभी नहीं की बल्कि पार्टी और देश के लिए त्याग और कुर्बानी दी है। खड़गे ने अध्यक्ष बनने के बाद पार्टी में सामूहिक राय से फैसले लेने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए सभी नेताओं के साथ गांधी परिवार से भी मशविरा करने की बात कही। 

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