कांग्रेस का PM पर पलटवार, कहा- 'असल मुद्दे उठाना ड्रामा नहीं, संसद में चर्चा नहीं होने देना ड्रामेबाजी की डिलीवरी'
प्रधानमंत्री मोदी के 'ड्रामा नहीं डिलीवरी' वाले बयान पर कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा कि असली मुद्दे उठाना ड्रामा नहीं है। मल्लिकार्जुन खरगे ने सरकार पर संसदीय मर्यादा को कुचलने का आरोप लगाया। प्रियंका गांधी ने दिल्ली में प्रदूषण के मुद्दे पर चर्चा न होने पर सवाल उठाया और कहा कि संसद में जनता से जुड़े मुद्दों पर बात होनी चाहिए।
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कांग्रेस का PM पर पलटवार (फाइल फोटो)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। संसद के शीत सत्र में सदन की बैठक से पहले ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'ड्रामा नहीं डिलीवरी' संबंधी विपक्ष पर किए गए हमलों ने सियासी पारे को गरम कर दिया।
विपक्षी दलों की अगुवाई कर रही कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा कि सच्चाई यही है कि आम आदमी बेरोजगारी, महंगाई, आर्थिक असमानता और देश के बहुमूल्य संसाधनों की लूट से जूझ रहा है और सत्ता में बैठे लोग सत्ता के अहंकार में ड्रामेबाजी का खेल, खेल रहे हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष तथा राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से लेकर पार्टी सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने ड्रामेबाजी वाले बयान को लेकर पीएम मोदी पर तीखा हमला भी किया। मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम के संबोधन के बाद जवाबी प्रहार करते हुए एक्स पोस्ट में कहा कि शीतकालीन सत्र के पहले दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने संसद के समक्ष मुख्य मुद्दों की बात करने के बजाय फिर से 'ड्रामेबाजी की डिलीवरी' की है। असलियत यह है कि संसदीय मर्यादा और संसदीय प्रणाली को पिछले 11 साल से सरकार ने लगातार कुचला है उसकी लंबी फेहरिस्त है ।
पिछले मानसून सत्र में कितने विधेयक हुए थे पारित
पिछले मानसून सत्र में ही कम से कम 12 विधेयक जल्दबाजी में पारित कर दिए गए, कुछ 15 मिनट से भी कम समय में और कुछ बिना किसी चर्चा के। पूरे देश ने पहले भी देखा है किस तरह आपने किसान विरोधी काले क़ानून, GST, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता जैसे बिल संसद में आनन्-फानन में बुलडोज किए।
खरगे ने कहा कि इसी संसद में जब मणिपुर का मुद्दा उठा, तो तब तक पीएम चुप रहे, जब तक विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया। एसआइआर प्रक्रिया में काम के बोझ के कारण बीएलओ लगातार जान दे रहे हैं। विपक्ष 'वोट चोरी' सहित अन्य मुद्दों को प्राथमिकता देना चाहता है और संसद में हम इसे लगातार उठाएंगे।
उन्होंने कहा कि भाजपा को अब ध्यान भटकाने का ड्रामा खत्म करना चाहिए और जनता के असली मुद्दों पर संसद में बहस करनी चाहिए। वायनाड लोकसभा की सांसद प्रियंका गांधी ने संसद परिसर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए लोगों से जुड़े मुद्दे उठाना ड्रामा नहीं है, लेकिन उन पर लोकतांत्रिक चर्चा न होने देना ड्रामा है।
दिल्ली-एनसीआर में गंभीर प्रदूषण के हालात और एसआइआर जैसे जनता से जुड़े बेहद जरूरी मुद्दे हैं जिन पर संसद में चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने कहा ''संसद किस लिए है। मुद्दों पर बोलना और मुद्दे उठाना ड्रामा नहीं है। ड्रामा इन मुद्दों पर डेमोक्रेटिक चर्चा न होना है जो जनता के लिए मायने रखते हैं।''
दिल्ली प्रदूषण पर प्रियंका गांधी के सवाल
दिल्ली प्रदूषण प्रियंका ने सवाल उठाया कि हम दिल्ली में वायु प्रदूषण की बात उठा रहे तो सदन में इस पर चर्चा की अनुमति क्यों नहीं है। राजधानी दिल्ली की हवा गुणवत्ता की समस्या को शर्मनाक बताते हुए कहा कि इसकी वजह से बच्चे, बुजुर्गों और पहले से सांस की समस्याओं से जूझ रहे लोगों की सेहत बचाने के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए।
प्रियंका ने कहा ''मुझे सच में लगता है कि यह स्थिति शर्मनाक है। यह हमारे देश की राजधानी है। मुझे लगता है कि हमें पार्टियों को अलग रखना चाहिए और सभी को अपनी पूरी ताकत लगानी चाहिए। प्रशासनिक, राजनीतिक, सिविल सोसाइटी, न्यायपालिका और हम सब को कुछ कड़े कदम उठाने चाहिए।''
प्रियंका गांधी ने क्या कहा?
कांग्रेस सांसद ने एक अध्ययन का हवाला देते हुए दावा किया कि प्रदूषण की वजह से 22 लाख बच्चों के फेफड़ों को पक्का नुकसान हुआ है और कोई हमारे बच्चों के साथ ऐसा कैसे कर सकता है। वृद्धजन ही नहीं अस्थमा है और सांस की दूसरी समस्याओं से ग्रसित लोग परेशान हैं तथा अस्पताल सांस की समस्याओं से भरे हुए हैं। हम यहां बैठकर कुछ कैसे नहीं कर सकते।

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