'मैं पार्टी का प्रवक्ता नहीं, देश के लिए बोलता हूं', शशि थरूर ने कांग्रेस को दिखाए तेवर; जानिए पूरा मामला
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने ऑपरेशन सिंदूर के बारे में उनके रुख पर पार्टी की तरफ से लक्ष्मण रेखावाली टिप्पणी पर कहा कि संघर्ष के समय मैंने एक भारतीय के रूप में बात की। मैंने कभी किसी और के लिए बोलने का दिखावा नहीं किया। मैं पार्टी का प्रवक्ता नहीं हूं। मैंने जो कुछ भी कहा है आप उससे सहमत या असहमत हो सकते हैं।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने पार्टी के 'लक्ष्मण रेखा' वाली टिप्पणी पर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। उन्होंने कहा कि मैं पार्टी का प्रवक्ता नहीं हूं। इस वक्त हमें देश के लिए खड़ा होना चाहिए, खासतौर पर अंतरराष्ट्रीय पटल पर।
दरअसल थरूर ने ऑपरेशन सिंदूर पर केंद्र सरकार की तारीफ की थी। उन्होंने कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर पाकिस्तान और दुनिया के लिए मजबूत संदेश है। इसके बाद कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में कथित तौर पर यह ये कहा गया कि शशि थरूर ने लक्ष्मण रेखा पार कर दी है।
थरूर बोले- मेरे विचार निजी
तिरुवनंतपुरम में पत्रकारों से बात करते हुए थरूर ने कहा कि 'मुझे नहीं पता कि ये सब बातें कहां से आ रही हैं। मैं जब तक वर्किंग कमेटी की मीटिंग में था, तब तक ऐसी कोई बात नहीं हुई। अगर मेरे जाने के बाद ऐसा हुआ, तो मुझे अभी तक जानकारी नहीं दी गई है।'
#WATCH | Thiruvanathapuram | "...At this time, at a time of conflict, I spoke as an Indian. I never pretended to speak for anyone else. I am not a spokesperson for the party. I am not the government spokesperson. Whatever I have said, you may agree or disagree with that, blame it… pic.twitter.com/7xNAU93IyQ
— ANI (@ANI) May 15, 2025
थरूर ने आगे कहा, 'मैंने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि मैं पार्टी का प्रवक्ता नहीं हूं, ना ही मैं सरकार का प्रवक्ता हूं। लोगों को अगर लगता है कि मुझे किसी बारे में जानकारी है, तो वे मेरे व्यूज पूछते हैं। मैं हमेशा कहता हूं कि एक भारतीय के तौर पर मेरे विचार निजी हैं।'
थरूर ने रखा अपना पक्ष
- थरूर ने आगे कहा, 'मेरी पार्टी ने इस विवाद की शुरुआत में ही सरकार और सुरक्षा बलों के प्रति समर्थन जताया था। मेरा बयान उसी के मद्देनजर आया था। मेरे विचार से ये देश का मामला है और ऐसी स्थिति में हमें देश के साथ एकजुट होना चाहिए, खास तौर पर अंतरराष्ट्रीय पटल पर।'
- थरूर ने कहा कि यूएस, यूरोप और मिडिल ईस्ट में एक तौर पर हमारे पॉइंट ऑफ व्यू की कमी थी और जब उन्होंने मुझसे संपर्क किया, तो मुझे लगा कि यह मेरी जिम्मेदारी है कि मैं अपने विचार रखूं। हर कोई मेरे विचार से असहमति व्यक्त करने के लिए आजाद है।
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