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    घोषणापत्र को अपने चुनाव अभियान का आधार स्तंभ बनाने में जुटी Congress, अलग-अलग भाषाओं में छपवाए 8 करोड़ से अधिक गारंटी कार्ड

    Updated: Sat, 06 Apr 2024 10:00 PM (IST)

    कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व अध्यक्ष सोनिया व राहुल गांधी ने राजस्थान और तेलंगाना में साझा रैलियां कर जनता के सामने भी घोषणापत्र को जार ...और पढ़ें

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    घोषणापत्र को अपने चुनाव अभियान का आधार स्तंभ बनाने में जुटी Congress (Image: ANI)

    संजय मिश्र, नई दिल्ली। चुनाव घोषणापत्र जारी करने के अगले ही दिन शनिवार को कांग्रेस ने 2024 के चुनाव के लिए आने प्रचार अभियान की औपचारिक शुरूआत करते हुए इसे रफ्तार देने के भी इरादे साफ कर दिए हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी व राहुल गांधी ने राजस्थान और तेलंगाना में साझा रैलियां कर जनता के सामने भी घोषणापत्र को जारी किया।

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    चुनावी नैरेटिव को जनता से जुड़े मुद्दों और नीतियों पर केंद्रित रखने के प्रयासों में जुटी कांग्रेस घोषणापत्र को अपने चुनाव अभियान का आधार स्तंभ बनाने की गंभीर कोशिश कर रही है। साझा रैलियों में विशेष रूप से पार्टी के चुनावी वादों के दस्तावेज न्याय पत्र को लांच करने की शुरू की गई इस पहल को कांग्रेस ने पूरे देश में ले जाने की व्यापक रूपरेखा भी बनाई है।

    घर-घर गारंटी अभियान के तहत देश के आठ करोड़ परिवारों तक पार्टी कार्यकर्ताओं के जरिए सीधे इसे पहुंचाने का अभियान पहले ही शुरू कर दिया गया है। अभियान को जमीन पर गति देने के लिए कांग्रेस के नेता 10 और 11 अप्रैल को पूरे देश में घोषणापत्र को लेकर विशेष प्रेस कांफ्रेंस करेंगे तथा यह सिलसिला अलग-अलग तरीके से चलता रहेगा।

    पार्टी ने अलग-अलग भाषाओं में घोषणापत्र में शामिल पांच न्याय के तहत 25 गारंटी को लेकर आठ करोड़ से अधिक गारंटी कार्ड अलग-अलग भाषाओं में छपवाए हैं जिन्हें जनता के बीच कार्यकर्ता ले जा रहे हैं। पार्टी सूत्रों ने बताया कि घोषणापत्र को ही चुनाव अभियान का आधार बनाए रखने की गंभीरता इसी से समझी जा सकती है कि पहले और दूसरे चरण में जिन लोकसभा सीटों पर चुनाव होने वाले हैं उन सीटों के कोर्डिनेटरों से कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल रविवार को दो दौर की आनलाइन बैठक कर इसकी समीक्षा करेंगे।

    राज्यों के पार्टी प्रभारियों को भी चुनाव प्रचार अभियान में घोषणापत्र पर विशेष जोर देने के लिए कहा गया है। पार्टी सूत्रों ने कहा कि दरअसल घोषणापत्र को चुनाव अभियान का आधार स्तंभ बनाने की वजह है कि पार्टी राजनीतिक वाद-विवाद के मुद्दों में भाजपा को भावनात्मक दांव चलने का मौका नहीं देने को लेकर सतर्क है। वहीं, सबसे बड़ी चुनोती है कि कांग्रेस के सामने धन का संकट है और संसाधनों की कमी का ही नतीजा है कि पार्टी को इतनी जल्दी घोषणापत्र जारी करने का कदम उठाना पड़ा और पिछले कई दशकों के दौरान घोषणापत्र जारी करने में ऐसी तीव्र गति नहीं दिखाई गई थी।

    सूत्र ने कहा कि चुनाव अभियान के विमर्श को घोषणापत्र के संकल्पों पर लाने के इस प्रयास की एक वजह यह भी है कि भाजपा के 400 पार के नारे के प्रचार के शोर से पार्टी कार्यकर्ताओं में निराशा का भाव न पनप जाए इसलिए जरूरी है कि इसके जरिए यह संदेश दिया जाए कि चुनावी मुकाबला एकतरफा नहीं जैसा प्रचारित किया जा रहा बल्कि कांग्रेस सत्ता में आने के लिए पूरा जोर लगा रही है।

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