AAP के खिलाफ कांग्रेस ने बनाया ये प्लान, हाईकमान का भी मौन समर्थन; दिल्ली के नेता बोले- सब कुछ ठीक रहा तो...
दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान कुछ ही दिनों में होने की उम्मीद है। उससे पहले सभी दलों ने अपना दमखम लगाना शुरू कर दिया है। राष्ट्रीय स्तर पर एक ही गठबंधन में रहने वाली कांग्रेस ने अब आम आदमी पार्टी के खिलाफ आक्रामक अंदाज में हमला बोलना शुरू कर दिया है। कांग्रेस के आरोपों से आप भी तिलमिला उठी है।

संजय मिश्र, जागरण, नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों की अगले कुछ दिनों में होने जा रही घोषणा से पहले ही राजधानी का राजनीतिक पारा इस कदर गरम हो चुका है कि पार्टियों का स्थानीय नेतृत्व आए दिन अपनी-अपनी आक्रामकता की नई लकीर खींच रहा है। सत्ताधारी आम आदमी पार्टी और मुख्य विपक्षी भाजपा में जारी वार-पलटवार के बीच कांग्रेस पार्टी की चुनावी रणनीति भी आप को गहरे रूप से परेशान करती दिख रही है।
आप पर कांग्रेस हुई कांग्रेस
प्रदेश कांग्रेस की ओर से आप पर किए जा रहे तीखे प्रहार राजधानी के चुनाव को दिलचस्प बनाने की दहलीज की ओर बढ़ते दिख रहे हैं। आप सरकार और अरविंद केजरीवाल के खिलाफ प्रदेश कांग्रेस के नेताओं के हमलों की बौछार में अभी तक पार्टी हाईकमान की ओर से किसी तरह की रोक-टोक नहीं की गई है और चुनाव के मद्देनजर स्थानीय कांग्रेस नेता इसे पार्टी के लिए सकारात्मक संकेत के रूप में देख रहे हैं।
तो क्या है कांग्रेस की रणनीति?
राजधानी के पिछले दो चुनावों में पूरी तरह सफाए का सामना कर चुकी प्रदेश कांग्रेस इस बार विधानसभा में अपनी तस्वीर बदलने के लिए ताकत झोंक रही है। ओर हाईकमान के अब तक के मौन समर्थन की रणनीति को पार्टी की चुनावी सेहत के लिहाज से मुफीद मान रहा है। स्थानीय नेताओं का मानना है कि चुनाव की घोषणा के बाद भी प्रदेश कांग्रेस के वर्तमान तेवर में किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं की जाती है तो पार्टी न केवल चुनाव को त्रिकोणीय बनाने में सफल रहेगी बल्कि सम्माजनक सीटें भी हासिल कर सकती है।
कांग्रेस का राष्ट्रीय नेतृत्व भी गंभीर
दरअसल स्थानीय नेताओं की चिंता इसको लेकर है कि आईएनडीआईए गठबंधन की एकता की राष्ट्रीय स्तर की सियासी मजबूरी में शीर्ष नेतृत्व कहीं आप के खिलाफ नरम न पड़ जाए। ऐसा हुआ तो चुनाव अभियान डांवाडोल होने के साथ राजधानी में कांग्रेस को पुनर्जीवित करने के प्रयासों को भी झटका लगेगा। वैसे आप संयोजक अरविंद केजरीवाल के खिलाफ संदीप दीक्षित जैसे सूबे के बड़े चेहरे को चुनाव मैदान में उतारने के साथ दिल्ली चुनाव के लिए उम्मीदवारों का काफी पहले एलान कर कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व ने अभी तक अपनी गंभीरता दिखाई है।
कांग्रेस के हमलों से तिलमिलाई आप
कांग्रेस के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अजय माकन, संदीप दीक्षित और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष देवेंद्र यादव आप सरकार ही नहीं अरविंद केजरीवाल के खिलाफ बेहद तीखे सियासी हमले कर रहे हैं। इनके हमलों को लेकर आप इतनी तिलमिला गई कि उसके नेताओं ने आईएनडीआईए गठबंधन से कांग्रेस को बाहर करने का अन्य विपक्षी दलों के नेताओं से आग्रह तक कर डाला।
आप से नरमी चुनावी आत्महत्या जैसा
बावजूद अभी तक दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के नेता आप सरकार की विफलताओं को अपनी लिस्ट रोजाना गिनाते हुए प्रहार कर रहे हैं। संदीप दीक्षित तो अरविंद केजरीवाल के खिलाफ कुछ वैसे ही कठोर टिप्पणियां कर रहे हैं जैसी 2012-13 में केजरीवाल कांग्रेस और अन्य विपक्षी नेताओं पर करते थे।
दिल्ली चुनाव से जुड़े पार्टी के रणनीतिकार भी मानते हैं कि आप से नरमी का मतलब चुनावी आत्महत्या जैसा होगा क्योंकि केजरीवाल की सत्ता सियासत की इमारत 2013-15 में कांग्रेस की ध्वस्त हुए सामाजिक-राजनीतिक बुनियाद पर खड़ी है। ऐसे में पार्टी को अपना आधार वापस हासिल करने के लिए आप के खिलाफ कुछ वैसा ही सियासी तेवर-कलेवर रखना होगा जैसा वह विरोधियों के खिलाफ करती है।
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