'राजघाट पर प्रणब मुखर्जी का स्मारक RSS प्रेम का उपहार है', कांग्रेस नेता ने कहा- यह मनमोहन सिंह का अपमान
केंद्र सरकार ने राजघाट में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की समाधि बनाने का निर्णय लिया है। केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी को 1 जनवरी को पत्र लिखा। इसमें समाधि बनाने की जानकारी दी। अब केंद्र सरकार के इस एलान पर सियासत भी शुरू हो गई है। कांग्रेस नेता दानिश अली ने केंद्र पर जमकर निशाना साधा।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमरोहा के पूर्व सांसद और कांग्रेस नेता दानिश अली को राजघाट में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के नाम पर स्मारक बनाने का एलान नागवार गुजरा। दानिश अली ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा और राजनीति करने का आरोप भी लगाया।
दानिश अली ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि सरकार का यह फैसला प्रणब मुखर्जी को उनके संघ प्रेम के लिए उपहार है। प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नागपुर मुख्यालय में शीश नवाकर संघ संस्थापक हेडगेवार को धरतीपुत्र की उपाधि से दी थी। उन्होंने संसद भवन में सावरकर की फोटो लगवाने में भी अहम भूमिका निभाई थी।
आर्थिक क्रांति लाने वाले पीएम का घोर अपमान
उन्होंने आगे लिखा कि मोदी सरकार ने मौत पर घिनौनी राजनीति की। समूचे देश ने मनमोहन सिंह के लिए राजघाट स्मारक पर जगह की मांग की। मगर मोदी सरकार ने उसे ठुकराते हुए प्रणब मुखर्जी के स्मारक के लिए उसी स्थान पर जमीन दे दी। यह निम्न स्तर की राजनीति है और देश में आर्थिक क्रांति लाने वाले प्रधानमंत्री का घोर अपमान है।
(कांग्रेस नेता दानिश अली)
परिवार ने कभी नहीं की स्मारक की मांग: शर्मिष्ठा
प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि मेरे परिवार ने कभी स्मारक के लिए कोई विशेष मांग नहीं की थी। मगर पीएम मोदी ने इसके बारे में सोचा। उन्होंने जमीन आवंटित की और पिता की विरासत का सम्मान करने की पहल की।
पत्र के माध्यम से सरकार ने दी जानकारी
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि मुझे 1 जनवरी को केंद्र सरकार से एक पत्र मिला। इसमें बताया गया था कि राजघाट पर दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की समाधि बनाने के लिए भूमि आवंटित की जा रही है। आज मैंने पीएम मोदी से मुलाकात की। मैं पीएम मोदी को धन्यवाद देना चाहती थी।
(प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी)
पिता कहते थे- कभी स्मारक की मांग नहीं की जानी चाहिए
शर्मिष्ठा ने आगे कहा कि मेरे पिता हमेशा कहा करते थे कि स्मारक बनवाना राजकीय सम्मान प्राप्त करने के समान है। इसे कभी मांगा नहीं जाना चाहिए। बल्कि हमेशा इसे पेश किया जाना चाहिए। हमारे परिवार ने कभी स्मारक की मांग नहीं की। मगर पीएम मोदी ने इसके बारे में सोचा और उनके सम्मान में यह स्मारक बनाने की पहल की।
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