'कांग्रेस ने संविधान के ऊपर शरिया को रख दिया था', संसद में सुधांशु त्रिवेदी ने खरगे को दी खुली चुनौती
Rajya Sabha News भाजपा सांसद डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि संविधान में सेक्युलर शब्द का सर्वाधिक दुरुपयोग किया गया। डॉ. आंबेडकर ने इस शब्द को रिजेक्ट किया लेकिन लोकतंत्र के सबसे काले दौर में जब सारा विपक्ष जेल में था तब संविधान की आत्मा कही जाने वाली उद्देशिका में बदलाव कर उस शब्द को जोड़ा गया।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भाजपा पर मनुस्मृति के अनुरूप संविधान बनाने का आरोप लगाया तो उस पर सत्ता पक्ष की ओर से सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने ऐसा करारा पलटवार किया कि विपक्षी खेमा तिलमिला गया।
उन्होंने कांग्रेस शासनकाल में शुरू की गई कई व्यवस्थाओं और कानूनों का उदाहरण देते हुए आरोप लगाया कि मनुस्मृति की बात करने वालों ने संविधान को मौलवी स्क्रिप्ट बनाने का प्रयास किया। उन्होंने विपक्ष की खुली चुनौती दी कि 200 सेक्युलर देशों में ऐसे चार के भी नाम बता दें, जहां संविधान से ऊपर शरिया कानून हो तो वह अपना बयान वापस ले लेंगे।
कांग्रेस ने सेक्युलर शब्द का किया दुरुपयोग
भाजपा सांसद डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि संविधान में सेक्युलर शब्द का सर्वाधिक दुरुपयोग किया गया। डॉ. आंबेडकर ने इस शब्द को रिजेक्ट किया, लेकिन लोकतंत्र के सबसे काले दौर में जब सारा विपक्ष जेल में था, तब संविधान की आत्मा कही जाने वाली उद्देशिका में बदलाव कर उस शब्द को जोड़ा गया।
कांग्रेस ने सरिया को संविधान से ऊपर कर दिया: सुधांशु त्रिवेदी
उन्होंने शाह बानो केस का उदाहरण देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश को रौंदकर शरीया को संविधान से ऊपर कर दिया गया था। दुनिया के किसी सेक्युलर देश में ऐसा उदाहरण नहीं मिलेगा। अपनी तेवरों की धार बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि इन लोगों ने किस तरह काम किया, यह देखने लायक है।
पहले पूजा स्थल कानून आया कि 1947 के पहले की जो स्थिति थी, वही मानी जाएगी, लेकिन उसके बाद वक्फ कानून लाया गया, जो कहता है कि कोई समय सीमा नहीं रहेगी। उन्होंने कहा कि मदरसा बोर्ड, मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड, चार पत्नी रखना, ट्रिपल तलाक, हलाला, मेहरम, बालिका से विवाह करना, तलाकशुदा महिला को कोई मुआवजा न देना, हज सब्सिडी और वक्फ बोर्ड जैसी व्यवस्थाओं को संवैधानिक मान्यता दी गई।
हम मुस्लिम समाज के खिलाफ नहीं हैं: सुधांशु त्रिवेदी
भाजपा सांसद ने विपक्ष पर गंभीर आरोप लगाया कि इन लोगों ने इस संविधान को सेक्युलर का शिकार करते हुए आंशिक रूप से शरिया संविधान बनाने का प्रयास किया, अन्यथा कोई गैर मुस्लिम देश बता दें, जिसमें सुप्रीम कोर्ट से ऊपर शरीया हो।
उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड में मुगलों के जमाने के फरमान को संवैधानिक मान्यता प्राप्त है। यह बाबा साहेब के संविधान पर शरिया के निशान की बात है ये। उन्होंने स्पष्ट किया कि हम मुस्लिम समाज के खिलाफ नहीं, बल्कि तुष्टिकरण और कट्टरपंथ के खिलाफ हैं।
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