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राहुल गांधी के अध्यक्ष पद छोड़ने पर थमा नहीं है कांग्रेस का घमासान, खड़े हुए गंभीर सवाल

कांग्रेस को संकट से बाहर आने के लिए मौजूदा हालातों की समीक्षा तत्काल करने की जरूरत है।

By Tilak RajEdited By: Published: Wed, 09 Oct 2019 08:45 PM (IST)Updated: Wed, 09 Oct 2019 08:45 PM (IST)
राहुल गांधी के अध्यक्ष पद छोड़ने पर थमा नहीं है कांग्रेस का घमासान, खड़े हुए गंभीर सवाल
राहुल गांधी के अध्यक्ष पद छोड़ने पर थमा नहीं है कांग्रेस का घमासान, खड़े हुए गंभीर सवाल

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। राहुल गांधी के अध्यक्ष पद छोड़ने के सदमे से जूझ रही कांग्रेस का अंदरूनी घमासान अभी थमता नहीं दिख रहा। पार्टी के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने कहा है कि इस समय कांग्रेस का सबसे बड़ा संकट यह है कि हमारे नेता राहुल गांधी हमें छोड़कर चले गए और सोनिया गांधी भी अंतरिम अध्यक्ष के रूप में ही काम कर रही हैं। जबकि कांग्रेस को संकट से बाहर आने के लिए मौजूदा हालातों की समीक्षा तत्काल करने की जरूरत है। खुर्शीद ने हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनाव में कांग्रेस की जीत की संभावनाओं पर भी खुद ही सवाल खड़े किए। हालांकि, कांग्रेस ने खुर्शीद की टिप्पणी को उनकी निजी राय बताते हुए पार्टी नेताओं को ऐसी बयानबाजी से बचने की सलाह दी है।

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सलमान खुर्शीद ने बयां किया दर्द

कांग्रेस की नसीहत से पहले सलमान खुर्शीद ने पत्रकारों से कहा, 'हमारा सबसे बड़ा संकट यह है कि हमारे नेता राहुल गांधी इस्तीफा देकर हमें छोड़ कर चले गए, जबकि राहुल गांधी पर अब भी पार्टी की निष्ठा है और जल्दबाजी में उन्होंने अध्यक्ष पद छोड़ दिया। पार्टी में हम सब न केवल चाहते थे, बल्कि चाहते हैं कि राहुल अध्यक्ष रहें। तमाम लोगों ने उनसे बार-बार अनुरोध भी किया और वे शायद पहले नेता हैं जिनमें पार्टी नेताओं को दो चुनाव की हार के बाद भी भरोसा था। मगर उनका अपना मत था कि वे अध्यक्ष नहीं रहेंगे, उनके जाने के बाद कांग्रेस में एक तरह का खालीपन है।'

आखिर कांग्रेस इस हालत में कैसे पहुंच गई

गांधी परिवार के समर्थकों में गिने जाने वाले पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद ने पार्टी की हालत पर चिंता का इजहार करते हुए कहा किलोकसभा चुनाव में हार के बाद राहुल गांधी के इस्तीफे से कांग्रेस का संकट बढ़ा है। राहुल के पद छोड़ने के फैसले के कारण कांग्रेस हार के कारणों की अनिवार्य समीक्षा और आत्ममंथन भी नहीं कर पायी। उनका कहना था कि हमें इस पर भी चिंतन करना होगा कि आखिर कांग्रेस इस हालत में कैसे पहुंच गई है कि न केवल अभी हो रहे विधानसभा चुनावों में ही, बल्कि अपना सियासी भविष्य तक तय नहीं कर पा रहे। साथ ही कांग्रेस का आधार भी कुछ राज्यों तक सिमट गया।

राहुल गांधी के अचानक पद छोड़ने से पैदा हुए हालत

हालांकि, कांग्रेस की नसीहत के बाद हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनाव में पार्टी के नहीं जीत पाने के अपने पूर्व के बयान से खुर्शीद पलट गए। साथ ही कहा कि राहुल के छोड़कर जाने की उनकी टिप्पणी की गलत तरीके से व्याख्या की गई है, मगर पार्टी के हालतों पर की गई टिप्पणी पर वे कायम रहे। मालूम हो कि खुर्शीद ने कहा कि 'मौजूदा हालत में कांग्रेस हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनाव में जीत की उम्मीद नहीं कर सकती।' खुर्शीद ने कहा कि ऐसा नहीं है कि हमें विश्वास नहीं है कि हम वापस नहीं लौटेंगे। अगर लौटने के लिए पूरी तैयारी हो जाए तो यह संभव है। मगर इसके लिए पार्टी को तुरंत कुछ जरूरी कदम उठाने होंगे और इसमें हुई देरी की वजह के लिए भी उन्होंने राहुल गांधी के अचानक पद छोड़ने से पैदा हुए हालत को बताया।

सोनिया गांधी को लेकर भी शुभ संकेत नहीं

सोनिया गांधी के अंतरिम अध्यक्ष बनने के बाद पार्टी की दुविधा में कमी आने का संकेत देने के बावजूद खुर्शीद ने कहा कि मौजूदा अस्थायी व्यवस्था से वे खुश नहीं हैं, क्योंकि सोनिया अंतरिम तौर पर ही पार्टी का संचालन कर रही हैं। उन्होंने उम्मीद जतायी कि विधानसभा चुनावों के बाद सोनिया गांधी स्थायी तौर पर पार्टी अध्यक्ष बन जाएंगी।

कांग्रेस की प्रतिक्रिया

पार्टी के प्रवक्‍ता पवन खेड़ा ने कहा कि सलमान खुर्शीद ने जो कहा है उसका जवाब वही देंगे। पार्टी नेताओं नेताओं को ऐसी बयानबाजी से बचना चाहिए और एकजुट होकर अपना पूरा दमखम हरियाणा व महाराष्ट्र चुनाव में भाजपा को हराने में लगाना चाहिए।


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