कांग्रेस ने शिवाजी पार्क में नहीं बनने दिया था बालासाहेब ठाकरे का स्मारक, खूब हुई थी राजनीति; फिर हुआ ये फैसला
हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे का निधन 17 नवंबर 2012 को हुआ था। चूंकि दादर स्थित शिवाजी पार्क से उनके सामाजिक – राजनीति जीवन का गहरा नाता रहा था इसलिए शिवसेना चाहती थी कि उनका अंतिम संस्कार शिवाजी पार्क में पूरे राजनीतिक सम्मान के साथ हो। लेकिन तब की कांग्रेसनीत सरकार के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चह्वाण उन्हें राजनीतिक सम्मान देने के लिए तैयार नहीं थे।

ओमप्रकाश तिवारी, मुंबई। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के स्मारक को लेकर कांग्रेस आक्रामक है। लेकिन 2012 में महाराष्ट्र की कांग्रेसनीत सरकार ने शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे का स्मारक शिवाजी पार्क में नहीं बनने दिया था। यहां तक कि वह तो बालासाहेब की अंतिम यात्रा को राजकीय सम्मान भी देने को मुश्किल से राजी हुई थी।
खूब हुई थी राजनीति
हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे का निधन 17 नवंबर, 2012 को हुआ था। चूंकि दादर स्थित शिवाजी पार्क से उनके सामाजिक – राजनीति जीवन का गहरा नाता रहा था, इसलिए शिवसेना चाहती थी कि उनका अंतिम संस्कार शिवाजी पार्क में पूरे राजनीतिक सम्मान के साथ हो। लेकिन तब की कांग्रेसनीत सरकार के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चह्वाण उन्हें राजनीतिक सम्मान देने के लिए तैयार नहीं थे।
शिवसेना की तरफ से दी गई धमकी
तब शिवसेना की तरफ से धमकी दी गई कि यदि ठाकरे का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ न हुआ तो वे उनका शव शिवाजी पार्क में ले जाकर रख देंगे। इस धमकी से डरकर कांग्रेस को शिवाजी पार्क में ही पूरे राजकीय सम्मान के साथ शिवाजी पार्क में बालासाहेब ठाकरे के अंतिम संस्कार की अनुमति देनी पड़ी थी।
शिवाजी पार्क में अंतिम संस्कार के बाद ठाकरे परिवार एवं शिवसेना ने अंतिम संस्कार स्थल पर ही शिवसेना संस्थापक की समाधि बना दी। यह स्थल उस स्थान से चंद कदमों की दूरी पर था जहां शिवसेना की ऐतिहासिक दशहरा रैली का मंच लगता था, और उस मंच से शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे करीब 50 वर्ष से भाषण देते आ रहे थे।
कांग्रेस ने नहीं मानी थी शिवसेना की बात
उस समय शिवसेना के हिंदी मुखपत्र दोपहर का सामना के कार्यकारी संपादक रहे भाजपा प्रवक्ता प्रेम शुक्ल बताते हैं कि ठाकरे परिवार उस समाधि स्थल के निकट ही बालासाहेब का स्मारक भी बनवाना चाहती थी। लेकिन तब की कांग्रेस सरकार ने इस बात की अनुमति नहीं दी। यहां तक कि तब सरकार में शामिल रही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि बालासाहेब का स्मारक बनाना है तो शिवाजी पार्क से दूर मातोश्री क्लब में बना ले शिवसेना। बता दें कि यह स्थल शिवाजी पार्क से करीब 12 किमी. दूर है।
करीब साल भर बाद बालासाहेब की प्रथम पुण्यतिथि आने तक भी कांग्रेस न तो शिवाजी पार्क में उनका स्मारक बनवाने के लिए राजी हुई, ना ही कहीं और कोई जगह दे सकी। यहां तक कि वहां बनी समाधि को पक्का किए जाने पर उसे तोड़ने की चेतावनी भी सरकार की ओर से दी गई थी।
2014 में देवेंद्र फडणवीस ने बालासाहेब का स्मारक बनवाया
बताया जाता है कि तब शरद पवार को बीचबचाव कर समाधि शिवाजी पार्क में ही बरकरार रखने एवं स्मारक के लिए कई अन्यत्र जगह देने का निर्णय करवाया गया। लेकिन कांग्रेसनीत सरकार के रहते स्मारक के लिए जगह नहीं दी जा सकी। 2014 में देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनने के बाद फडणवीस ने बालासाहेब ठाकरे की दूसरी पुण्यतिथि पर उनके स्मारक के लिए शिवाजी पार्क के बिल्कुल निकट मेयर बंगलो में स्थान उपलब्ध कराने की घोषणा की। वहां यह स्मारक अब निर्माणाधीन है।
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