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    देश में लगातार कसा जा रहा घुसपैठियों पर शिकंजा, महाराष्ट्र में एक दर्जन से ज्यादा बांग्लादेशी गिरफ्तार

    By Agency Edited By: Jeet Kumar
    Updated: Sun, 29 Dec 2024 02:00 AM (IST)

    नवी मुंबई में पुलिस की सहायता से 24 घंटे के दौरान ठाणे और सोलापुर में कार्रवाई की गई। इस दौरान छह महिलाओं और सात पुरुषों को गिरफ्तार किया है। इन सभी के विरुद्ध विदेशी अधिनियम एवं अन्य संबंधित कानून के तहत तीन मामले पंजीकृत किए गए हैं। इन बांग्लादेशी घुसपैठियों ने जाली दस्तावेज के आधार पर आधार कार्ड जैसे भारतीय दस्तावेज तैयार कराए।

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    महाराष्ट्र में एक दर्जन से ज्यादा बांग्लादेशी घुसपैठिए गिरफ्तार (सांकेतिक तस्वीर)

     पीटीआई, मुंबई। महाराष्ट्र आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीएस) ने छह महिलाओं समेत 16 बांग्लादेशी घुसपैठियों को अवैधरूप से भारत में रहने के लिए गिरफ्तार किया है। एटीएस द्वारा चलाए गए विशेष अभियान के दौरान राज्य में यह गिरफ्तारी की गई है। एक अधिकारी ने कहा कि नवी मुंबई में पुलिस की सहायता से 24 घंटे के दौरान ठाणे और सोलापुर में कार्रवाई की गई।

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    बांग्लादेशी घुसपैठियों ने जाली आधार कार्ड बनवा लिए

    आगे कहा कि हमने छह महिलाओं और सात पुरुषों को गिरफ्तार किया है। इन सभी के विरुद्ध विदेशी अधिनियम एवं अन्य संबंधित कानून के तहत तीन मामले पंजीकृत किए गए हैं। इन बांग्लादेशी घुसपैठियों ने जाली दस्तावेज के आधार पर आधार कार्ड जैसे भारतीय दस्तावेज तैयार कराए।

    एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि एटीएस और पुलिस के संयुक्त दस्ते ने शुक्रवार रात जालना से तीन बांग्लादेशी घुसपैठियों को गिरफ्तार किया। तीनों भोकरदान तालुका में क्रशर मशीन पर काम करते थे।

    भारत में गैरकानूनी रूप से काम कर रहे बांग्लादेशी घुसपैठिए

    आगे कहा कि संयुक्त अभियान में अंवा और कुंभारी गांव से गिरफ्तारी की गई। इन तीनों ने भारत में गैरकानूनी रूप से काम करने के लिए पहचान पत्र में जालसाजी की। ये लोग दो वर्ष से रह रहे थे। इनके विरुद्ध भी मामला पंजीकृत किया गया है।

    2004 में बांग्लादेश भेजा घुसपैठिया, 2022 में फिर लौटा भारत

    आरके पुरम थाने की टीम ने दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे एक बांग्लादेशी को पकड़ा है। आरोपी की पहचान फिरोज मुल्ला निवासी गांव साहिब का हट्टा, मदारीपुर, बांग्लादेश के रूप में हुई है। वह 1990 से 2004 तक दिल्ली के यमुना पुस्ता की ढोलक बस्ती में अवैध रूप से रह रहा था।

    वर्ष 2004 में उसे बांग्लादेश डिपोर्ट किया गया था। वर्ष 2022 में वह फिर से भारत आ गया और दिल्ली में रहने लगा। इस दौरान होटलों और ढाबों पर हेल्पर के तौर पर काम करता रहा। विदेशी नागरिक पंजीयन कार्यालय (एफआरआरओ) को सूचित कर पुलिस ने उसे फिर से बांग्लादेश भिजवाया।

    घुसपैठियों को रोकने के लिए गठित है टीम

    दक्षिणी पश्चिम जिला पुलिस उपायुक्त सुरेंद्र चौधरी ने बताया कि आरके पुरम थाना क्षेत्र में अपराधों को रोकने के साथ ही अवैध रूप से रहने वाले विदेशियों पर नजर रखने के लिए टीम गठित की गई थी। 27 दिसंबर को टीम के सूचना मिली कि एक अवैध बांग्लादेशी आरके पुरम स्थित सेक्टर-2 के हनुमान मजदूर कैंप में किराए पर कमरा तलाश रहा है।

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