'गांधी जी का चश्मा और लाठी', नेहरू-पटेल की दोस्ती का किस्सा सुनाते हुए खरगे ने क्या-क्या कहा?
गुजरात के अहमदाबाद के साबरमती के नजदीक कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक शुरू हो गई है। कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने संबोधन में कहा कि कांग्रेस पार्टी संविधान और संविधान निर्माता दोनों का सम्मान करती है और उसकी रक्षा करना जानती है। खरगे ने कहा कि सरदार पटेल हमारे दिलों में विचारों में बसे हैं और हम उनकी विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गुजरात के अहमदाबाद के साबरमती के नजदीक कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक आज (08 अप्रैल) से शुरू हो गई है। सीडब्ल्यूसी की शुरुआत कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के संबोधन से हुई। खरगे ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जिक्र से अपने संबोधन की शुरुआत की। खरगे ने कहा कि यह साल महात्मा गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने की शताब्दी है।
उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी, सरदार वल्लभ भाई पटेल, दादाभाई नौरोजी जेसे नेताओं का जन्म गुजरात में हुआ था। इन हस्तियों ने कांग्रेस का नाम दुनियाभर में रोशन किया। ये सभी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष भी रहे।
हमारी पार्टी सरदार पटेल की विरासत को बढ़ाएगी आगे: खरगे
कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने संबोधन में ये आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी संविधान और संविधान निर्माता, दोनों का सम्मान करती है और उसकी रक्षा करना जानती है। सरदार पटेल हमारे दिलों में, विचारों में बसे हैं और हम उनकी विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। सीडब्ल्यूसी की बैठक अहमदाबाद के सरदार पटेल म्यूजियम में हमने इसी सोच से रखी है। हम सरदार पटेल को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
उन्होंने कहा,"आज बीजेपी और संघ के लोग गांधी जी से जुड़े संस्थानों पर कब्जा कर उन्हीं के वैचारिक विरोधियों को सौंप रहे हैं। खरगे ने वाराणसी में सर्व सेवा संघ और गुजरात विद्यापीठ के उदाहरण दिए और दावा किया कि गांधीवादी लोग और सहकारिता आंदोलन के लोग हाशिए पर डाले जा रहे हैं। ऐसी सोच के लोग गांधी जी का चश्मा और लाठी तो चुरा सकते हैं, लेकिन उनके आदर्शों पर कभी नहीं चल सकते। गांधी जी की वैचारिक विरासत कांग्रेस पार्टी के पास है।
'हमारी असली ताकत देश की एकता, अखंडता'
कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने आगे कहा,"कांग्रेस को जिन प्रांतों में सबसे अधिक ताकत मिली, उनमें गुजरात अव्वल है। आज हम फिर से प्रेरणा और ताकत लेने यहां आए हैं। उन्होंने कहा कि हमारी असली ताकत देश की एकता, अखंडता और सामाजिक न्याय की विचारधारा है। आज इस विचारधारा को आगे बढाने के लिए जरूरी है कि हम सबसे पहले खुद को मजबूत करें, अपने संगठन को मजबूत करें।
खरगे ने कहा, "आज देश में सांप्रदायिक विभाजन करके बुनियादी मुद्दों से ध्यान भटकाया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर कुलीनतंत्र देश के संसाधनों पर कब्जा करके शासन को नियंत्रित करने की राह पर है।"
खरगे ने नेहरू-पटेल की दोस्ती का किया जिक्र
कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा कि देश में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और सरदार वल्लभभाई पटेल के बीच द्विपक्षीय संबंधों सहित कई राष्ट्रीय नायकों को लेकर "षड्यंत्र" किया जा रहा है। खरगे ने कहा, "मित्रों, पिछले कई सालों से कई राष्ट्रीय नायकों को लेकर एक सुनियोजित साजिश की जा रही है। कांग्रेस पार्टी के खिलाफ माहौल बनाया जा रहा है, जिसका 140 साल तक देश की सेवा करने और लड़ने का गौरवशाली इतिहास रहा है।
यह काम वो लोग कर रहे हैं, जिनके पास अपनी उपलब्धियों के तौर पर दिखाने के लिए कुछ नहीं है। उनके पास स्वतंत्रता संग्राम में अपना योगदान बताने के लिए कुछ नहीं है।" कांग्रेस अध्यक्ष ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि वे यह दिखाने की साजिश कर रहे हैं कि नेहरू और पटेल एक-दूसरे के विरोधी थे, जबकि इसके विपरीत दोनों नेताओं के बीच अच्छे संबंध थे।
उन्होंने कहा, "वे सरदार पटेल और पंडित नेहरू के बीच के रिश्ते को इस तरह से दिखाने की साजिश करते हैं जैसे कि दोनों नायक एक दूसरे के विरोधी थे। जबकि सच्चाई यह है कि वे एक ही सिक्के के दो पहलू थे। कई घटनाएं और दस्तावेज उनके सौहार्दपूर्ण संबंधों के गवाह हैं।
खरगे ने कहा,"मैं विशेष रूप से 1937 में गुजरात विद्यापीठ में सरदार पटेल द्वारा दिए गए भाषण का उल्लेख करना चाहूंगा। उस समय नेहरू जी कांग्रेस के अध्यक्ष थे और गुजरात के युवा चाहते थे कि प्रांतीय चुनावों में प्रचार के लिए नेहरू जी को बुलाया जाए।"
उन्होंने आगे कहा कि सरदार पटेल ने 7 मार्च 1937 को कहा था कि "जिस दिन गुजरात इस चुनाव आंदोलन में विजयी होकर कांग्रेस के प्रति अपनी वफादारी साबित करेगा, हम कांग्रेस अध्यक्ष नेहरूजी का फूलों से स्वागत करेंगे और खुले दिल से उनका स्वागत करेंगे।" आप इससे समझ सकते हैं कि सरदार पटेल नेहरू जी से कितना प्यार करते थे।
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