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    Lok Sabha Elections 2024: कांग्रेस का एलान, लोकसभा चुनाव में प्रत्याशियों के चयन के लिए स्क्रीनिंग कमेटी जल्द

    कांग्रेस कार्यसमिति ने लोकसभा चुनाव की तैयारियों को रफ्तार देने का फैसला करते हुए विपक्षी गठबंधन आईएनडीआईए को भाजपा-एनडीए के खिलाफ एक प्रभावी ढाल और ताकत बनाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने का एलान किया है। बैठक में मध्य प्रदेश और राजस्थान में पार्टी की हार को लेकर हुई गहन समीक्षा के दौरान कमलनाथ तथा अशोक गहलोत समेत पार्टी के वरिष्ठ रणनीतिकारों पर सवालों के तीर भी दागे गए।

    By Jagran News Edited By: Anurag GuptaUpdated: Thu, 21 Dec 2023 11:13 PM (IST)
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    हिंदी पट्टी राज्यों में चुनाव गंवाने के बाद कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक (फोटो: एएनआई)

    संजय मिश्र, नई दिल्ली। कांग्रेस कार्यसमिति ने लोकसभा चुनाव की तैयारियों को रफ्तार देने का फैसला करते हुए विपक्षी गठबंधन आईएनडीआईए को भाजपा-एनडीए के खिलाफ एक प्रभावी ढाल और ताकत बनाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने का एलान किया है।

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    भारत जोड़ो यात्रा का दूसरा चरण

    हिन्दी पट्टी के तीन राज्यों के विधानसभा चुनावों में पार्टी के खराब प्रदर्शन से सबक लेते हुए कांग्रेस ने 2024 के लोकसभा चुनाव के उम्मीदवारों के चयन के लिए जल्द स्क्रीनिंग कमेटी और चुनाव घोषणापत्र समिति बनाने का भी निर्णय लिया है। इसके साथ ही लोकसभा चुनाव में पार्टी के चुनावी अभियान को बड़ा आयाम देने के लिए कार्यसमिति ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का दूसरा चरण शुरू करने के लिए भी हामी भर दी है। देश के पूर्वी हिस्से से पश्चिमी भारत तक की राहुल गांधी की यह यात्रा आमचुनाव में कम समय को देखते हुए हाइब्रिड स्वरूप में होगी।

    लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर हुई कार्यसमिति की बैठक में मध्य प्रदेश और राजस्थान में पार्टी की हार को लेकर हुई गहन समीक्षा के दौरान कमलनाथ तथा अशोक गहलोत समेत पार्टी के वरिष्ठ रणनीतिकारों पर सवालों के तीर भी दागे गए।

    चार घंटे तक चली CWC की बैठक

    आईएनडीआईए की बैठक के दो दिन बाद हुई कार्यसमिति की बैठक में पारित प्रस्ताव में लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए जल्द से जल्द पूरी तरह से तैयार होने का दृढ़ संकल्प व्यक्त करते हुए कहा गया कि एक पार्टी ही नहीं, बल्कि आईएनडीआईए के सदस्य के रूप में हम दोहराते हैं कि भाजपा और उसके सहयोगियों के खिलाफ एक प्रभावी ढाल और ताकत बनाने के लिए कांग्रेस सभी आवश्यक कदम उठाएगी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में चार घंटे तक चली इस बैठक में अधिकांश चर्चा 2024 की चुनावी तैयारियों और हिन्दी पट्टी के तीन राज्यों में हार पर केंद्रित रही।

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    बैठक के बाद क्या कुछ बोले वेणुगोपाल?

    कार्यसमिति की बैठक के बाद पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने पत्रकार वार्ता में लोकसभा चुनाव के उम्मीदवारों के चयन के लिए इसी महीने स्क्रीनिंग कमेटी और अगले दो दिनों में चुनाव घोषणापत्र समिति बनाए जाने की घोषणा की।

    बैठक के दौरान विधानसभा चुनाव के नतीजों को लेकर प्रदेश के प्रभारी महासचिवों की ओर से विस्तृत रिपोर्ट रखे जाने और इस पर चर्चा की पुष्टि करते हुए कहा कि हम मानते हैं कि नतीजे हमारे उम्मीद के मुताबिक नहीं रहे, लेकिन मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में पार्टी का वोट प्रतिशत कायम है और लोकसभा चुनाव के लिए चिंता की बात नहीं है। आम चुनाव की तैयारियों को रफ्तार देने के लिए जनवरी महीने से राज्य स्तरीय कांग्रेस कार्यकर्ता सम्मेलन शुरू हो जाएंगे जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष और तमाम वरिष्ठ नेता भी जाएंगे।

    CWC की बैठक में कई प्रस्ताव पारित

    कांग्रेस कार्यसमिति की ओर से पारित प्रस्ताव में आर्थिक असमानताएं बढ़ने, आवश्यक वस्तुओं के दाम आसमान छूने और नौकरियों का अकाल पड़ने से युवाओं के परेशान होने की बात उठाते हुए कहा गया कि प्रधानमंत्री के दावों और हकीकत में जमीन आसमान का फर्क है। सामाजिक ध्रुवीकरण को चुनावी लाभ के लिए जानबूझकर खतरनाक ढंग से प्रोत्साहित किया जा रहा है। लोकतंत्र खतरे में है और संविधान के तहत नागरिकों को जो स्वतंत्रता मिली हुई है, उस पर आक्रमण हो रहे हैं। आज ये सब कुछ दांव पर है, ऐसे में कांग्रेस नेता एकजुट होकर लोकसभा चुनाव में भाजपा का मुकाबला करने के लिए संकल्प के साथ मैदान में उतरें।

    बैठक में अयोध्या में बन रहे राम मंदिर का मुद्दा भी उठा। इसमें कहा गया कि भाजपा इसे लोकसभा चुनाव में भुनाने का प्रयास करेगी, ऐसे में हमें भी अपनी पूरी तैयारी रखनी होगी। कार्यसमिति की इस बैठक में खरगे और राहुल के अलावा पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत कुल 76 सदस्य मौजूद थे।

    मध्य प्रदेश में हार के लिए निशाने पर रहे कमलनाथ

    सूत्रों के अनुसार, बैठक के दौरान मध्य प्रदेश की हार की समीक्षा के दौरान प्रभारी महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने बूथ और ब्लॉक स्तर पर संगठन की कमजोरी की बात कही तो राहुल गांधी ने इससे असहमति जताते हुए कहा कि ऐसा नहीं है, क्योंकि यहां हम पिछली बार चुनाव जीते थे। छोटी पार्टियों को साथ नहीं लेने की कमलनाथ की चूक की ओर इशारा करते हुए राहुल ने कहा कि जो वोट हमें मिल सकता था, वो भारतीय ट्राइबल पार्टी, बसपा आदि जैसे दलों को चले गए, जिसका हमें नुकसान हुआ।

    कमलनाथ और दिग्विजय पर परोक्ष निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नेताओं ने 140 सीटों का पक्का अनुमान बताया था। केसी वेणुगोपाल ने इसका समर्थन करते हुए कहा कि इन तीनों राज्यों के चुनाव में एआईसीसी का ज्यादा हस्तक्षेप नहीं था।

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    खरगे ने भी नाम लिए बिना कमलनाथ की शैली पर सवाल उठाए और कहा कि मध्य प्रदेश के कुछ वरिष्ठ नेता तो मंच पर ज्यादा देर रुकने के लिए भी तैयार नहीं दिखते थे और उन्हें बोलना पड़ता था कि कुछ समय ठहर जाइए। मुकुल वासनिक ने कांग्रेस की चेहरा नहीं घोषित करने की परंपरा के बावजूद कमलनाथ को मुख्यमंत्री उम्मीदवार बनाए जाने पर सवाल उठाए। सूत्रों के मुताबिक, हनुमान चालीसा का पाठ कराने के कमलनाथ की रणनीति पर भी कुछ सदस्यों ने प्रश्न उठाते हुए कहा कि यह पार्टी की नीति के अनुरूप नहीं था।

    राजस्थान में हार के लिए गहलोत पर उठी अंगुली

    राजस्थान की हार की समीक्षा के दौरान अधिकांश सदस्यों का मानना था कि बड़ी संख्या में विधायकों का टिकट नहीं काटने की चुनाव में कीमत चुकानी पड़ी। जाहिर तौर पर इसको लेकर अशोक गहलोत अपने समर्थक विधायकों को टिकट दिलाने के लिए जोर लगाने के लिए सवालों के निशाने पर रहे।

    सूत्रों के अनुसार, इन चुनाव नतीजों की समीक्षा के क्रम में शशि थरूर ने कहा कि कांग्रेस और विपक्ष, दोनों एक नई चुनौतियों के चुनावी दौर का सामना कर रहे हैं और ऐसे में जिन्हें उम्मीदवार बनाना है, उन्हें कम से कम तीन महीने पहले बता देना चाहिए। खरगे ने बैठक के अपने अध्यक्षीय संबोधन में ही राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के लिए पार्टी नेताओं-कार्यकर्ताओं के साथ जनता की ओर से आ रही मांग का मुद्दा रखा।

    वेणुगोपाल ने बैठक के बाद कहा कि यात्रा शुरू होगी और इसकी रूपरेखा का एलान जल्द किया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि खरगे ने इस दौरान अन्य तमाम वरिष्ठ नेताओं की अधिक सक्रियता की जरूरत बताते हुए कहा कि अकेले राहुल गांधी ही यात्रा क्यों करें? अन्य लोगों को भी ऐसा करना चाहिए।