Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कर्नाटक में 'CM कुर्सी विवाद' के बीच कांग्रेस हाईकमान सख्त, सिद्दरमैया-शिवकुमार के लिए आया मैसेज

    Updated: Fri, 28 Nov 2025 08:54 PM (IST)

    कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच तनाव बढ़ने पर कांग्रेस हाईकमान ने हस्तक्षेप किया है। दोनों नेताओं को विवाद खत्म कर एकजुट होकर काम करने का निर्देश दिया गया है। सोशल मीडिया पर बयानों के बाद पार्टी नेतृत्व नाराज है। सीएम पद को लेकर चल रही चर्चा के बीच हाईकमान ने सख्ती दिखाई है।

    Hero Image

    कर्नाटक में CM कुर्सी विवाद के बीच कांग्रेस हाईकमान की सख्ती (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरमैया और उनके डिप्टी डीके शिवकुमार के बीच चल रहे तनाव ने अचानक जोर पकड़ लिया है। दोनों नेताओं को कांग्रेस हाईकमान ने फोन कर कहा है कि वे इस विवाद को खत्म करें और एकजुट होकर काम करें। सूत्रों के मुताबिक, सोशल मीडिया पर दोनों की ओर से लिखे गए संदेशों ने पार्टी नेतृत्व को नाराज कर दिया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गुरुवार को डीके शिवकुमार ने एक्सपर लिखा, "एक वचन निभाना दुनिया की सबसे बड़ी ताकत है।" उन्होंने आगे लिखा कि हर किसीजज, राष्ट्रपति, या खुद उनके जैसे नेताको अपने शब्द पर टिकना चाहिए। इसे 2023 के उस कथित सत्ता-साझेदारी समझौते की याद दिलाने के तौर पर देखा गया, जिसमें कहा गया था कि ढाई साल बाद उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। हालांकि पार्टी ने कभी इसे आधिकारिक रूप से स्वीकार नहीं किया।

    शिवकुमार की पोस्ट के बाद सिद्दरमैया ने किया पलटवार

    शिवकुमार की पोस्ट के कुछ ही समय बाद, मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने भी एक्सपर एक तंज भरा संदेश लिखा। उन्होंने लिखा, "शब्द तभी शक्ति होते हैं, जब वे जनता का भला करें।" सिद्दरमैया ने कहा कि कर्नाटक की जनता का जनादेश पांच साल का है, यह कोई पलभर का वादा नहीं। इसे शिवकुमार पर सीधा निशाना माना गया।

    एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से कहा कि सोशल मीडिया पर इस तरह की शब्दों की लड़ाई से हाईकमान खुश नहीं है। दोनों नेताओं को कहा गया है कि वे दिल्ली में होने वाली आगे की बैठकों से पहले एकता दिखाएं।

    CM पद को लेकर चर्चा क्यों हुई तेज?

    इस बीच, 2023 के 'रोटेशनल CM फॉर्मूले' की चर्चा फिर तेज हो गई है। माना जाता है कि ढाई साल बाद सत्ता बदलने की बात हुई थी। 20 नवंबर को सरकार के कार्यकाल के आधे रास्ते पूरे होने के बाद यह चर्चा और बढ़ गई।

    'सेंट्रल लीडरशिप जिम्मेदार...', कर्नाटक में पावर पॉलिटिक्स पर वीरप्पा मोइली की दो टूक