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    Cash For Query Case: टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा ने लगाई सुप्रीम कोर्ट में अर्जी, लोकसभा सदस्यता रद्द होने के फैसले को देगी चुनौती

    By AgencyEdited By: Piyush Kumar
    Updated: Mon, 11 Dec 2023 02:27 PM (IST)

    Mahua Moitra कैश फॉर क्वेरी मामले में एथिक्स कमेटी की सिफारिश के बाद महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता रद्द कर दी गई थी। सदस्यता गंवाने के बाद टीएमसी नेता ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। महुआ मोइत्रा पर अदाणी समूह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को निशाना बनाने के लिए कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के कहने पर सदन में सवाल पूछने के बदले रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया था।

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    कैश फॉर क्वेरी मामले लोकसभा सदस्यता गंवाने वाली टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा सुप्रीम कोर्ट पहुंची।(फोटो सोर्स: जागरण)

    एएनआई, नई दिल्ली। Mahua Moitra। टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा ने लोकसभा सदस्यता रद्द करने के फैसले को आज (11 दिसंबर) सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। कैश फॉर क्वेरी मामले में एथिक्स कमेटी की सिफारिश के बाद महुआ की संसद सदस्यता रद्द कर दी गई थी।

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    संसद से अपने निष्कासन को लेकर महुआ मोइत्रा नाराजगी जाहिर कर चुकी हैं। महुआ ने कहा कि एथिक्स कमेटी के पास निष्कासित करने का कोई अधिकार नहीं है। यह आपके (बीजेपी) के अंत की शुरुआत है।

    निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा पर क्या लगाया था आरोप?

    49 साल की महुआ मोइत्रा पर अदाणी समूह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को निशाना बनाने के लिए कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के कहने पर सदन में सवाल पूछने के बदले रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया था। इस मामले पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने वकील जय अनंत देहाद्राई के माध्यम से मोइत्रा के खिलाफ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को शिकायत भेजी थी।

    आरोपों को लगातार निराधार बताती रहीं महुआ

    उनपर आरोप था कि उन्होंने संसदीय वेबसाइट पर एक गोपनीय खाते में लॉग-इन करने के लिए हीरानंदानी को अपनी आईडी और पासवर्ड दे दिया था, ताकि वह सीधे प्रश्न पोस्ट कर सकें। हालांकि, महुआ मोइत्रा ने इस बात को कबूल किया उन्होंने अपनी लोकसभा की लॉग-इन आईडी हीरानंदानी के लोगों को दी थी, लेकिन उन्होंने हीरानंदानी से कोई गिफ्त या पैसे नहीं लिए। वहीं, वो भाजपा सांसद द्वारा अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को लगातार निराधार बताती रहीं हैं।

    आचार समिति ने लोकसभा अध्यक्ष को सौंपी थी रिपोर्ट

    महुआ मोइत्रा पर लगाए गए आरोपों के बाद मामले पर जांच के लिए एक समिति गठित की गई थी। भाजपा सांसद विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता वाली लोकसभा आचार समिति ने इस महीने की शुरुआत में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें मोइत्रा को निष्कासित करने की सिफारिश की गई थी।

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