Move to Jagran APP

सनातन धर्म के विरुद्ध बसपा का भी 'मौन मिशन', वेबसाइट पर अपलोड है हिंदू देवी-देवताओं पर अमर्यादित टिप्पणी करती पुस्तक

राजनीतिक मंचों से सामाजिक समरसता और न्याय के नारे कितने भी बुलंद किए जाएं लेकिन कुछ दल धार्मिक विद्वेष फैलाकर इनके बीच खाई पैदा करने के लिए लगातार प्रयासरत हैं। बसपा की अधिकृत वेबसाइट बीएसपी इंडिया डॉट को डॉट इन पार्टी की सनातन विरोधी तस्वीर दिखाती है। इस वेबसाइट में पार्टी के आंदोलन उपलब्धियों संगठनामक संरचना आदि की जानकारी के साथ ही हमारे आदर्श नाम से एक कॉलम है।

By Jagran NewsEdited By: Anurag GuptaSat, 18 Nov 2023 06:52 PM (IST)
सनातन धर्म के विरुद्ध बसपा का भी 'मौन मिशन', वेबसाइट पर अपलोड है हिंदू देवी-देवताओं पर अमर्यादित टिप्पणी करती पुस्तक
बहुजन समाज पार्टी (फोटो: बीएसपी इंडिया डॉट को डॉट इन)

जितेंद्र शर्मा, नई दिल्ली। राजनीतिक मंचों से सामाजिक समरसता और न्याय के नारे कितने भी बुलंद किए जाएं, लेकिन कुछ दल धार्मिक विद्वेष फैलाकर इनके बीच खाई पैदा करने के लिए लगातार प्रयासरत हैं। तमिलनाडु सरकार में मंत्री डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन, कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के मंत्री प्रियांक खरगे, बिहार सरकार के मंत्री चंद्रशेखर और उत्तर प्रदेश के समाजवादी पार्टी के महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य की सनातन धर्म के विरुद्ध मुखरता सबने सुनी है।

इसी तरह बसपा का भी मौन मिशन सनातन धर्म के खिलाफ लगातार चल रहा है। पार्टी की अधिकृत वेबसाइट पर 'सच्ची रामायण की चाभी' नाम से वह पुस्तक अपलोड है, जिसमें भगवान विष्णु, श्रीराम, माता सीता आदि पर बेहद आपत्तिजनक टिप्पणियां की गई हैं।

दलित वोटों की राजनीति करती हैं बसपा

उत्तर प्रदेश सहित मध्य प्रदेश, राजस्थान, पंजाब और उत्तराखंड आदि राज्यों में बसपा प्रमुख मायावती दलित वोटों की राजनीति करती हैं। बेशक, उनकी ताकत यह वोटबैंक है, लेकिन उन्हें अब तक यूपी की सत्ता तभी मिली है, जब सवर्णों ने उनका साथ दिया। मायावती इसे जानती हैं, इसीलिए उनकी पार्टी का नारा है सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय। साथ ही सोशल इंजीनियरिंग को भी वह अपना चुनावी हथियार बनाती हैं।

यह भी पढ़ें: बसपा प्रत्याशी की बढ़ सकती हैं मुश्किलें! वोटर्स को पैसे बांटते हुए VIDEO वायरल; मामला दर्ज

इसके इतर बसपा की अधिकृत वेबसाइट 'बीएसपी इंडिया डॉट को डॉट इन' पार्टी की सनातन विरोधी तस्वीर दिखाती है। इस वेबसाइट में पार्टी के आंदोलन, उपलब्धियों, संगठनामक संरचना आदि की जानकारी के साथ ही हमारे आदर्श यानी 'अवर आइडियल' नाम से एक कॉलम है। इसमें संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर और बसपा संस्थापक कांशीराम के साथ ही पेरियार ललई सिंह यादव का नाम और जीवनी लिखी है।

इसके साथ ही ललई सिंह की उपलब्धियों के तौर पर लिखा है- 'क्या है सच्ची रामायण और कैसे जीती कानूनी लड़ाई'। इसमें लिखा है कि द्रविड़ आंदोलन के अग्रणी सामाजिक क्रांतिकारी पेरियार ईवी रामासामी नायकर की किताब सच्ची रामायण को पहली बार हिंदी में लाने का श्रेय ललई सिंह यादव को जाता है।

'द रामायना: ए ट्रू रीडिंग'

1968 में ही ललई सिंह ने 'द रामायना: ए ट्रू रीडिंग' का हिंदी अनुवाद कराकर सच्ची रामायण नाम से प्रकाशित कराया। वेबसाइट पर सच्ची रामायण और सच्ची रामायण की चाभी पुस्तक का चित्र चस्पा है और लिंक दिया है- 'पढ़ें सच्ची रामायण'

यह भी पढ़ें: मायावती ने एमपी, छत्तीसगढ़ व राजस्थान व‍िधानसभा चुनाव पर द‍िया बड़ा बयान, कहा- BSP की मजबूत स्‍थ‍ित‍ि देख बौखलाई कांग्रेस

इस लिंक को खोलते ही सामने आता है कि बसपा की वेबसाइट से किस तरह सनातन धर्म के विरुद्ध विषबमन किया जा रहा है। इसमें एक तो रामायण को कल्पना बताया है। साथ ही अपने तरीके से रामायण की व्याख्या करते हुए भगवान विष्णु, श्री राम, माता सीता, राजा दशरथ, राजा जनक सहित कई पात्रों के लिए बहुत ही घृणित शब्दों का प्रयोग किया गया है।

राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि विपक्षी दल इस तरह न सिर्फ हिंदू वर्ग में धार्मिक भेद पैदा करना चाहते हैं, बल्कि यह मुस्लिम वोटों के तुष्टिकरण की भी होड़ है।