जनसंपर्क बढ़ाने के लिए पूरे बंगाल के दुर्गा पूजा मंडपों में बुक स्टाल लगाएगी भाजपा, SIR के प्रचार पर भी जोर
पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा दुर्गा पूजा के दौरान जनसंपर्क बढ़ाने की योजना बना रही है। पार्टी दुर्गा पूजा पंडालों में बुक स्टॉल लगाकर किताबों की बिक्री को बढ़ावा देगी ताकि भाजपा का संदेश अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे। साथ ही मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) के पक्ष में प्रचार पर भी जोर दिया जाएगा।

राजीव कुमार झा, जागरण, कोलकाता। बंगाल में अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले जनसंपर्क बढ़ाने के लिए राज्य में मुख्य विपक्षी भाजपा कोई मौका छोडऩा नहीं चाहती। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस अकेले कोई अवसर का लाभ न उठा ले, इसके लिए भाजपा वामपंथी दलों के नक्शेकदम पर चलते हुए बंगाल के सबसे बड़े त्यौहार दुर्गा पूजा में इस बार पूरे राज्यभर में अधिक से अधिक पूजा मंडपों में बुक स्टाल लगाने जा रही है। पार्टी के राज्य इकाई का लक्ष्य इसके जरिए जनसंपर्क बढ़ाने और पूजा के दौरान किताबों की बिक्री बढ़ाने पर है, ताकि भाजपा का संदेश अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाया जा सके। साथ ही इसके माध्यम से भाजपा मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) के पक्ष में प्रचार पर भी जोर देगी। एसआइआर का तृणमूल पुरजोर विरोध कर रही है।
पार्टी की स्पष्ट रणनीति है कि तृणमूल अकेले कोई अवसर का लाभ न भुना सके, इसलिए हर जगह अपनी उपस्थिति बढ़ाने की कोशिश कर रही है।
बंगाल में दुर्गा पूजा जनसंपर्क का भी बड़ा माध्यम
बताते चलें कि बंगाल में राजनीतिक दलों के लिए दुर्गा पूजा उत्सव जनसंपर्क का भी एक बड़ा माध्यम है। इससे पहले बंगाल में लगातार 34 साल तक राज करने वाला माकपा नीत वाममोर्चा दुर्गा पूजा से सीधे तौर पर नहीं जुड़े होने के बावजूद पंडालों में हर साल बुक स्टाल लगाता रहा है।
2011 में वाममोर्चा को हराकर सत्ता में आने के बाद तृणमूल कांग्रेस भी दुर्गा पूजा के दौरान पंडालों में स्टाल लगाकर अपने मुखपत्र के नाम से कई वर्षों से किताबों की बिक्री करती आ रही है। इसकी देखा-देखी भाजपा भी पिछले कुछ वर्षों से बुक स्टाल लगा रही है, लेकिन इसकी संख्या बहुत कम रही है। इस बार बड़े स्तर पर यह स्टाल लगाने की योजना है।
बंगाल में हैं लगभग 45,000 पूजा कमेटियां हैं
आंकड़ों की बात करें तो बंगाल में इस समय लगभग 45,000 पूजा कमेटियां हैं, जो दुर्गा पूजा का आयोजन करती है। इसमें राजधानी कोलकाता व आसपास के जिलों में प्रमुख पूजा पंडालों में लाखों की भीड़ जुटती है। सत्तारूढ़ तृणमूल के नेता, मंत्री, विधायक, पार्षद इनमें अधिकतर पूजा कमेटियों के साथ जुड़े हुए हैं। वहीं, कुछेक कमेटियों के साथ ही भाजपा नेता जुड़े हैं। सत्ता में आने के बाद से पूजा कमेटियों व क्लबों पर तृणमूल के प्रभाव के बीच भाजपा अपनी उपस्थिति बढ़ाने की लगातार कोशिश कर रही है।
36,000 बुक स्टाल लगाने की योजना
भाजपा सूत्रों के अनुसार, पिछले साल राज्य भर में पूजा के दौरान लगभग 8,000 बुक स्टाल पार्टी द्वारा लगाए गए थे। इस बार प्रदेश नेतृत्व ने इस लक्ष्य को लगभग साढ़े चार गुना बढ़ा दिया है। तय किया गया है कि प्रत्येक मंडल में कम से कम तीन बुक स्टाल खोली जाएंगी।
बड़े मंडलों में यह संख्या चार से पांच होगी। फिलहाल, राज्य में भाजपा के सक्रिय मंडलों की संख्या 12,000 है। इस हिसाब से कम से कम 36,000 बुक स्टाल लगाने की योजना बनाई गई है।
दुर्गा पूजा पूजा समितियों को अनुदान भी देती है ममता सरकार
बताते चलें कि बंगाल सरकार पूजा समितियों को दुर्गा पूजा के आयोजन के लिए हर साल सरकारी अनुदान भी देती है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पूजा समितियों को मिलने वाली वार्षिक अनुदान राशि में इस साल एक बार में 25 हजार रुपये की बढ़ोतरी कर 1.10 लाख रुपये करने की जुलाई में घोषणा की थी। लगभग 45,000 पूजा समितियों में से प्रत्येक को इस बार 1.10 लाख रुपये करके अनुदान राशि दी गई है। सत्ता में आने के बाद ममता सरकार ने ही अनुदान देने की शुरुआत की थी। ममता इस बार 3,000 से अधिक पूजा पंडालों का उद्घाटन करेंगी।
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