महाराष्ट्र में नगर परिषद और नगर पंचायत चुनावों में भाजपा ने निर्विरोध जीतीं 100 सीटें, विपक्ष ने साधा निशाना
महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों के पहले चरण में भाजपा ने नगर परिषद और नगर पंचायत की लगभग 100 सीटें निर्विरोध जीतीं। इस जीत के बाद विपक्ष ने भाजपा पर हमला बोला है। विपक्ष ने परिवारवाद का आरोप लगाया और चुनावों को दिखावा बताया। शिवसेना (UBT) ने राकांपा पर भी निशाना साधा, निष्पक्ष चुनाव पर सवाल उठाए।
-1763996997352.webp)
महाराष्ट्र में नगर परिषद और नगर पंचायत चुनावों में भाजपा ने निर्विरोध जीतीं 100 सीटें (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, मुंबई, 24 नवंबर। स्थानीय निकाय चुनावों के प्रथम चरण में हो रहे नगर परिषद और नगर पंचायत चुनावों में भाजपा ने करीब 100 सीटें निर्विरोध जीत ली हैं। इस जीत पर अब तक भाजपा पर वोट चोरी का आरोप लगाते आ रहे विपक्ष की त्यौरियां और चढ़ गई हैं।
महाराष्ट्र में 246 नगर परिषद एवं 42 नगर पंचायतों के चुनाव हो रहे हैं। इनके लिए दो दिसंबर को मतदान होना है। लेकिन नामांकन प्रक्रिया समाप्त होने के बाद ही भाजपा के करीब 100 उम्मीदवारों को निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया है।
कहां-कहां के हैं निर्वाचित सभासद?
विजेता घोषित हुए नेताओं में कई भाजपा के बड़े नेताओं के परिजन या रिश्तेदार हैं। इससे विपक्ष को भाजपा पर परिवारवाद का आरोप लगाने का मौका भी मिल गया है। प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण के अनुसार निर्विरोध निर्वाचित सभासदों में चार कोंकण क्षेत्र से, 41 पश्चिम महाराष्ट्र से तीन-तीन मराठवाड़ा एवं विदर्भ से तथा सबसे ज्यादा 49 उत्तर महाराष्ट्र से हैं।
उत्तर महाराष्ट्र की जामनेर नगर परिषद से भाजपा के मंत्री गिरीश महाजन की पत्नी साधना निर्विरोध अध्यक्ष चुन ली गई हैं। क्योंकि उनके विरुद्ध पर्चा भरनेवाली कांग्रेस की रूपाली लालवानी एवं दो अन्य उम्मीदवारों ने अपनी उम्मीदवारी ही वापस ले ली थी।
कांग्रेस ने खड़े किए सवाल
इसी प्रकार राज्य सरकार में एक और मंत्री जयकुमार रावल की मां नयन कुंअर रावल डोंडियाचा-वरवाडे नगर परिषद की निर्विरोध अध्यक्ष चुन ली गई हैं। क्योंकि उनके विरुद्ध खड़े शरयू भावसार का पर्चा ही रद्द हो गया। निर्विरोध जीतनेवालों में एक नाम मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के रिश्तेदार आह्लाद कलोटी का है। वह चिखलदरा नगर परिषद के अध्यक्ष चुन लिए गए हैं। फडणवीस सरकार में कई और मंत्रियों के रिश्तेदार भी निर्विरोध जीत गए हैं।
भाजपा की इस जीत ने विपक्षी दलों के कान खड़े कर दिए हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्द्धन सपकाल भाजपा की इस जीत पर सवाल खड़े कर रहे हैं। वह स्थानीय निकाय चुनावों को दिखावा करार देते हुए कहते हैं कि भाजपा बिहार में जंगलराज का प्रचार कर रही थी, अब यहां वह खुद विपक्षी उम्मीदवारों को डरा-धमका रही है।
शिवसेना (UBT) ने साधा निशाना
शिवसेना (यूबीटी) के नेता अंबादास दानवे सरकार में भाजपा की सहयोगी राकांपा पर निशाना साधते हुए कहते हैं कि जब वित्तमंत्रालय के प्रभारी उपमुख्यमंत्री ही वोट के बदले विकास फंड देने की बात खुलेआम कर रहे हों, तो निष्पक्ष चुनाव की बात कैसे सोची जा सकती है।
बता दें कि कुछ दिनों पहले उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने मालेगांव में चुनाव प्रचार करते हुए कहा था कि आपके पास वोट हैं, हमारे पास फंड है। यदि आप हमारे सभी 18 उम्मीदवारों को जिताएंगे, तो हम आपके लिए सब करने को तैयार हैं।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।