चंदे के पैसे से भाजपा हुई मालामाल, पार्टी फंड में कितने रुपये हुए जमा? पढ़ें कांग्रेस समेत अन्य पार्टियां का हाल
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रीय दलों को वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल 12547 चंदों के जरिये 2544.28 करोड़ रुपये मिले। पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले राष्ट्रीय दलों के चंदों में 199 प्रतिशत का अप्रत्याशित उछाल आया है। बसपा ने एक बार फिर 20 हजार रुपये से अधिक के किसी भी चंदे की घोषणा नहीं की। यह पिछले 18 वर्षों से उसके द्वारा दी जा रही जानकारी के अनुरूप है।

पीटीआई, नई दिल्ली। भाजपा सबसे अधिक चंदा पाने वाली राष्ट्रीय पार्टी है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में राष्ट्रीय दलों को मिले कुल चंदों में 88 प्रतिशत केवल भाजपा को ही मिला है। उसे 8,358 चंदादाताओं से 2,243.94 करोड़ रुपये मिले हैं। कांग्रेस 1,994 चंदादाताओं से 281.48 करोड़ रुपए प्राप्त कर दूसरे स्थान पर रही।
एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। यह रिपोर्ट चुनाव आयोग को सौंपे गए डाटा पर आधारित है। इसमें 20 हजार रुपये से अधिक के राजनीतिक चंदे के बारे में जानकारी दी गई है।
रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रीय दलों को वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल 12,547 चंदों के जरिये 2,544.28 करोड़ रुपये मिले। पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले राष्ट्रीय दलों के चंदों में 199 प्रतिशत का अप्रत्याशित उछाल आया है। बसपा ने एक बार फिर 20 हजार रुपये से अधिक के किसी भी चंदे की घोषणा नहीं की। यह पिछले 18 वर्षों से उसके द्वारा दी जा रही जानकारी के अनुरूप है। माकपा ने बेहद कम चंदा मिलने की बात कही है।
कांग्रेस को मिले चंदे में 252.18 प्रतिशत की वृद्धि
कांग्रेस चंदा प्राप्त करने में भले ही दूसरे स्थान पर रही, लेकिन पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले कांग्रेस को मिलने वाले चंदे में 252.18 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। कांग्रेस को 2022-23 में 79.924 करोड़ रुपये चंदा मिला था जो वित्त वर्ष 2023-24 में 281.48 करोड़ रुपये हो गया। पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले भाजपा को मिलने वाले चंदे में 211.72 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उसे वित्त वर्ष 2022-23 में 719.858 करोड़ रुपये का चंदा मिला था।
आप, एनपीपी को मिले चंदे में गिरावट
आम आदमी पार्टी (आप) मिले चंदे में 70.18 प्रतिशत या 26.038 करोड़ रुपये की कमी आई, जबकि एनपीपी के चंदे में 98.02 प्रतिशत या 7.331 करोड़ रुपये की कमी आई। चुनाव आयोग की 30 सितंबर, 2024 की समयसीमा के बावजूद केवल बसपा और आप ने ही समय पर चंदे को लेकर रिपोर्ट पेश की। भाजपा ने 42 दिन की देरी से रिपोर्ट सौंपी, माकपा, कांग्रेस और एनपीपी ने 43, 27 और 23 दिन की देरी से रिपोर्ट पेश की।
किसने दिया कितना चंदा?
- कॉरपोरेट क्षेत्र - 3,755 चंदा रकम- 2,262.55 करोड़ रुपये (कुल दान का 88.92 प्रतिशत)व्यक्तिगत चंदादाता- 8,493 रकम- 270.872 करोड़ रुपये (कुल दान का 10.64 प्रतिशत)
- भाजपा को किससे मिला चंदा - कॉरपोरेट ने 3,478 चंदे में भाजपा को 2,064.58 करोड़ रुपये दिए - 4,628 व्यक्तिगत चंदादाताओं से 169.126 करोड़ रुपये मिले- भाजपा को मिला कारपोरेट चंदा अन्य राष्ट्रीय दलों द्वारा घोषित कॉरपोरेट चंदे (197.97 करोड़ रुपये) से नौ गुना अधिक है।
- कांग्रेस को किससे मिला चंदा - कॉरपोरेट से 102 चंदों के जरिये 190.3263 करोड़ रुपये- 1,882 व्यक्तिगत चंदादाताओं से 90.899 करोड़ रुपये।
- अन्य महत्वपूर्ण तथ्य - प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट ने भाजपा, कांग्रेस को मिलाकर कुल 880 करोड़ रुपये चंदा दिया - भाजपा को 723.675 करोड़ रुपये (भाजपा को मिले कुल चंदे का 32.25 प्रतिशत) चंदा दिया- कांग्रेस को 156.4025 करोड़ रुपये (कांग्रेस को मिले कुल चंदे का 55.56 प्रतिशत) चंदा दिया।
- ट्रायम्फ इलेक्टोरल ट्रस्ट ने भाजपा को चार चंदे में 127.50 करोड़ रुपये दिए- डेरिव इन्वेस्टमेंट्स ने भाजपा को 50 करोड़ रुपये, कांग्रेस को 3.20 करोड़ रुपये चंदा दिया- दिनेश चंद्र आर. अग्रवाल इंफ्राक्रान प्राइवेट लिमिटेड ने भाजपा को एक ही चंदे में 30 करोड़ रुपये दिए- एक्मे सोलर एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड ने पांच चंदे के जरिये 51 करोड़ रुपये दिए- भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड ने एक चंदे के जरिये 50 करोड़ रुपये दिए।
- रूंगटा संस प्राइवेट लिमिटेड ने एक ही चंदे में 50 करोड़ रुपये दिए- प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट की रिपोर्ट में भाजपा को 723.78 करोड़ रुपये के 31 चंदा देने की बात कही है, जबकि पार्टी ने अपनी रिपोर्ट में 723.675 करोड़ रुपये मूल्य के 30 चंदा मिलने की बात कही है।
- जयभारत इलेक्टोरल ट्रस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, इसने भाजपा को पांच करोड़ रुपये का चंदा दिया, हालांकि भाजपा की रिपोर्ट में इसका उल्लेख नहीं है।
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