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    OBC कोटे से BJP अध्यक्ष, उपराष्ट्रपति के लिए अल्पसंख्यक कैंडिडेट... फैसला कब? आया अपडेट

    Updated: Fri, 25 Jul 2025 08:36 PM (IST)

    उपराष्ट्रपति पद के अचानक खाली होने और नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव को लेकर भाजपा एक साथ फैसला कर सकती है। प्रधानमंत्री के विदेश दौरे से लौटने के बाद इन मुद्दों पर जल्द ही बैठक होने की संभावना है। भाजपा दोनों पदों के लिए योग्य उम्मीदवारों का चयन करते समय राजनीतिक समीकरणों को ध्यान में रखेगी।

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    भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव लंबे समय से अटका (फोटो: पीटीआई)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अचानक खाली हुए उपराष्ट्रपति पद के साथ ही नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन के लिए भाजपा एक साथ फैसला कर सकती है। इन दोनों पदों के लिए योग्य उम्मीदवारों के चयन में भाजपा सारे राजनीतिक समीकरण साधने की कोशिश करेगी। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री के शनिवार को विदेश दौरे से लौटने के बाद जल्द ही इन मुद्दों को लेकर बैठक होगी।

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    भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया लंबे समय से अटकी हुई थी और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से जल्द ही इसे पूरा किये जाने के संकेत दिए जा रहे थे। लेकिन कई कारणों से शीर्ष स्तर पर इसे लेकर एक भी बैठक नहीं हुई है। इस बीच उपराष्ट्रपति पद से अचानक जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद नई परिस्थिति में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव टलने की आशंका जताई जा रही थी।

    भाजपा और संघ का शीर्ष नेतृत्व लेगा फैसला

    लेकिन भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के अनुसार उपराष्ट्रपति और नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए उम्मीदवार का चयन एक साथ किया जा सकता है। दोनों की प्रक्रिया अलग-अलग है और उसमें कोई टकराव नहीं है। सिर्फ दोनों के लिए उपयुक्त नेता के चयन पर शीर्ष नेतृत्व को फैसला लेना है। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी के विदेश दौरे से लौटने के बाद भाजपा और आरएसएस के शीर्ष नेतृत्व के बीच भाजपा अध्यक्ष पर अंतिम फैसला हो सकता है।

    वहीं उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार तो भाजपा से होगा लेकिन इसकी जानकारी राजग घटक दलों को भी दी जाएगी। वैसे माना जा रहा है कि उपराष्ट्र्पति उम्मीदवार मंत्रियों या लोकसभा सदस्यों में से कोई नहीं होगा। लेकिन वर्तमान या पूर्व सांसद होगा। उपराष्ट्रपति और राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन में भाजपा सारे समीकरण साधने की कोशिश करेगी। क्षमता तो दोनों पदों के लिए जरूरी शर्त है लेकिन जातिगत, क्षेत्रीय और नैरेटिव के समीकरण को भी साधा जाएगा।

    दोनों पदों पर उम्मीदवार का चयन इसी लिहाज से होगा। संभावना जताई जा रही है कि भाजपा अध्यक्ष के लिए जहां ओबीसी पहली पसंद होंगे वहीं उपराष्ट्रपति पद के लिए अगड़ी जाति या अल्पसंख्यक वर्ग पर ध्यान हो सकता है। माना जा रहा है कि अगले एक पखवाड़े में दोनों नामों पर फैसला हो सकता है। उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए अगले हफ्ते सूचना आ सकती है।

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