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    Vice President Election: कब होगा देश के अगले उपराष्ट्रपति का चुनाव, कैसे होती है वोटिंग; कौन लेगा धनखड़ की जगह?

    Updated: Thu, 24 Jul 2025 07:18 AM (IST)

    उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद देश में उपराष्ट्रपति पद के लिए मध्यावधि चुनाव की स्थिति आ गई है। संविधान में उपराष्ट्रपति के कर्तव्यों के निर्वहन के लिए कार्यवाहक का प्रावधान नहीं है इसलिए राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह उनकी अनुपस्थिति में सदन की अध्यक्षता करेंगे। चुनाव आयोग जल्द ही चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करेगा।

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    कार्यकाल पूरा होने से पहले इस्तीफा देने वाले केवल तीन उपराष्ट्रपति (फोटो: पीटीआई)

    जेएनएन, नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के सोमवार रात दिए गए इस्तीफे से देश का दूसरा सबसे बड़ा संवैधानिक पद खाली हो गया है। इसका मतलब है कि उपराष्ट्रपति पद के लिए मध्यावधि चुनाव की नौबत आ गई है। वे भारत के इतिहास में कार्यकाल पूरा होने से पहले इस्तीफा देने वाले केवल तीसरे उपराष्ट्रपति हैं।

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    इससे पहले वीवी गिरि और आर वेंकटरमन ने राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए अपने पद से इस्तीफा दिया था, जिसके बाद क्रमश: गोपाल स्वरूप पाठक और शंकर दयाल शर्मा उपराष्ट्रपति बने थे। आइए जानते हैं इस स्थिति में आगे क्या होगा।

    उपराष्ट्रपति के कर्तव्यों का निर्वहन कौन करेगा?

    भारतीय संविधान में कार्यवाहक उपराष्ट्रपति का प्रविधान नहीं है। हालांकि, उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति भी होते हैं, इसलिए वर्तमान उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह उनकी अनुपस्थिति में सदन की अध्यक्षता करेंगे।

    कब होंगे चुनाव?

    राष्ट्रपति पद के लिए, संविधान के अनुसार रिक्त पद को छह महीने के भीतर भरना आवश्यक है लेकिन उपराष्ट्रपति पद के लिए ऐसी कोई निश्चित समय-सीमा नहीं है। केवल यह आवश्यक है कि पद रिक्त होने के बाद यथाशीघ्र चुनाव कराए जाएं। चुनाव आयोग कार्यक्रम की घोषणा करेगा। यह चुनाव राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव अधिनियम, 1952 के तहत होता है। परंपरा के अनुसार, संसद के किसी भी सदन के महासचिव को बारी-बारी से निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किया जाता है।

    नया उपराष्ट्रपति कितने समय तक पद पर रहेगा?

    ये चुनाव इसलिए हो रहा है क्योंकि जगदीप धनखड़ ने अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया है, लेकिन नया उपराष्ट्रपति पदभार ग्रहण करने की तिथि से पूरे पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा करेगा न कि केवल धनखड़ का शेष कार्यकाल।

    उपराष्ट्रपति का चुनाव कैसे होता है?

    उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों, लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों और मनोनीत सदस्यों से मिलकर बने एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है। राष्ट्रपति चुनाव के विपरीत, इसमें राज्य विधानसभाएं भाग नहीं लेतीं। यह चुनाव संसद भवन में आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार गुप्त मतदान द्वारा सिंगल ट्रांसफरेबल वोट के माध्यम से किया जाता है। प्रत्येक सांसद उम्मीदवारों को वरीयता क्रम के हिसाब से वोट डालता है।

    निर्वाचित होने के लिए, किसी उम्मीदवार को न्यूनतम आवश्यक मतों की संख्या प्राप्त करनी होती है, जिसे कोटा कहा जाता है। इसकी गणना कुल वैध मतों की संख्या को दो से विभाजित करके और एक जोड़कर की जाती है। यदि पहले चरण में कोई भी उम्मीदवार कोटा पार नहीं करता है, तो सबसे कम प्रथम वरीयता वाले मत पाने वाले उम्मीदवार को हटा दिया जाता है, और उनके मत द्वितीय वरीयता के आधार पर शेष उम्मीदवारों को हस्तांतरित कर दिए जाते हैं। यह प्रक्रिया तब तक जारी रहती है जब तक कि एक उम्मीदवार कोटा पार नहीं कर लेता।

    उपराष्ट्रपति पद के लिए पात्रता

    उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ने वाले व्यक्ति को भारत का नागरिक होना चाहिए, कम से कम 35 वर्ष का होना चाहिए, राज्यसभा के लिए निर्वाचित होने के योग्य होना चाहिए और किसी भी संसदीय क्षेत्र में मतदाता के रूप में पंजीकृत होना चाहिए। उन्हें राष्ट्रपति, राज्यपाल या मंत्री जैसे पदों को छोड़कर, केंद्र या राज्य सरकारों के अधीन किसी भी लाभ के पद पर नहीं होना चाहिए।

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