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    'क्या वर्क फ्रॉम जेल का कंसेप्ट देखेगा देश', 130वां संविधान संशोधन बिल का विरोध कर रहे विपक्ष पर BJP का पलटवार

    भाजपा ने 130वें संविधान संशोधन विधेयक का विरोध करने पर विपक्ष की नैतिकता पर सवाल उठाए हैं। प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने पूछा कि क्या देश वर्क फ्राम जेल का कंसेप्ट देखेगा? उन्होंने कहा कि यह विधेयक राजनीति में नैतिकता और सुशासन को मजबूत करेगा भ्रष्टाचार व अपराधीकरण को समाप्त करेगा।

    By Jagran News Edited By: Piyush Kumar Updated: Mon, 25 Aug 2025 11:30 PM (IST)
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    नैतिकता नहीं, निर्लज्जता के साथ है विपक्ष: भाजपा।(फाइल फोटो)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली: मोदी सरकार द्वारा लाए गए 130वें संविधान संशोधन विधेयक का विरोध करने पर भाजपा ने विपक्ष की नैतिकता पर प्रश्न खड़े किए हैं। पार्टी ने कांग्रेस और उसके साथ इस विधेयक के विरुद्ध एकजुटता दिखाने वाले दलों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि विपक्ष नैतिकता के साथ नहीं, निर्लज्जता के साथ है।

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    भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने विपक्ष से सवाल पूछा कि क्या देश वर्क फ्राम होम की तरह वर्क फ्राम जेल का कंसेप्ट देखेगा? क्या कैबिनेट की बैठकें जेल में होंगी? कहा कि भ्रष्टाचारियों का गिरोह एकजुट होकर भ्रष्टाचार और अपराध को समाप्त करने के कानून का विरोध कर रहा है।

    विधेयक से  राजनीति में नैतिकता और सुशासन को मिलेगी मजबूती: बीजेपी

    भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि संविधान संशोधन राजनीति में नैतिकता और सुशासन को मजबूती देगा तथा भ्रष्टाचार व अपराधीकरण को समाप्त करने का एक प्रभावी हथियार बनेगा। यह कानून सुनिश्चित करता है कि कोई भी प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री यदि गंभीर अपराध में 30 दिन तक जेल में रहे और उसे न्यायिक राहत न मिले तो उसे पद छोड़ना पड़ेगा।

    उन्होंने कहा कि जब देश इस पहल का स्वागत कर रहा है, तब कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) जैसी पार्टियां भ्रष्टाचार को संरक्षित करने के लिए इस विधेयक का विरोध कर रही हैं। विपक्ष को भ्रष्टाचार का संरक्षक बताते हुए कहा कि ये लोकतंत्र नहीं, बल्कि अपने परिवार और सत्ता को बचाना चाहते हैं।

    कांग्रेस की निर्लज्ज राजनीति बनाम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नैतिक राजनीति में यही स्पष्ट फर्क है। जेपीसी के बहिष्कार की विपक्षी की तैयारी की ओर इशारा करते हुए पूनावाला ने आम आदमी पार्टी को भी निशाने पर लिया। कहा कि यह बहिष्कार ब्रिगेड उन पार्टियों से भी भरी है, जो भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने के नाम पर बनी थीं, जिन्होंने कभी रामलीला मैदान में टोपी पहनकर लोकपाल लाने और भ्रष्टाचारियों को जेल भेजने के दावे किए थे।

    आज वही लोग ऐसे सियासी धर्मांतरण से गुजरे हैं कि अन्ना से लालू तक, झाड़ू से दारू तक, पाठशाला से मधुशाला तक पहुंच गए हैं। जो लोग भ्रष्टाचारियों को तिहाड़ भेजने की बातें करते थे, उन्होंने तिहाड़ से सरकार चलाने का रिकॉर्ड बनाया।

    भाजपा प्रवक्ता ने विपक्षी दलों के सामाजिक न्याय के दावे पर सवाल उठाए। कहा कि यदि कोई केंद्रीय कर्मचारी या सरकारी कर्मचारी दो दिन तक जेल में रहे तो सीसीएस नियमों के तहत उसे स्वत: निलंबित कर दिया जाता है। वहीं, विपक्ष चाहता है कि मंत्री या मुख्यमंत्री जैसे उच्च पदों पर बैठे लोग जेल से सरकार चलाएं। यह कैसी समानता और सामाजिक न्याय है?

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