'उन्होंने एक्ट पढ़ा नहीं है...', G Ram G को लेकर सोनिया के आरोपों का भाजपा ने किया खंडन; गिनाए फायदे
भाजपा ने सोनिया गांधी द्वारा जी राम जी कानून पर लगाए गए आरोपों का खंडन किया है। अमित मालवीय ने सोनिया गांधी के लेख को राजनीतिक कल्पना बताते हुए कहा कि ...और पढ़ें

भाजपा ने कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जी राम जी कानून पर भाजपा और कांग्रेस की तकरार थमने का नाम नहीं ले रही है। मनरेगा कानून की जगह लेने वाले इस ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना को लेकर कांग्रेस ने केंद्र पर हमला बोला है और इसे रोजगार गारंटी खत्म करने की प्लानिंग का हिस्सा बताया है। जबकि भाजपा ने कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी एक वीडियो जारी कर जी राम जी कानून पर अपनी बात रखी थी और केंद्र सरकार पर निशाना साधा था। अब भाजपा के अमित मालवीय ने इसे खारिज करते हुए कहा कि सोनिया गांधी ने जी राम जी एक्ट नहीं पढा है।
भाजपा ने बोला हमला
द हिंदू में लिखे सोनिया गांधी के लेख को आधार बनाते हुए अमित मालवीय ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा, 'उनका लेख कानून या डेटा के आंकलन से ज्यादा राजनीतिक कल्पना जैसा लगता है। साफ है कि उन्होंने एक्ट नहीं पढ़ा है। उनके तर्क सरासर झूठ पर आधारित हैं।' मालवीय ने कहा कि मनरेगा को नेशनल एडवाइजरी काउंसिल चलाती थी, जो इतनी हावी थी कि उसे सुपर कैबिनेट और तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सुपर कैबिनेट सेक्रेटरी कहकर मजाक उड़ाया जाता था।
रोजगार गारंटी खत्म होने के तर्क पर उन्होंने कहा कि मनरेगा में 100 दिन का काम मिलता था, लेकिन जी राम जी के तहत 125 दिन का मिलेगा। उन्होंने कहा कि मनरेगा आज एक बैकअप सुरक्षा जाल के रूप में काम करता है, न कि ग्रामीण आजीविका की मुख्य विशेषता के रूप में। राज्यों पर बोझ डालने के आरोप पर मालवीय ने कहा कि राज्य पहले से ही सामग्री लागत का 25 प्रतिशत, प्रमुख प्रशासनिक खर्च और बेरोजगारी भत्ते का 100 प्रतिशत वहन करते थे।
मालवीय ने कहा कि 'सिर्फ 2024-25 में 193.67 करोड़ रुपये का गबन हुआ, जिसमें से मुश्किल से 5.32 प्रतिशत की रिकवरी हुई। सिर्फ कागज़ों पर मौजूद नकली काम, मशीनरी द्वारा मजदूरों की जगह लेना, और 23 राज्यों में डिजिटल अटेंडेंस सिस्टम को नज़रअंदाज किया गया। ये मामूली गलतियां नहीं थीं बल्कि गहरी ढांचागत कमियां थीं।'

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