VB-G Ram G: जी राम जी को राष्ट्रपति की मंजूरी, पंचायतों को मिली योजना बनाने की शक्ति; विपक्ष ने उठाए सवाल
राष्ट्रपति ने वीबी-जी राम जी योजना को मंजूरी दी, जिससे पंचायतों को योजना बनाने का अधिकार मिल गया है। इस फैसले से गांवों के विकास की प्रक्रिया में पंचा ...और पढ़ें

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु (फोटो पीटीआई)
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जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश को वर्ष 2047 तक विकसित बनाने के लक्ष्य में गांवों और ग्रामीणों के विकास को बहुत महत्वपूर्ण मानकर चल रही मोदी सरकार की ग्रामीण रोजगार नीति आखिरकार बड़े बदलावों के साथ धरातल पर उतरने जा रही है।
पिछले दिनों शीतकालीन सत्र में संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के भारी विरोध के बीच सरकार ने जिस विकसित भारत- रोजगार और आजीविका के लिए गारंटी मिशन (ग्रामीण) यानी वीबी जी राम जी विधेयक 2025 को पारित कराया, उसे रविवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भी स्वीकृति देते हुए मनरेगा के स्थान पर नए कानून की राह प्रशस्त कर दी है।
रोजगार की वैधानिक गारंटी
एनडीए सरकार द्वारा लाए गए वीबी जी राम जी अधिनियम- 2025 में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। इसके तहत रोजगार की वैधानिक गारंटी को मनेगा में तय सौ दिन से बढ़ाकर 125 दिन कर दिया गया है।
अधिसूचित करने का अधिकार
सरकार इसे अधिनियम का महत्वपूर्ण प्रविधान मानती है कि बुवाई और कटाई के चरम सीजन के दौरान कृषि से संबंधित गतिविधियों के लिए कृषि श्रम की उपलब्धता आसान करने के लिए यह अधिनियम राज्यों को एक वित्तीय वर्ष में कुल 60 दिनों की विराम अवधि अधिसूचित करने का अधिकार देगा।
देरी होने पर विलंब मुआवजा
इस अधिनियम में मजदूरी का भुगतान साप्ताहिक आधार पर या किसी भी स्थिति में कार्य की समाप्ति के पंद्रह दिनों के भीतर किए जाने की अनिवार्यता है। देरी होने पर विलंब मुआवजा दिया जाएगा। यह भी महत्वपूर्ण बदलाव है कि इस कानून के तहत कराए जाने वाले कार्यों को भी सरकार ने निश्चित कर दिया है।
इसके तहत चार प्राथमिक क्षेत्र हैं, जिसमें जल सुरक्षा एवं जल से संबंधित कार्य, मुख्य ग्रामीण अवसंरचना, आजीविका से संबंधित अवसंरचना और प्रतिकूल मौसमी घटनाओं के प्रभाव को कम करने वाले काम।
ग्रामीणों की सहमति
इससे धरातल पर होने वाला काम दिखाई देगा और उसका लाभ भी ग्रामीण विकास में मिलेगा। यह भी महत्वूपर्ण है कि कार्य तय करने का अधिकार पंचायतों को दिया गया है। ग्राम सभाओं के माध्यम से ग्रामीणों की सहमति से गांव की आवश्यकता के आधार पर कार्य निर्धारण होगा।

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