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    वाम के गढ़ में सेंधमारी, बीजेपी ने केरल में 'राजनीतिक आगमन' का मनाया जश्न

    Updated: Fri, 26 Dec 2025 11:20 PM (IST)

    केरल की राजधानी तिरुअनंतपुरम में भाजपा ने मेयर पद जीतकर इतिहास रचा है। वीवी राजेश राज्य में भाजपा के पहले मेयर बने, जो वामपंथियों के गढ़ में पार्टी की ...और पढ़ें

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    BJP ने तिरुअनंतपुरम में मेयर पद का चुनाव जीतकर रचा इतिहास। (X- @RajeevRC_X)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केरल की राजधानी तिरुअनंतपुरम में BJP मेयर पद का चुनाव जीतकर इतिहास रच दिया है। इस जीत के बाद भाजपा में अनोखे अंजाद में जश्न मनाया। भाजपा का सपना साकार हुआ और वीवी राजेश ने मेयर पद की शपथ ली।

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    दशकों तक जहां सीपीएम का दबदबा रहा आज वहां भारत माता की जय के नारे थे। भाजपा कार्यकर्ताओं में गजब का जोश देखने को मिला। उन्होंने 'हमारे प्रिय वीवीआर, हमें आगे से नेतृत्व करें' के नारे भी लगाए।

    वामपंथियों के गढ़ में मजबूत होती भाजपा

    वीवी राजेश ने केरल में भाजपा के पहले मेयर हैं। इस जीत को वामपंथियों के गढ़ केरल में भाजपा के मजबूत होने का संकेत माना जा रहा है। कोडुंगनूर वार्ड से पार्षद राजेश ने शुक्रवार को तिरुअनंतपुरम नगर निगम के मेयर पद के चुनाव में ने 51 वोट हासिल किए। उन्हें भाजपा के 50 पार्षदों के साथ एक निर्दलीय पार्षद का भी समर्थन मिला।

    एलडीएफ के आरपी शिवाजी को 29 वोट मिले, जबकि यूडीएफ के उम्मीदवार केएस सबरिनाथन ने 19 वोट प्राप्त किए, जिनमें से दो वोट बाद में अमान्य घोषित कर दिए गए। एक निर्दलीय पार्षद ने मतदान नहीं किया। राजेश ने तिरुअनंतपुरम निगम के मेयर के रूप में शपथ ले ली है।

    तिरुअनंतपुरम को विकास के मामले शीर्ष पर ले जाना है- वीवी राजेश

    उन्होंने कहा, हमारा लक्ष्य तिरुअनंतपुरम को विकास के मामले में देश के शीर्ष तीन शहरों में से एक बनाना है। हम इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सभी का सहयोग चाहते हैं। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि यह केरल में पार्टी के लिए ऐतिहासिक दिन है। उन्होंने पूर्व डीजीपी आर. श्रीलेखा को इस पद के लिए न चुनने को लेकर किसी विवाद को खारिज किया।

    लगभग तीन दशकों के राजनीतिक सफर में राजेश इससे पहले पार्टी के तिरुअनंतपुरम जिला अध्यक्ष और भाजपा युवा मोर्चा के राज्य अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। राजेश पेशे से वकील हैं और वर्तमान में भाजपा के राज्य सचिव हैं। तिरुअनंतपुरम नगर निगम में वह दूसरी बार पार्षद चुने गए हैं। 2021 के केरल विधानसभा चुनावों में, उन्होंने वट्टियूरकावु से चुनाव लड़ा और माकपा नेता वीके प्रशांत के बाद दूसरे स्थान पर रहे।

    लगभग चार दशक तक वामदलों का गढ़ रहे तिरुअनंतपुरम में भाजपा ने निगम चुनाव में जीत हासिल की है। राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव भी होने हैं। भाजपा, तिरुअनंतपुरम में पार्टी की जीत को केरल में नई शुरुआत के तौर पर देख रही है। भाजपा ने त्रिपुनिथुरा और पलक्कड़ की नगरपालिकाओं में भी जीत हासिल की।

    केरल में तीन नगर निगमों का नेतृत्व करेंगी महिलाएं

    केरल में तीन नगर निगमों में महिलाओ ने नेतृत्व संभाला है। यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) की पार्षद वीके मिनिमोल कोच्चि की मेयर बनी हैं। पी इंदिरा कन्नूर और डा. एन. जस्टिन त्रिचूर की मेयर चुनी गईं।

    पालाई में 21 वर्षीय दीया बिनु बनीं नगरपालिका अध्यक्ष

    21 वर्षीय दीया बिनु पुलिक्कंदम ने केरल के कोट्टायम जिले के पलई नगरपालिका की अध्यक्ष बनकर इतिहास रच दिया। वह देश की सबसे कम उम्र की नगरपालिका अध्यक्ष बन गई हैं। दीया ने अपने पिता बिनु और चाचा बिजू के साथ निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। वह यूडीएफ के समर्थन से नगरपालिका अध्यक्ष बनी हैं।

    पार्षद का दावा- पैसे लेकर बेचा गया महापौर पद

    केरल कांग्रेस में कलह खुलकर सामने आया है। त्रिचूर नगर निगम की चार बार की पार्षद एल. जेम्स ने आरोप लगाया है कि उनकी साथी पार्षद डॉ. एन जस्टिन ने वरिष्ठ नेताओं को पैसे देकर मेयर पद हासिल किया है। जेम्स ने कहा,पार्टी को पैसा चाहिए। मुझे लगता है कि पार्टी पैसे के पीछे पड़ी है। मेरे पास पैसा नहीं है, मै सिर्फ मेहनत कर सकती हूं। उनका (जस्टिन का) परिवार अमीर है। मैं सिर्फ पार्टी के लिए काम कर सकती हूं।

    मुझे बताया गया है कि नेता पैसों से लदे घूम रहे हैं। मुझे नहीं पता कि पैसा कहां गया। मेरे पास पैसा नहीं है। मैं एक किसान परिवार से आती हूं। अगर पार्टी कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई करती है, तो मैं नेताओं को अनुशासन का सबक सिखाऊंगी। मैं नेताओं के बारे में और भी बहुत कुछ उजागर करूंगी। पर्दे के पीछे काम करने वाले ही जानते हैं कि (मेयर के चयन का) मापदंड क्या है।

    इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक वीडी सतीसन ने कहा, किसी भी वरिष्ठ नेता को महापौर के चुनाव में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। यदि कोई शिकायत है तो केपीसीसी उसकी जांच करेगी।

    (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)