बीएस येद्दयुरप्पा के शपथ ग्रहण समारोह में नहीं दिखा केंद्रीय नेतृत्व, जानें क्या है कारण
केंद्रीय नेतृत्व ने कर्नाटक में सरकार गठन के लिए पार्टी नेता बीएस येद्दयुरप्पा को सहमति देने के साथ-साथ सरकार गठन और उसकी स्थायित्व की पूरी जिम्मेदारी ...और पढ़ें
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। गुरुवार को काफी देर रात तक गहन मंथन के बाद भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने कर्नाटक में सरकार गठन के लिए पार्टी नेता बीएस येद्दयुरप्पा को सहमति दे तो दी, लेकिन फिलहाल दूर दूर रहेगा। लिहाजा सरकार गठन और उसके बाद स्थायित्व की पूरी जिम्मेदारी और जवाबदेही भी येद्दयुरप्पा पर ही डाल दी गई है। इससे भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि येद्दयुरप्पा की इच्छा को देखते हुए ही उन्हें अवसर दिया गया है वरना केंद्रीय नेतृत्व कुछ दिन का इंतजार करना चाहता था। हालांकि भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा का विश्वास है कि राज्य में स्थायित्व आएगा। पर वह भी इस सवाल से बचते रहे कि नई सरकार गठन में भाजपा कांग्रेस और जदएस के बागी विधायकों को मौका देगी या उससे दूर रहेगी। नड्डा ने इसकी जवाबदेही भी प्रदेश नेतृत्व पर ही डाल दी।
76 की आयु पार कर चुके येद्दयुरप्पा की जल्दबाजी का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि शुक्रवार को सुबह से खुद ही ट्वीट और बयानों के जरिए वह लगातार यह जानकारी देते रहे कि उन्हें नेतृत्व की अनुमति मिल गई है और शाम को छह बजे वह मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। सूत्रों की मानी जाए तो केंद्रीय नेतृत्व तब तक पूरे प्रकरण से दूर रहेगा जब तक वह सदन में बहुमत साबित नहीं कर देते हैं।
हालांकि सरकार गठन की एक संवैधानिक मजबूरी है कि 31 जुलाई तक सदन से वित्त विधेयक पारित करना है। अगर सदन यह करने की स्थिति में नहीं होगी तो राष्ट्रपति शासन लगाना पड़ता और संसद के जरिए वित्त विधेयक पारित कराना पड़ता ताकि वहां वेतन दिया जा सके। बताते हैं कि भाजपा केंद्रीय नेतृत्व इसके लिए भी तैयार था लेकिन फिलहाल राज्य में भाजपा के सबसे बड़े नेता येद्दयुरप्पा जल्द फैसला चाहते थे।
इधर दिल्ली में पत्रकारों से रूबरू नड्डा कर्नाटक के सवालों पर ज्यादा बोलने से बचे। सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि कर्नाटक में सरकार के गिरने में भाजपा की कोई भूमिका नहीं थी। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पदों पर रहने के लिए भाजपा ने 75 की आयु का एक फार्मूला जरूर तैयार किया है लेकिन येद्दयुरप्पा पहले ही भाजपा विधायक मंडल के नेता थे। वर्तमान स्पीकर के बने रहने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह फैसला वहीं के लोगों को लेना है। मध्य प्रदेश में भाजपा के दो विधायकों के कांग्रेस के साथ देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पार्टी नजर रख रही है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।