'रोहिंग्या वोट बैंक की खातिर...', भाजपा ने ममता बनर्जी पर लगाया चुनाव आयोग को धमकाने का आरोप
भाजपा ने ममता बनर्जी पर मतदाता सूची संशोधन के दौरान अधिकारियों को धमकाने और चुनाव आयोग के निर्देशों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। अमित मालवीय ने कहा कि बनर्जी खुले तौर पर अधिकारियों को धमका रही हैं ताकि वह अपने गैरकानूनी बांग्लादेशी और रोहिंग्या वोट बैंक की रक्षा कर सकें क्योंकि उन्हें पता है कि उनकी पार्टी बोगस वोटों के बिना ढह जाएगी।

पीटीआई, नई दिल्ली। भाजपा ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर राज्य में मतदाता सूची का संशोधन किए जाने के दौरान प्रदेश के अधिकारियों को धमकाने और चुनाव आयोग के निर्देशों का पालन नहीं करने के लिए कहने का आरोप लगाया है।
यह आरोप तब लगाया गया जब बनर्जी ने अपनी सरकार के अधिकारियों को निर्देश दिया कि मतदाता सूची के संशोधन के दौरान लोगों को परेशान नहीं किया जाए और भाजपा व चुनाव आयोग पर आरोप लगाया कि वे बांग्ला बोलने वाले प्रवासियों, अल्पसंख्यकों, ओबीसी और गरीबों को लक्षित करके असली मतदाताओं को हटाने का प्रयास कर रहे हैं।
अमित मालवीय ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए सोमवार को भाजपा के बंगाल के सह-प्रभारी अमित मालवीय ने कहा कि बनर्जी 'खुले तौर पर' अधिकारियों को धमका रही हैं ताकि वह अपने 'गैरकानूनी बांग्लादेशी और रोहिंग्या वोट बैंक' की रक्षा कर सकें, क्योंकि उन्हें पता है कि उनकी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, 'बोगस वोटों के बिना ढह जाएगी'।
'यह उतावलापन क्यों है?'
मालवीय ने एक्स पर पोस्ट में कहा, 'बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अब चुनाव आयोग के अधिकारियों को खुले तौर पर धमका रही हैं। कह रही हैं कि वे राज्य के लिए काम करते हैं और राष्ट्रीय चुनाव आयोग के निर्देशों का पालन नहीं करना चाहिए।'
उन्होंने कहा, 'यह उतावलापन क्यों है? अपने गैरकानूनी बांग्लादेशी और रोहिंग्या वोट बैंक की रक्षा करने के लिए। वह एक साफ, सत्यापित मतदाता सूची का विरोध कर रही हैं क्योंकि तृणमूल कांग्रेस का अस्तित्व नकली मतदाताओं पर निर्भर करता है। ममता बनर्जी जानती हैं कि बोगस वोटों के बिना उनकी पार्टी ढह जाएगी।'
भाजपा नेता ने कहा, 'यह केवल राजनीतिक घमंड नहीं है। यह भारत के संविधान और लोकतंत्र पर सीधा हमला है।' हाल ही में चुनाव आयोग ने सभी मुख्य चुनाव अधिकारियों को बताया है कि बिहार के बाद देश के अन्य सभी राज्यों में मतदाता सूची का संशोधन शुरू होगा। इसके बाद बिरभूम जिले के बोलपुर में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता ने बिहार में चल रहे विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) पर चुनाव आयोग पर हमला किया।
एसआईआर को लेकर चुनाव आयोग पर ममता का हमला
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग केवल तब हस्तक्षेप करता है जब चुनाव की तारीखें घोषित होती हैं। तब तक और उसके बाद भी प्रशासनिक जिम्मेदारी राज्य की होती है। आप राज्य सरकार के कर्मचारी हैं। किसी भी व्यक्ति को अनावश्यक रूप से परेशान न करें। उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया कि कोई भी लंबे समय से मतदाता मनमाने तरीके से सूची से न हटाया जाए।
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