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    Bihar Election: संसद में गूंजेगा वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन का मुद्दा, चुनाव आयोग को घेरने की तैयारी में विपक्ष

    Updated: Wed, 09 Jul 2025 09:54 PM (IST)

    बिहार में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण को लेकर एकजुट विपक्ष सड़क पर उतरा और आगामी मानसून सत्र में भी आवाज उठाएगा। विपक्ष चुनाव आयोग की मंशा पर सवाल उठा रहा है और कानूनी लड़ाई के साथ जनमत तैयार करने पर जोर दे रहा है। आइएनडीआइए गठबंधन संसद में चुनाव की निष्पक्षता पर बहस की मांग करेगा और चुनाव आयोग को निशाने पर लेगा।

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    वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन को संसद में विपक्ष बनाएगा मुद्दा।(फाइल फोटो)

    संजय मिश्र, जागरण। बिहार में मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण (सर) के जरिए सूबे की एक बड़ी आबादी को वोट के अधिकार से वंचित करने का आरोप लगाते हुए सड़क पर उतरा एकजुट विपक्ष आगामी मानसून सत्र में भी इसके खिलाफ मुखर आवाज उठाएगा।

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    चुनाव आयोग की इस कसरत के पीछे की मंशा पर गंभीर सवाल उठा रहे विपक्ष का मानना है कि महाराष्ट्र में 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद पांच महीने में ही 40 लाख लोगों के नाम मतदाता सूची में शामिल किए जाने से बदली राजनीति के परिप्रेक्ष्य में बिहार में कराए जा रहे पुनरीक्षण के खिलाफ कानूनी लड़ाई के साथ-साथ जनमत तैयार करना भी बेहद अहम है।

    इसके मद्देनजर ही सड़क पर राजनीतिक लड़ाई के साथ आइएनडीआइए गठबंधन एकजुट होकर मानसून सत्र में चुनाव की पवित्रता, निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के मुद्दे पर संसद में बहस की मांग करते हुए चुनाव आयोग को निशाने पर लेगा।

    संसद में उठेगा वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन का मुद्दा 

    विपक्षी खेमे की इस मसले पर अगुवाई कर रही कांग्रेस से मिले संकेतों से साफ है कि तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी तथा आम आदमी पार्टी भी चुनाव आयोग के कामकाज में कथित पक्षपात को जोर-शोर से संसद में उठाने पर सहमत है।

    वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन को लेकर विपक्ष एकजुट 

    चुनाव आयोग के पुनरीक्षण के खिलाफ बुधवार को हुए महागठबंधन चक्का जाम में उमड़ी भीड़ से उत्साहित विपक्षी खेमा लोकसभा और राज्यसभा में ''चुनावों की निष्पक्षता व पारदर्शिता तथा चुनाव आयोग के कामकाज'' विषय के बहाने मानसून सत्र के दौरान महाराष्ट्र से लेकर बिहार में आयोग के रवैये पर बहस कराने की मांग करेगा। लोकसभा तथा राज्यसभा दोनों जगहों पर बहस विपक्ष की प्राथमिकता सूची में रहेगा।

    उनके अनुसार विपक्षी दलों में सहमति है कि इस पर बहस कराने से परहेज करने का सरकार को कोई बहाना न मिले इसके मद्देनजर मतविभाजन के नियमों पर जोर देने की बजाय सामान्य चर्चा कराने का ही विपक्ष प्रस्ताव देगा। बिहार के चुनाव में महाराष्ट्र जैसी घटना न हो इसके मद्देनजर समूचा विपक्ष एकजुट है और चुनाव आयोग के कामकाज के तौर-तरीकों को संसद के जरिए जनता के बीच ले जाना जरूरी है।

    मानसून सत्र में पुनरीक्षण मुद्दे को गरमाने की विपक्षी खेमे की पुख्ता तैयारियों का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि महागठबंधन की तमाम पार्टियां जमीनी स्तर पर इस अभियान की खामियों का पुलिंदा जुटा रही हैं जिसे सदन के जरिए देश को बताने की कोशिश होगी।

    कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे तथा लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी के स्तर पर संसद में इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाए जाने के पुख्ता संकेत है। वैसे पुनरीक्षण के खिलाफ चक्का जाम में चुनाव आयोग के खिलाफ सड़क पर उतर कर राहुल गांधी ने महाराष्ट्र की पुनरावृत्ति बिहार में कामयाब नहीं होने देने की ताल ठोक साफ संदेश दे दिया कि बिहार के चुनावी अखाड़े में उतरने से पहले विपक्ष आयोग के कदमों को थामने के लिए अपनी पूरी ताकत लगाएगा।

    आयोग के खिलाफ विपक्ष के हमलावर तेवरों का संकेत देते हुए राहुल गांधी ने पटना में कहा भी कि विपक्ष ने चुनाव चोरी करने का महाराष्ट्र माडल समझ लिया है, इसीलिए चुनाव आयोग अब बिहार मॉडल लाया है जिसे हम कामयाब नहीं होने देंगे। चुनाव आयोग संविधान की रक्षा करने की बजाय राजनीतिक हित साध रहा है। कांग्रेस नेता यह भी कहा कि चुनाव आयुक्त भूल गए कि वह किसी राजनीतिक पार्टी के नहीं हैं उनका काम संविधान की रक्षा करने का है।

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