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    बिहार में सियासी संग्राम के बीच EC ने X पर पोस्ट किया संविधान का अनुच्छेद 326, जानिए क्या है इसका मतलब

    Updated: Wed, 09 Jul 2025 04:03 PM (IST)

    बिहार में वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन विवाद के बीच चुनाव आयोग ने अपने एक्स अकाउंट पर भारत के संविधान के अनुच्छेद 326 को पोस्ट किया है। अनुच्छेद 326 वयस्क मताधिकार के आधार पर चुनावों की गारंटी देता है। भारत का हर नागरिक जो 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र का हो और सामान्य रूप से किसी निर्वाचन क्षेत्र में निवास करता हो

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    चुनाव आयोग ने अपने एक्स अकाउंट पर भारत के संविधान के अनुच्छेद 326 को पोस्ट किया है।(फोटो सोर्स: एक्स हैंडल)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision) के तहत मतदाता सूची पर राजनीतिक घमासान मचा हुआ है।

    राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस से लेकर तमाम विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग के फैसले पर नाराजगी जाहिर की है। इतना ही नहीं आरजेडी सांसद मनोज झा ने तो चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया है।

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    हालांकि, चुनाव आयोग का कहना है संविधान के नियम के तहत ही वोटर लिस्ट का गहन पुनरीक्षण किया जा रहा है। इसी बीच चुनाव आयोग ने अपने एक्स अकाउंट पर भारत के संविधान के अनुच्छेद 326 को पोस्ट किया है।

    क्या कहता है संविधान का अनुच्छेद 326?

    अब आइए जान लेते हैं कि संविधान का अनुच्छेद 326 क्या है। दरअसल, अनुच्छेद 326 वयस्क मताधिकार के आधार पर चुनावों की गारंटी देता है। भारत का हर नागरिक, जो 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र का हो और सामान्य रूप से किसी निर्वाचन क्षेत्र में निवास करता हो, वो मतदाता के रूप में पंजीकरण कराने का हकदार है।

    हालांकि, संविधान के मुताबिक, यदि कोई व्यक्ति के पास देश की नागरिकता साबित करने के लिए पुख्ता प्रमाणपत्र नहीं है, अपराधी है या मानसिक रूप से अस्थिर है तो उसे मतदान का अधिकार नहीं मिलेगा।

    यह भी पढ़ें- Election Commission: क्‍यों, कब और कैसे बना था चुनाव आयोग; पार्टियों के विवाद सुलझाने से लेकर सिंबल आवंटन तक क्‍या-क्‍या हैं अधिकार?

    सरल भाषा में कहें तो यह अनुच्छेद सुनिश्चित करता है कि सभी पात्र नागरिकों को निष्पक्ष और समान रूप से वोट देने का अधिकार मिले। दरअसल, इस पोस्ट के जरिए चुनाव आयोग ये साफ करना चाहता है कि बिहार में चल रहे वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन संवैधानिक तौर पर वैध है।

    क्या है SIR?

    बता दें कि बिहार में चुनाव आयोग ने विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान शुरू किया है। यह अभियान 25 जून से 26 जुलाई तक चलेगा। एसआईआर का उद्देश्य अपात्र नामों को वोटर लिस्ट से हटाना है। वहीं, यह सुनिश्चित करना है कि केवल वैध नागरिकों का ही नाम वोटर लिस्ट में हो।

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